6 जून 2025 को कांग्रेस पार्टी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवेलाइन (USBRL) परियोजना को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और उस विकास कार्य का श्रेय ले रहे हैं, जिसकी शुरुआत पूर्ववर्ती सरकारों नेवर्षों पहले की थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश द्वारा जारी इस बयान में कहा गया कि यह परियोजना कोई नया प्रयास नहीं है, बल्कि इसकीनींव वर्ष 1995 में रखी गई थी। मई 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया था, और इसकेबाद डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में 2005 से 2013 के बीच इस परियोजना के कई चरणों में कार्य और उद्घाटन हुए।
बयान के अनुसार, 2005 में जम्मू और उधमपुर के बीच 53 किलोमीटर की रेललाइन का उद्घाटन किया गया था। इसके बाद 2008 में श्रीनगर सेमंझगाम और अनंतनाग तक रेल सेवा शुरू हुई। 2009 में श्रीनगर से बारामुला और अनंतनाग से काजीगुंड तक रेल संपर्क स्थापित किया गया। 2013 में काजीगुंड से बनिहाल तक 11 किलोमीटर लंबा खंड चालू किया गया, जिसमें एक सुरंग भी शामिल थी। इस प्रकार, 2005 से 2013 तक लगभग135 किलोमीटर की रेललाइन चालू हो चुकी थी।
कांग्रेस का कहना है कि 2014 के बाद सिर्फ बनिहाल से कटरा के बीच का 111 किलोमीटर लंबा रेलखंड पूरा हुआ, जिसके लिए आवश्यक अनुबंधपहले ही किए जा चुके थे। इन कार्यों में कई सार्वजनिक और निजी कंपनियों की भागीदारी रही, जिनमें कोंकण रेलवे, अफकॉन, पीईसी इंडिया औरविदेशी फर्में शामिल थीं।
पार्टी ने इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर की जनता, रेलवे कर्मचारियों और परियोजना निर्माण में लगी सभी कंपनियों को बधाई दी और कहा कि यहपरियोजना देश की सामाजिक एकता, तकनीकी क्षमता और दशकों की निरंतरता का प्रतीक है।