प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में धार्मिक भावनाओं को आहत किया जा रहाहै। उन्होंने कहा कि नगर निगम की कार्य समिति ने 1 मई 2025 को 13 किलोमीटर के क्षेत्र में शराब और मांस की बिक्री पर रोक लगाने का प्रस्तावपारित किया था। बावजूद इसके, आज अयोध्या में कई स्थानों पर शराब की दुकानें खुली हुई हैं।
वीडियो के जरिए दिखाए प्रमाण
प्रेस वार्ता के दौरान एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें अयोध्या के विभिन्न स्थानों जैसे साहबगंज, अंगूरी बाग, विकासगंज और अयोध्या कैंट बसस्टेशन के पास शराब की दुकानों के दृश्य थे। अजय राय ने कहा कि यह सरकार की दोहरी नीति को उजागर करता है—जहां एक ओर हिंदुत्व की बातकी जाती है, वहीं दूसरी ओर श्रीराम की जन्मभूमि को ‘मदिरामय’ बना दिया गया है।
महाकुंभ में हुई भगदड़ पर भी उठाए सवाल
अजय राय ने एक और वीडियो प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकार ने महाकुंभ में 29 जनवरी 2025 को हुई भगदड़ के आंकड़े जनता से छुपाए हैं। उन्होंनेकहा कि जहां सरकार मृतकों की संख्या 37 बता रही है, वहीं एक प्रमुख मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 82 लोगों की मृत्यु हुई थी। इनमें कई कोमुआवजा भी दिया गया, लेकिन प्रक्रिया में भारी अनियमितता पाई गई।
पुलिस द्वारा मुआवजा बांटना असंवैधानिक: राय
उन्होंने आरोप लगाया कि मुआवजे का वितरण राजस्व विभाग के अधिकारियों की बजाय पुलिस के माध्यम से कराया गया, जो कानूनी रूप से गलतहै। उन्होंने सवाल उठाया कि किसके आदेश पर पुलिस ने पैसे बांटे और दस्तखत या अंगूठा लगवाया।
गोविंदाचार्य के भाई को ‘लावारिस’ घोषित कर किया गया अंतिम संस्कार
अजय राय ने दावा किया कि भगदड़ में बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोविंदाचार्य के छोटे भाई के.एन. वासुदेवाचार्य की भी मृत्यु हुई थी। लेकिन उन्हें‘लावारिस’ घोषित कर उनकी अंत्येष्टि काशी के हरिश्चंद्र घाट पर कर दी गई। उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी की असलियत को उजागर करताहै कि वह अपने ही नेताओं के परिवार का सम्मान नहीं कर पा रही है।
सरकारी कर्मचारी की मौत को बताया गया ‘हार्ट अटैक
अजय राय ने गाजीपुर के एक पुलिस दरोगा अंजनी राय का उदाहरण देते हुए बताया कि भगदड़ के दौरान वह ड्यूटी पर थे और उसी दौरान उनकी मृत्युहुई, लेकिन सरकार ने इसे ‘हार्ट अटैक’ बताकर मामले को दबा दिया।
सरकार पर झूठ बोलने और धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप
अजय राय ने यूपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि गेरूआ वस्त्र पहनने वाले संत भी अब जनता से झूठ बोलरहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का काम सिर्फ धार्मिक प्रतीकों का प्रयोग कर लोगों को गुमराह करना और सच्चाई छुपाना रह गया है।