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कांग्रेस पार्टी के नेता और विपक्षी नेता राहुल गांधी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित इंडिया गठबंधन के स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा किए गएप्रदर्शन में छात्रों को संबोधित किया। राहुल गांधी ने इस अवसर पर छात्रों से शिक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने की अपील कीऔर केंद्र सरकार, खासकर RSS और BJP, पर गंभीर आरोप लगाए।

राहुल गांधी ने कहा, “RSS और BJP के लोग आज शैक्षणिक संस्थानों पर कब्जा करने में लगे हुए हैं।” उनका यह बयान देशभर के विश्वविद्यालयोंमें हो रहे तथाकथित बदलावों और वाइस चांसलरों के चयन पर केंद्रित था। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के अधिकांश विश्वविद्यालयों के वाइसचांसलर RSS से जुड़े हुए लोग हैं, और इस बात से छात्रों की स्वतंत्रता और शैक्षणिक गुणवत्ता पर खतरा मंडरा रहा है।

शैक्षणिक संस्थानों पर RSS का प्रभाव
राहुल गांधी ने कहा कि RSS और BJP ने पूरी शिक्षा व्यवस्था को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिशें तेज कर दी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों केसाथ भेदभाव किया जा रहा है, उनके अधिकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है, और शिक्षा के क्षेत्र में धांधली और भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंचचुका है। उनका आरोप था कि इस तरह के हालात में छात्रों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ें और हर प्रकार के अन्याय केखिलाफ आवाज उठाएं।

राहुल गांधी ने दावा किया कि देश के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों में जो वाइस चांसलर नियुक्त किए जा रहे हैं, वे RSS से संबंधित हैं। उनके अनुसार, यह एक ऐसी स्थिति उत्पन्न कर रहा है, जहां शैक्षणिक संस्थानों में लोकतंत्र और स्वतंत्र विचार की गुंजाइश कम हो रही है। उन्होंने कहा कि इस तरहके नियुक्तियां शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता और विविधता की जगह एकतरफा विचारधारा को बढ़ावा देने का प्रयास हैं।

आरोपपेपरलीक और भ्रष्टाचार का आरोप
राहुल गांधी ने शिक्षा क्षेत्र में हो रहे अन्य संकटों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल के समय में पेपरलीक की घटनाओंमें वृद्धि हुई है, और छात्रों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, और यहस्थिति छात्रों और देश के भविष्य के लिए बहुत खतरनाक है।

उन्होंने कहा, “अगर हमारी शिक्षा व्यवस्था RSS के हाथों में चली गई, तो देश में न तो रोजगार मिलेगा और न ही देश का भविष्य सुरक्षित रहेगा।” उनके अनुसार, RSS और BJP की नीतियों के कारण छात्रों की शिक्षा और रोजगार के अवसरों पर गंभीर असर पड़ेगा, और इसका परिणाम देश कीसमृद्धि पर भी पड़ेगा।

देश के लिए खतरा: RSS और BJP का एजेंडा
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि RSS और BJP का उद्देश्य भारत के भविष्य को नियंत्रित करना है और इसके एजुकेशन सिस्टम को अपनी विचारधाराके तहत ढालना है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह प्रक्रिया जारी रही तो देश के लिए यह खतरनाक साबित होगा, क्योंकि इससे न केवल छात्रों काअधिकार छीना जाएगा, बल्कि इससे भारतीय समाज में वैचारिक विविधता और स्वतंत्रता भी खत्म हो सकती है।

उन्होंने यह दावा किया कि आने वाले समय में राज्य विश्वविद्यालयों में भी वाइस चांसलरों की नियुक्ति RSS के चुने हुए लोगों द्वारा की जाएगी।उनका यह मानना था कि अगर इस प्रकार की प्रक्रिया को रोका नहीं गया, तो यह स्थिति देश की शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से RSS के अधीन करसकती है, और इससे देश की सामाजिक और शैक्षणिक संरचना को भारी नुकसान होगा।

छात्रों से अपीलसंघर्ष और एकता की जरूरत
राहुल गांधी ने छात्रों से एकजुट होने और इस लड़ाई में सामूहिक रूप से शामिल होने की अपील की। उनका कहना था, “आज के युवा और छात्र हमारेदेश के भविष्य के निर्माता हैं। इस समय की सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर है कि वे किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं औरअपनी शक्ति का उपयोग करते हुए इस लड़ाई में शामिल हों।”

उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को अपनी शिक्षा और अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा, ताकि एक ऐसा भारत बन सके जहां हर छात्र को समानअवसर मिले और शिक्षा प्रणाली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या पक्षपाती तत्वों का वर्चस्व न हो।








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