प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 15 जून 2025 को कहा कि कनाडा में आयोजित होने वाला जी-7 शिखर सम्मेलन एक ऐसा अवसर है, जहां विश्व केअहम मुद्दों और वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) की प्राथमिकताओं पर विचार साझा किए जाएंगे। ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आमतौर परविकासशील और आर्थिक रूप से पिछड़े देशों के लिए किया जाता है।
कनाडा के प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर हो रही यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के आमंत्रण पर कनानास्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि सम्मेलन केदौरान वे विभिन्न देशों के नेताओं के साथ संवाद को लेकर उत्सुक हैं।
आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयासों को मिलेगा बल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी तीन देशों की यात्रा को सीमापार आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन को मज़बूत करने का एक अहम अवसर बताया।उन्होंने कहा कि इस दौरे के जरिए वह साझेदार देशों को भारत के प्रति उनके निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद देंगे और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विकएकजुटता की अपील करेंगे।
साइप्रस की यात्रा: संबंधों को नई दिशा देने का अवसर
प्रधानमंत्री मोदी 15 और 16 जून को साइप्रस का दौरा करेंगे। यह दौरा साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के आमंत्रण पर हो रहा है। उन्होंनेकहा कि साइप्रस न केवल भारत का घनिष्ठ मित्र है, बल्कि भूमध्यसागर और यूरोपीय संघ क्षेत्र में एक अहम रणनीतिक साझेदार भी है।
प्रधानमंत्री के अनुसार, यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के साथ-साथ व्यापार, निवेश, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और जनसंपर्क के क्षेत्र में सहयोगको आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।
क्रोएशिया की पहली प्रधानमंत्री स्तरीय यात्रा
जी-7 सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी क्रोएशिया की यात्रा करेंगे, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। इसदौरान वे राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच और प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और क्रोएशिया के बीच सांस्कृतिक रिश्ते ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं और यह दौरा आपसी हितों वाले क्षेत्रों मेंसहयोग के नए द्वार खोलेगा।