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भारत सरकार ने वर्ष 2027 में होने वाली जनगणना को लेकर आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी दी हैकि यह जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी। गृह मंत्रालय ने जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत नोटिफिकेशन जारी किया है, जिससेस्पष्ट हो गया है कि जनगणना की प्रक्रिया अब शुरू होने जा रही है। कोरोना महामारी के कारण 2021 की जनगणना स्थगित हो गई थी, जिस वजहसे यह जनगणना 16 साल बाद हो रही है।

कोविड-19 के कारण हुई देरी
भारत में हर 10 साल के अंतराल पर जनगणना कराई जाती है। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, जबकि 2021 की जनगणना महामारी के चलतेनहीं हो पाई। अब केंद्र सरकार ने जनगणना 2027 में कराने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अगली जनगणना अब 2035 में होगी। यह दुनिया केसबसे बड़े प्रशासनिक अभियानों में से एक है, जिसे गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर संचालित करते हैं।

दो चरणों में पूरी की जाएगी प्रक्रिया
जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO) के तहत हर घर की भौतिक स्थिति, सुविधाएंऔर परिसंपत्तियों की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में जनसंख्या गणना (Population Enumeration) होगी, जिसमें हर व्यक्ति केसामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय विवरण एकत्र किए जाएंगे।

अलग-अलग तिथियां होंगी संदर्भ आधार
भारत के अधिकांश राज्यों में जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की आधी रात को संदर्भ तिथि माना जाएगा। इस तिथि तक की जानकारी को रिकॉर्डमें दर्ज किया जाएगा। वहीं जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे विशेष भौगोलिक स्थितियों वाले क्षेत्रों में जनगणना प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2026 तक पूरी कर ली जाएगी। इन क्षेत्रों के लिए 1 अक्टूबर 2026 को ही संदर्भ तिथि माना जाएगा, ताकि मौसम संबंधी कठिनाइयों सेबचा जा सके।

21 महीनों में पूरी होगी जनगणना
जनगणना की पूरी प्रक्रिया लगभग 21 महीनों में पूरी की जाएगी। इसमें प्राथमिक आंकड़े मार्च 2027 में जारी कर दिए जाएंगे, जबकि विस्तृतजानकारी वर्ष के अंत तक सार्वजनिक की जाएगी। इसके तहत देश की जनसंख्या, सामाजिक स्थिति और अन्य आंकड़ों का संकलन किया जाएगा।

इस बार होगी जातिवार गणना भी
2027 की जनगणना में जातिवार आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। यह पहली बार होगा जब जातिगत आधार पर भी जानकारी को आधिकारिक रूप सेदर्ज किया जाएगा। यह सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए नीतियां बनाने में सहायक होगा।

बड़ी संख्या में तैनात होंगे कर्मचारी
जनगणना कार्यों के लिए लगभग 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा 1.3 लाख से अधिक जनगणना अधिकारी तैनात किए जाएंगे। यह स्वतंत्रभारत की आठवीं और भारत की कुल 16वीं जनगणना होगी।

डिजिटल माध्यम और स्व-गणना की सुविधा
इस बार जनगणना डिजिटल माध्यम से की जाएगी, जिसमें मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा। नागरिकों को स्वयं अपनी जानकारी दर्जकरने के लिए ‘स्व-गणना’ की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, आधुनिक और सुविधाजनक बनाने की दिशा मेंएक महत्वपूर्ण कदम है।

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