
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंफाल में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी पूर्वोत्तर भारत की सदी है. उन्होंने कहा कि इंफालको वह ऐसे शहरों में देखते हैं जो भारत की विकास गति को तेज करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे. मणिपुर में हाल की हिंसा की घटनाओं पर चिंताजताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने राज्य के लोगों से शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ने की अपीलकी. उन्होंने कहा कि अब 21वीं सदी का यह समय उत्तर पूर्व का समय है इसलिए भारत सरकार ने मणिपुर के विकास को निरंतर प्राथमिकता दी है।परिणामस्वरूप, मणिपुर की विकास दर लगातार बढ़ रही है। 2014 से पहले मणिपुर की विकास दर एक प्रतिशत से भी कम थी अब मणिपुर पहलेकी तुलना में कई गुना तेजी से प्रगति कर रहा है मणिपुर में बुनियादी ढांचे के विकास का एक नया युग शुरू हुआ है। मणिपुर में सड़कों और राष्ट्रीयराजमार्गों के निर्माण की गति भी कई गुना बढ़ गई है यहां हर गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए भी तेज गति से काम हो रहा है.
समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज मणिपुर की इस धरती से मैं नेपाल में अपने सहयोगियों से भी बात करूंगा. नेपाल भारत का मित्र है, घनिष्ठ मित्र है हमसाझा इतिहास से, साझा आस्था से जुड़े हैं और साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं आज, देशवासियों की ओर से, मैं श्रीमती सुशीला जी को नेपाल मेंअंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने पर हार्दिक बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि वह नेपाल में शांति, स्थिरता और समृद्धि कामार्ग प्रशस्त करेंगी. सुशीला जी का नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेना महिला सशक्तिकरण का एक बहुत अच्छा उदाहरण है. आज, मैं नेपाल के हर उस व्यक्ति की प्रशंसा करूंगा जिसने इतने अस्थिर वातावरण में भी लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोच्च रखा है… पिछले कुछ दिनोंसे, नेपाल के युवाओं को नेपाल की सड़कों की सफाई और रंग-रोगन में कड़ी मेहनत करते देखा जा सकता है. मैंने सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें भीदेखी हैं उनकी सकारात्मक सोच और सकारात्मक कार्य न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि नेपाल के नए उदय का स्पष्ट संकेत भी हैं। मैं नेपाल को उसकेउज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं.
140 करोड़ देशवासियों की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मणिपुर में किसी भी प्रकार की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। यह हिंसा हमारे पूर्वजों और हमारी आने वाली पीढ़ियों के साथ बहुत बड़ाअन्याय है. इसलिए हमें मणिपुर को शांति और विकास के पथ पर आगे ले जाना है और यह हमें मिलकर करना होगा. हमें भारत के स्वतंत्रता संग्रामऔर भारत की रक्षा में मणिपुर के योगदान से प्रेरणा लेनी होगी. यह मणिपुर की ही भूमि थी जहां आजाद हिंद फौज ने पहली बार तिरंगा फहराया थानेताजी सुभाष ने मणिपुर को भारत की स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार कहा था इस भूमि से अनेक वीरों ने बलिदान दिए हैं. हमारी सरकार मणिपुर के ऐसेप्रत्येक महान व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रही है. हमारी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में माउंटहैरियट का नाम बदलकर माउंट मणिपुर कर दिया गया है यह मणिपुरी स्वतंत्रता सेनानियों को भारत के 140 करोड़ देशवासियों की श्रद्धांजलि है.