नई दिल्ली, 09 मई | पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों के विरोध और भारतीय सेना के साहस व पराक्रम को सलाम करने के उद्देश्य से कांग्रेसपार्टी ने एक अहम फैसला लिया है। पार्टी ने ऐलान किया है कि पूरे देश में ‘जय हिंद यात्रा’ निकाली जाएगी, जिसमें हर प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्तातिरंगा लेकर सड़क पर उतरेंगे और सेना के साथ एकजुटता जाहिर करेंगे।
कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान पार्टी प्रवक्ता डॉ. रागिनी नायक बसोया ने कहा कि यह वक्त दलगत राजनीति का नहीं है, बल्कि देश कीसीमाओं की रक्षा करने वालों के साथ खड़े होने का है। उन्होंने हाल ही में भारतीय सेना द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना करते हुए कहा किसेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर साहस और रणनीति का जबरदस्त परिचय दिया है।
डॉ. नायक ने कहा, “अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को फिर से उसकी हरकतों का माकूल जवाब दिया जाए। जब भी भारत के तिरंगे पर हमलाहुआ है, देश एकजुट होकर दुश्मनों को करारा जवाब देता आया है।” उन्होंने 1971 के युद्ध और कारगिल विजय का उल्लेख करते हुए भारतीय सेना केगौरवशाली इतिहास की याद दिलाई।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘जय हिंद यात्रा’ का उद्देश्य केवल प्रतीकात्मक समर्थन नहीं है, बल्कि यह दुनिया को यह दिखाने का प्रयास है कि आतंकवाद केखिलाफ भारत की जनता और सभी धर्मों-समुदायों के लोग एक साथ खड़े हैं। इस यात्रा में भाग लेने के लिए उन्होंने सभी देशवासियों से अपील की है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने पहलगाम आतंकी हमले की भी तीखी आलोचना की, जिसमें निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि आतंकियोंको मार गिराने के बावजूद पाकिस्तान की सरकार और सेना का शोक मनाना इस बात का प्रमाण है कि वह एक आतंकवादी राष्ट्र है।
डॉ. रागिनी नायक ने केंद्र सरकार से मांग की कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और पुंछ में मारे गएलोगों के परिजनों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए।
इसके साथ ही कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पाकिस्तान को दिए जा रहे आर्थिक पैकेज का विरोध करते हुए भारत सरकार से इस परआपत्ति दर्ज कराने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि पाकिस्तान इस धन का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने में करेगा।
कुल मिलाकर कांग्रेस ने इस प्रेस वार्ता के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया कि जब बात देश और सेना के सम्मान की हो, तो सियासत नहीं, एकजुटताप्राथमिकता होनी चाहिए।