नई दिल्ली/जम्मू – भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बार फिर तनाव की आहट सुनाई दी है। बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान कीओर से अचानक कई चौकियां खाली कर दी गई हैं और उन पर लगे राष्ट्रीय झंडे भी हटा लिए गए हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जबसीमावर्ती इलाकों में पहले से ही भारी सतर्कता बरती जा रही है। इसके साथ ही पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि देखी गईहै, जिस पर भारत ने सख्त आपत्ति जताते हुए इस्लामाबाद को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है।
सीमा पर अजीब गतिविधि: क्या संकेत दे रहा है पाकिस्तान?
जम्मू और पंजाब की सीमाओं से लगते पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों ने यह देखा कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने कईअग्रिम चौकियों को अचानक खाली कर दिया है। पहले जहां उनके सैनिकों की आवाजाही और गश्त दिखती थी, अब वहां सन्नाटा पसरा हुआ है।इसके अलावा, उन चौकियों पर लहराते पाकिस्तानी झंडे भी हटा दिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, इन गतिविधियों को हल्के में नहीं लिया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह किसी बड़े मंसूबे का हिस्सा हो सकता है — या तो यह पाकिस्तान की तरफ से रणनीतिक बदलाव की तैयारी है या फिर सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ या आतंकी साजिश की कोई पूर्व भूमिका तैयारकी जा रही है।
सीजफायर उल्लंघन से बिगड़ा माहौल
इसी के साथ, जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा, कठुआ और अरनिया सेक्टर में हाल के दिनों में पाकिस्तान द्वारा कई बार संघर्षविराम का उल्लंघन कियागया है। रात के अंधेरे में की गई फायरिंग से गांवों में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गोलियों की आवाजें रातभर गूंजती रहीं, जिससे परिवारों को बंकरों में शरण लेनी पड़ी।
भारत और पाकिस्तान के बीच फरवरी 2021 में हुए सीजफायर समझौते के बाद से सीमा पर अपेक्षाकृत शांति बनी हुई थी। लेकिन अब अचानक इसप्रकार की घटनाएं एक बार फिर दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा कर सकती हैं।
भारत की सख्त चेतावनी
भारत सरकार और सेना ने पाकिस्तान की इन गतिविधियों को गंभीरता से लिया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के उच्चायुक्त कोविदेश मंत्रालय ने तलब किया और स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि अगर सीमा पर उकसावे की कार्रवाई बंद नहीं हुई, तो भारत इसका करारा जवाब देगा।
सेना प्रमुख ने भी सीमावर्ती पोस्ट्स का दौरा किया और जवानों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। BSF और सेना दोनों ही अपने निगरानी तंत्र कोमजबूत कर रही हैं, ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी के जरिए हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
गांवों में डर और सतर्कता दोनों
सीमा से सटे गांवों के लोग एक बार फिर डर के साए में जीने को मजबूर हो गए हैं। हाल ही में कठुआ जिले के एक किसान ने कहा, “दो साल से शांतिथी, अब अचानक रात को फायरिंग होती है, बच्चे डर जाते हैं, स्कूल बंद हो जाते हैं। हम फिर से वही दौर नहीं देखना चाहते।”
प्रशासन ने सीमावर्ती इलाकों में आपातकालीन बंकरों की व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं और पुलिस बल को अतिरिक्त रूप से तैनात कियागया है।
क्या है इसके पीछे की मंशा?
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इस समय आंतरिक रूप से अस्थिर है — राजनीतिक उठा-पटक, आर्थिक संकट और बलूचिस्तान वपीओके में असंतोष अपने चरम पर है। ऐसे में सीमा पर तनाव बढ़ाकर वह आंतरिक समस्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर सकता है।
दूसरा पहलू यह भी है कि आने वाले महीनों में जम्मू-कश्मीर में चुनाव और अमरनाथ यात्रा जैसे संवेदनशील आयोजन प्रस्तावित हैं। पाकिस्तान समर्थितआतंकी संगठनों की कोशिश हो सकती है कि सीमा पर अशांति फैलाई जाए, ताकि भारत को अंदरूनी सुरक्षा मोर्चे पर चुनौती दी जा सके।
भारत की रणनीति स्पष्ट: जवाब में चूक नहीं होगी
सरकारी सूत्रों की मानें तो भारत इस बार रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक नीति अपना सकता है। सीजफायर उल्लंघन के हर प्रयास का मुँहतोड़ जवाबदिया जाएगा। हाल ही में रक्षा मंत्री और गृहमंत्री ने भी संकेत दिए हैं कि “भारत की सेना अब आदेश का इंतजार नहीं करती, कार्रवाई करती है।”