22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 55 दिन बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार से जवाबदेहीकी मांग करते हुए पांच अहम सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि न तो मुख्यधारा की मीडिया, न ही विपक्षी दल और न हीन्यायपालिका ने इस भयावह हमले पर कोई गंभीर सवाल उठाया है।
देश को झकझोर देने वाला हमला
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी, जिनमेंएक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
सुरक्षा में चूक पर सवाल
अभिषेक बनर्जी ने सबसे पहला सवाल उठाते हुए कहा कि चार आतंकी भारत में कैसे दाखिल हुए जबकि सीमा पर सख्त निगरानी रहती है? उन्होंनेपूछा कि इतनी बड़ी सुरक्षा चूक के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है और कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा?
आतंकी नेटवर्क पर पेगासस का इस्तेमाल क्यों नहीं?
दूसरे सवाल में बनर्जी ने पेगासस सॉफ्टवेयर का जिक्र करते हुए कहा कि जब सरकार विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और जजों की निगरानी के लिएपेगासस जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर सकती है, तो आतंकी नेटवर्क पर इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया?
कार्रवाई की स्थिति क्या है?
तीसरे सवाल में उन्होंने पूछा कि अब तक इस आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ क्या ठोस कदम उठाए गए हैं? उन्होंने जानना चाहा किजांच और कार्रवाई किस स्तर पर पहुंची है।
ट्रंप के संघर्षविराम दावे पर चुप्पी क्यों?
चौथे सवाल में बनर्जी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने संघर्षविराम उनकेकहने पर स्वीकार किया। बनर्जी ने सवाल किया कि क्या सरकार ने इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है?
पाकिस्तान को आर्थिक मदद क्यों?
पांचवें और अंतिम सवाल में उन्होंने पूछा कि जब पाकिस्तान भारत में आतंकी हमलों को समर्थन देता है, तो उसे आर्थिक सहायता क्यों दी जाती है?
देश की भावनाओं से समझौता
अपने बयान के अंत में अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह मामला सिर्फ राजनीति का नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की सुरक्षा और भावनाओं का है।उन्होंने खुद को एक जिम्मेदार नागरिक और जनप्रतिनिधि बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा से जुड़ा यह मामला बेहद गंभीर है और इसमें पारदर्शितातथा जवाबदेही जरूरी है।