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IND vs AUS: टीम इंडिया ने फाइनल की हैट्रिक लगाई, सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया

टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में जगह बनाई है। दुबई के इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए पहले सेमीफाइनल में भारतीय टीम नेऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराया और लगातार तीसरी बार फाइनल में अपनी जगह पक्की की। इस जीत के स्टार खिलाड़ी मोहम्मद शमी और विराटकोहली रहे, जिन्होंने अपनी शानदार प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। शमी ने 4 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को 264 रन पररोकने में मदद की, जबकि कोहली ने बिना शतक बनाए भी टीम को रन चेज में सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया। भारत ने 14 साल बाद आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराया। इससे पहले, 2011 वर्ल्ड कप में भारत ने ऑस्ट्रेलिया कोक्वार्टरफाइनल में हराया था और बाद में खिताब जीता था। इस बार भी, टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में हराकर खिताब की ओर एकऔर कदम बढ़ाया। साथ ही, भारतीय टीम ने लगातार तीसरी बार (2013 और 2017 के बाद) इस टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया, जिससे उन्होंनेफाइनल की हैट्रिक भी पूरी कर ली। 4 मार्च को खेले गए इस पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी आधी ताकत के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि, कई अहम खिलाड़ीपहले ही टीम से बाहर हो चुके थे, फिर भी युवा ऑलराउंडर कूपर कॉनोली और अनुभवी ट्रेविस हेड ने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामकबल्लेबाजी की। हेड ने तेज़ी से रन बनाकर टीम को मुश्किल में डालने की कोशिश की, लेकिन वरुण चक्रवर्ती ने शानदार गेंदबाजी करते हुए उन्हेंपवेलियन भेजा। इसके बाद कप्तान स्टीव स्मिथ ने अर्धशतक लगाया, लेकिन शमी ने उन्हें बोल्ड कर भारत की वापसी कराई और ऑस्ट्रेलिया को बड़ास्कोर बनाने से रोक दिया। अंत में, एलेक्स कैरी ने 61 रन बनाए, लेकिन श्रेयस अय्यर ने उन्हें रन आउट कर ऑस्ट्रेलिया के स्कोर को कम कर दिया।भारतीय गेंदबाजों में शमी ने 3, जबकि जडेजा और चक्रवर्ती ने 2-2 विकेट लिए। भारत के लिए कप्तान रोहित शर्मा ने तेज़ शुरुआत की, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने लगातार कैच छोड़कर भारतीय बल्लेबाजों को शुरुआती दबाव में डालनेका मौका गंवा दिया। इसके बाद शुभमन गिल को बेन ड्वारशुइस ने बोल्ड किया, और फिर रोहित को कॉनोली ने आउट कर पहली सफलता दिलाई।अब ध्यान विराट कोहली पर था, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ चेज करते हुए शतक लगाया था और टीम को जीत दिलाई थी। कोहली ने श्रेयसअय्यर के साथ तीसरे विकेट के लिए 91 रन की साझेदारी की। इस दौरान कोहली ने अपना 73वां अर्धशतक भी लगाया। कोहली के आउट होने केबाद अक्षर पटेल ने भी उनके साथ स्कोर को आगे बढ़ाया, लेकिन नाथन एलिस ने उन्हें बोल्ड कर मैच को रोमांचक बना दिया। इसके बाद, केएल राहुल और विराट कोहली ने 47 रन की साझेदारी की और टीम की जीत को पक्का किया। हालांकि, कोहली शतक से चूक गए, लेकिन हार्दिक पांड्या और राहुल ने तेजी से छक्के और चौके लगाकर टीम को फाइनल में पहुंचा दिया।

CM योगी ने विधानसभा में महाकुंभ के आयोजन पर रजत शर्मा के कमेंट का किया जिक्र

उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपनी सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंनेमहाकुंभ के आयोजन को लेकर किए गए इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के कमेंट का भी जिक्र किया। सीएम योगी ने कहाकि महाकुंभ में किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं हुआ और आयोजन को लेकर जो टिप्पणी की गई, वह बहुत महत्वपूर्ण है। रजत शर्मा ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपनी टिप्पणी में कहा था कि यह आयोजन एक बड़ा साहसिक कार्य था और यूपी सरकार ने यह हिम्मतदिखाई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ का सफल आयोजन किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह तब औरभी महत्वपूर्ण बन जाता है जब करोड़ों लोग एक साथ और एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं, जिससे सुरक्षा और प्रबंधन की चुनौती और भी बढ़ जाती है। सीएम योगी ने आगे कहा कि महाकुंभ ने यह साबित कर दिया कि अगर इच्छा शक्ति मजबूत हो, तो 66 करोड़ लोगों को सफलतापूर्वक मैनेज कियाजा सकता है। उन्होंने इस आयोजन में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर भी अपनी बात रखी। उनका कहना था कि अगर तकनीकी साधनों का सहीउपयोग किया जाए तो सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सकता है। साथ ही, यदि अच्छे कम्युनिकेशन स्किल्स हों तो करोड़ों लोगों के आने-जानेका प्रबंधन भी आसान हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोगों का सहयोग मिले, तो लाखों लोगों के खाने-पीने का इंतजाम करना भी संभव हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी ने यहउल्लेख किया कि महाकुंभ के दौरान पुलिस का व्यवहार हमेशा सख्त रहता है, लेकिन इस बार पुलिस ने एक दोस्ताना रुख अपनाया। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि महाकुंभ के आयोजन में सभी वर्गों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराए गए, चाहे वे गरीब हों या अमीर, सबको संगम मेंडुबकी लगाने का बराबरी का मौका मिला। सीएम योगी ने महाकुंभ के आयोजन को आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बताया। उनका कहना था कि अगर बिजनेस की कुशलता हो, तो इसआयोजन से न केवल संस्कृति और धर्म का प्रचार-प्रसार होता है, बल्कि इसके जरिए बड़ी आर्थिक सफलता भी हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहाकि महाकुंभ के आयोजन में करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन इससे तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हुआ।

गुलाबी साड़ी, गले में मंगलसूत्र, नीता अंबानी ही नहीं, देसी लुक में खूबसूरत लगीं छोटी बहू राधिका मर्चेंट

अंबानी परिवार हमेशा ही सुर्खियों में बना रहता है, और हाल ही में राधिका मर्चेंट और अनंत अंबानी की शादी के बाद से ये परिवार और भी ज्यादालाइमलाइट में आ गया है। इस परिवार के विभिन्न पहलुओं और उनकी उपलब्धियों की चर्चा होती रही है। हाल ही में, अनंत अंबानी ने वनतारा कीस्थापना की, जो वन्यजीवों के संरक्षण और उनकी बेहतर जिंदगी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेजामनगर में किया, और इस खास मौके पर अंबानी परिवार भी वहां मौजूद था। इस उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, अनंत अंबानी और छोटी बहू राधिका मर्चेंट भी इस मौके पर पहुंचे औरवन्यजीवों के संरक्षण के लिए बनाई गई नई सुविधा का दौरा किया। इस अवसर पर अंबानी परिवार के सदस्य भारतीय परिधानों में नजर आए, औरउनके देसी लुक ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। नीता अंबानी ने इस खास मौके पर क्रीम और लाल रंग की साड़ी पहनी, और अपने बालों को बन में बांधकर एक परंपरागत और सुंदर लुक प्रस्तुतकिया। वहीं, राधिका मर्चेंट ने गुलाबी रंग की टिशू सिल्क साड़ी पहनी, और गले में मंगलसूत्र के साथ वह पूरी तरह से भारतीय संस्कृति के अनुरूपदिखीं। राधिका का यह लुक बेहद आकर्षक था और उन्होंने मिनिमल मेकअप और सटल जूलरी के साथ अपनी खूबसूरती को और बढ़ाया। राधिका और नीता का देसी लुक इस समारोह में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। राधिका मर्चेंट, जो कि अनंत अंबानी की पत्नी हैं, अपने भारतीय परिधान मेंबेहद खूबसूरत और स्टाइलिश दिख रही थीं। एक वीडियो में राधिका को पीएम मोदी के साथ मुस्कुराते हुए बातचीत करते हुए देखा गया। वह अपनेसाड़ी लुक के साथ बहुत ही सहज और आत्मविश्वासी नजर आ रही थीं। यह दिन राधिका और अनंत के लिए बहुत खास था क्योंकि इस दिन से एक साल पहले ही उन्होंने जामनगर में अपनी हस्ताक्षर सेरेमनी की थी। राधिकाऔर अनंत की शादी को अब एक साल से भी कम समय हुआ है, और दोनों इस एक साल के दौरान एक साथ समय बिताने के लिए जामनगर में हीरहते हैं। दोनों को वनतारा में जानवरों के बीच समय बिताना बेहद पसंद है, और अक्सर उन्हें विभिन्न पार्टीज़ और समारोहों में साथ देखा जाता है। राधिका और अनंत का रिश्ता बचपन से ही दोस्ती पर आधारित था, और लंबे समय तक डेटिंग करने के बाद उन्होंने शादी का फैसला किया। उनकेबीच की बॉन्डिंग और समझदारी इस शादी के बाद भी देखने को मिलती है।

केजरीवाल को विपासना से ज्यादा माफी मांगने की जरूरत: वीरेन्द्र सचदेवा

नई दिल्ली, 4 मार्च: दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि केजरीवाल को विपासना परजाने की बजाय दिल्ली की जनता से माफी मांगने और पश्चाताप करने की जरूरत है। सचदेवा का कहना है कि केजरीवाल अपनी समस्याओं कासमाधान तलाशने के लिए विपासना के नाम पर गुप्त छुट्टियां मना रहे हैं, जबकि उन्हें पहले अपनी गलतियों का अहसास कर दिल्लीवासियों से माफीमांगनी चाहिए। सचदेवा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी दो ऐसे राजनीतिज्ञ हैं, जो जनता के काम नहीं आते, लेकिन जनता के पैसे से अपनी शारीरिकऔर मानसिक स्थिति को सुधारने के लिए समय-समय पर छुट्टियां मनाते रहते हैं। जहां केजरीवाल विपासना के नाम पर छुट्टियां बिताते हैं, वहीं राहुलगांधी अपनी विदेश यात्राओं के कारण चर्चा में रहते हैं।” दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा, “दिल्ली चुनाव में पार्टी और निजी स्तर पर बड़ी हार के बाद ऐसा लग रहा था कि केजरीवाल सबक लेंगे औरअपनी छवि सुधारने का प्रयास करेंगे। लेकिन दुर्भाग्यवश, केजरीवाल ने हार से कोई सीख नहीं ली और अपने नजदीकी पत्रकारों के माध्यम सेविपासना पर जाने की सोशल मीडिया पोस्ट डलवा रहे हैं।” वीरेन्द्र सचदेवा ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल विपासना पर जाने नहीं जा रहे, बल्कि वह पंजाब में आम आदमी पार्टी के बिखरते हुए संगठन कोसंभालने और राज्यसभा के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयास में हैं। सचदेवा ने अंत में कहा, “अरविंद केजरीवाल को विपासना से कहीं ज्यादा दिल्ली की जनता से माफी मांगने और अपनी गलतियों का पश्चाताप करनेकी आवश्यकता है।”

आप का बीजेपी पर आरोप, आतिशी ने क्यों कहा अब 8 मार्च में चार दिन बाकी …..

नई दिल्ली, 04 मार्च 2025: दिल्ली की महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत 8 मार्च तक 2500 रुपए देने का वादा किया गयाथा। अब मात्र चार दिन बाकी हैं और आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा से पूछा है कि उनके वादे को पूरा करने की दिशा में क्या कदम उठाए जारहे हैं। 8 मार्च का दिन न केवल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाएगा, बल्कि भाजपा के द्वारा किए गए वादे के पूरा होने की उम्मीद भीदिल्ली की महिलाओं के मन में बसी हुई है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता, आतिशी ने इस वादे को याद दिलाते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया। आतिशी के नेतृत्वमें मंगलवार को दिल्ली के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में महिलाएं ‘बस चार दिन और’ लिखा हुआ प्लेकार्ड लेकर सड़कों पर उतरीं और मंडी हाउसपहुंचीं। इस दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ विधायक कुलदीप कुमार भी मौजूद रहे। इन महिलाओं ने भाजपा से पूछा कि अबचार दिन और बचे हैं, तो उनके खाते में 2500 रुपए कब आएंगे? आतिशी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “मोदी जी ने कहा था कि 8 मार्च को दिल्ली की सभी महिलाओं के खाते में 2500 रुपए की पहलीकिस्त आ जाएगी। उन्होंने इसे मोदी की गारंटी बताया था। आज 4 मार्च है, और 8 मार्च में सिर्फ 4 दिन बाकी हैं। हम इंतजार कर रहे हैं कि अगलेचार दिन में दिल्ली की सभी महिलाओं के खाते में यह रकम आ जाएगी।” आतिशी ने आगे कहा, “मोदी जी ने यह भी कहा था कि सभी महिलाएं अपने फोन नंबर को बैंक अकाउंट से लिंक करा लें, ताकि 8 मार्च को उनकेखाते में 2500 रुपए आ सकें और बैंक से मैसेज मिले। इसलिए, दिल्ली की महिलाएं पूरी उम्मीद के साथ इंतजार कर रही हैं कि अगले चार दिन मेंउनका यह वादा पूरा होगा।”मोदी जी की झूठी गारंटी आतिशी ने प्रधानमंत्री मोदी की एक और गारंटी का जिक्र करते हुए कहा, “मोदी जी ने कहा था कि वे पहली कैबिनेट में ही महिलाओं को 2500 रुपएदेने की स्कीम पास करेंगे, लेकिन यह स्कीम पहली कैबिनेट बैठक में पास नहीं हुई। अब उनकी दूसरी गारंटी है कि 8 मार्च को 2500 रुपए की पहलीकिश्त महिलाओं के खाते में आ जाएगी। हम अभी भी उसका इंतजार कर रहे हैं।” आतिशी ने इस दौरान सवाल किया कि क्या यह गारंटी भी झूठी साबित होगी, जैसे मोदी जी की पहली गारंटी “15 लाख” वाली गारंटी झूठी साबितहुई थी? उन्होंने भाजपा से यह सवाल पूछा कि अब जब 8 मार्च में सिर्फ चार दिन बाकी हैं, तो क्या सरकार इस गारंटी को पूरा करेगी या फिर यह भीएक जुमला साबित होगा?कुलदीप कुमार का बयान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक कुलदीप कुमार ने भी इस मुद्दे पर भाजपा से सवाल किया। उन्होंने कहा, “अब चार दिन बाकी हैं औरदिल्ली की महिलाएं पूछ रही हैं कि उनके खाते में 2500 रुपए कब आएंगे? मोदी जी ने कहा था कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसरपर महिलाओं के खाते में 2500 रुपए की पहली किस्त आएगी। अब हमें यह जानने का अधिकार है कि क्या यह गारंटी पूरी होगी या नहीं।” कुलदीप कुमार ने कहा, “पहली कैबिनेट बैठक में यह स्कीम पास नहीं हुई और मोदी जी की गारंटी झूठी साबित हो गई। अब हमें उम्मीद है कि दिल्लीकी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इस मामले में मोदी जी की गारंटी को जुमला साबित नहीं होने देंगे और महिलाओं को 2500 रुपए महीना देने का कामकरेंगे।” उन्होंने यह भी कहा, “हम भाजपा को यह याद दिलाने आए हैं कि अब तक सरकार ने महिलाओं से कोई डिटेल नहीं ली है। दिल्ली की महिलाएंजानना चाहती हैं कि उनके खाते में 2500 रुपए कैसे और कब आएंगे? मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से हम यह पूछना चाहते हैं कि मोदी जी की पहली गारंटी15 लाख की तरह झूठी साबित हुई, तो क्या अब 8 मार्च को दी जाने वाली गारंटी भी झूठी साबित हो जाएगी?”संघर्ष जारी रहेगा कुलदीप कुमार ने यह स्पष्ट किया कि जब तक दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपए की पहली किस्त नहीं मिल जाती, तब तक आम आदमी पार्टीका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए पार्टी हर संभव कदम उठाएगी और यह सुनिश्चित करेगी किभाजपा द्वारा किए गए वादे को पूरा किया जाए। आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह मुद्दा केवल एक गारंटी की बात नहीं है, बल्कि यह दिल्ली की महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों कीबात है। भाजपा ने चुनावी वादों में कई तरह की गारंटी दी थी, लेकिन अब तक उन वादों को पूरा करने में असफल रही है। पार्टी ने भाजपा से सवालकिया कि क्या महिलाओं के लिए किए गए वादे का भी वही हाल होगा, जैसा 15 लाख रुपये के वादे का हुआ था?भाजपा का वादा और दिल्ली की उम्मीदें प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी प्रचार के दौरान यह वादा किया था कि 8 मार्च को दिल्ली की सभी महिलाओं के खाते में 2500 रुपए की पहली किस्त दीजाएगी। यह वादा महिलाओं के लिए एक अहम मुद्दा बन चुका है और अब दिल्ली की महिलाएं यह देखना चाहती हैं कि भाजपा इसे कितनी गंभीरतासे निभाती है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा से पूछा है कि अगर सरकार इस गारंटी को पूरा नहीं करती है, तो क्या भाजपा ने महिलाओं से सिर्फ चुनावी वादे किए थे, जो अब जुमले साबित होंगे? दिल्ली की महिलाओं को उम्मीद है कि इस बार भाजपा अपने वादे को पूरा करेगी, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो उनका संघर्ष और भी तेजहोगा।]\

अलका लांबा का बयान: भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा और अपराधों की बढ़ती संख्या

अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने हाल ही में पत्रकारों को संबोधित करते हुए देश में महिलाओं और विशेष रूप सेनाबालिग बेटियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने भाजपा की डबल इंजन सरकारों पर आरोप लगाया कि वे इन अपराधोंको रोकने में असफल रही हैं और इसके बजाय अपराधियों को संरक्षण दे रही हैं।महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती संख्या लांबा ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, “मैंने देश के लगभग 28 राज्यों का दौरा किया है और हाल ही में 10 दिन के दौरे के बाद दिल्लीलौटी हूं। मुझे जो खबरें मिली हैं, खासकर नाबालिग बेटियों के साथ जघन्य अपराधों की, वे बेहद चिंताजनक हैं। भाजपा की डबल इंजन सरकारेंहमारी बेटियों के लिए एक अभिशाप साबित हो रही हैं।”महाराष्ट्र में छेड़छाड़ का मामला उन्होंने महाराष्ट्र के एक मामले का जिक्र किया, जहां भाजपा की केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया।लांबा ने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि भाजपा के नेता खुद अपनी पार्टी के भीतर ही सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “यह बेहद गंभीर मामला है।अगर केंद्रीय मंत्री को न्याय नहीं मिलता, तो उन्हें इस्तीफा देकर अपनी बेटी और अन्य बेटियों के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए।” गुजरात में महिलाओं के खिलाफ अपराधलांबा ने आगे कहा कि गुजरात में पिछले 9 साल में महिलाओं के खिलाफ 17,000 मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा, “गुजरात में हर महीने 200 बेटियां न्याय के लिए थाने पहुंचती हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिलता।” उन्होंने भाजपा के विधायक गजेंद्र सिंह परमार पर भी आरोप लगाया कि उन परदलित महिला के साथ दुष्कर्म का आरोप है, लेकिन एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई।हरियाणा और मध्य प्रदेश में स्थिति हरियाणा में भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों की स्थिति चिंताजनक है। लांबा ने कहा कि वहां एक छात्रा के साथ 5 साल तक दुष्कर्म होता रहा, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। मध्य प्रदेश में भी नाबालिग बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसमें एक 5 साल की बच्ची भीशामिल है। लांबा ने कहा, “मध्य प्रदेश में भाजपा नेता ने नाबालिग से रेप किया, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। यह साफ दिखाता है किभाजपा की डबल इंजन सरकार बेटियों के खिलाफ एफआईआर या न्याय दिलाने में असफल है।”दिल्ली में अपराधों की स्थिति दिल्ली में भी स्थिति बेहतर नहीं है। लांबा ने कहा कि राजधानी में एक महीने में 101 दरिंदगी की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा, “संसद का सत्र शुरू होनेजा रहा है और 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा, लेकिन इन बेटियों के साथ हो रहे अपराधों पर आप पर्दा कैसे डालेंगे?”भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल लांबा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वे महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हम महिला कांग्रेस के सदस्य इस मुद्देको संसद में उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि महिला आरक्षण कानून को लागू करने की आवश्यकता है, ताकिमहिलाओं की भागीदारी बढ़ सके।मीडिया की भूमिका लांबा ने मीडिया से भी अपील की कि वे इन मुद्दों को प्राथमिकता दें और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की सच्चाई को उजागर करें। उन्होंनेकहा, “यह देश हमारा है, ये बेटियां हमारी हैं और ये सब खुलेआम हो रहा है।” महिला कांग्रेस का संकल्पअलका लांबा ने अंत में कहा कि महिला कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी और वे इस लड़ाई को सड़क से संसद तक लड़ेंगी। “हमारी 5 लाख सदस्य बहनें इसलड़ाई में शामिल होंगी और हम किसी भी कीमत पर अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए लड़ेंगे,” उन्होंने कहा। इस प्रकार, अलका लांबा ने भाजपा की डबल इंजन सरकारों की नीतियों और उनके द्वारा महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर गंभीर चिंता व्यक्तकी और इस मुद्दे को संसद में उठाने का संकल्प लिया। उनका यह भाषण न केवल महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करता है, बल्कि यह भीदर्शाता है कि कैसे राजनीतिक नेतृत्व को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। लांबा का यह बयान एक महत्वपूर्ण संदेश है कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।यह समय है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं और सुनिश्चित करें कि हमारी बेटियां सुरक्षित रहें। अलका लांबा का बयान: भाजपाशासित राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा और अपराधों की बढ़ती संख्या

महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस के कहने पर मंत्री धनंजय ने दिया इस्तीफी, आखिरकार कौन से लगाए गए थे ये आरोप ?

महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने अपनी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उनसे इस्तीफे की मांग की थी. मुंडे केकरीब सहयोगी वाल्मीकि कराड़ को सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामले में आरोपी बनाया गया है. मुंडे बीड जिले की परली से एनसीपी विधायक हैं. और वह राज्य की महायुति सरकार में खाघ एवं नागरिक आपूर्ति पद पर हैं. महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्रीदेवेंद्र फडणवीस ने उनसे इस्तीफे की मांग की थी. मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीकि कराड को सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामले के आरोपों मेंगिरफ्तार कर लिया गया है. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार रात फणवीस से मुलाकात की और देशमुख हत्याकांड तथा दो अन्य संबंधित मामलोंमें दायर सीआईडी की चार्जशीट के नतीजे पर चर्चा की. जिसमें कराड को आरोपी को नंबर एक पर बनाया गया है.दरअसल धनंजय मुंडे के पीएमप्रशांत जोशी ने सीएम फडणवीस के सरकारी आवास पर पहुंचकर उनसे इस्तीफा सौंपा है. इसके बाद सीएम फडणवीस ने जानकारी देते हुए कहा किमुंडे ने मुझे अपना इस्तीफा भेजा है. हमने इसको राज्यपाल के पास भेज दिया है. सीएम फडणवीस ने कहा थी इस्तीफा के लिएसीएम फडणवीस ने धनंजय मुंडे से आज मंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा था. राज्य के खाद एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री मुंडे बीड जिले के पाली सेएनसीपी विधायक हैं. इससे पहले वह बीड के संरक्षक मंत्री है. वर्तमान में एनसीपी प्रमुख अजित पवार पुणे के साथ-साथ बीड़ जिले के संरक्षक मंत्रीभी हैं. बीड के मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल 9 दिसंबर को कथित तौर पर जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जारही. जबरन वसूली की कोशिश को रोकने कोशिश पर अगवा कर लिया गया. प्रताड़ित किया गया और उनकी फिर हत्या कर दी गई. इस घटना केबाद राज्य अपराध जांच विभाग(CID) ने 27 फरवरी को देशमुख की हत्या और दो संबंधित मामलों में बीड जिले की एक अदालत में 1,200 सेअधिक पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया. दरअसल सरपंच की हत्या वादा कंपनी से पैसे हटाने की कोशिश और फॉर्म की सुरक्षा गार्ड पर हमला जैसेतीन मामलों के आरोपी के खिलाफ सख्त महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम लगाया है. प्रकरण में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार करलिया गया है. और अन्य पर मकोका के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है लेकिन अभी भी एक आरोपी फरार है.जिसको लेकर पुलिस में जांचपड़ताल में जुटी हुई है.

मियां-टियां या पाकिस्तानी कहना होगा गलत, पर नहीं होगा अपराध” दोषमुक्त करते हुए की टिप्पणी”

Supreme Court: जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र वर्मा की बेंच ने 11 फरवरी को ये फैसला सुनाया. आरोपी पर एक सरकारीकर्मचारियो को पाकिस्तानी कहने का आरोप था. जबकि वह अपने अधिकारी कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामलेकी सुनवाई करते हुए कहा कि किसी को मियां- तियां या ‘पाकिस्तान’ कहना अपराध नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यह भले ही गलत हो लेकिन भारतीय दंडसंहिता आईपीसी (IPC)की धारा 298 के तहत धार्मिक भावनाओं को ठोस पहुंचने का अपराध नहीं है. यह आईपीसी(IPC) की धारा 298 के तहतधार्मिक भावनाओं को ठोस पहुंचने के अपराध के बराबर नहीं हैं. आरोपी को किया गया आरोप मुक्तसुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हरिनंदन सिंह बनाम राजस्थान मामले में आरोपी को आरोप मुक्त किया. कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 298 भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने तो ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द के तहत अपराध के आरोपी व्यक्ति को आरोपमुक्तकर दिया. बोलने के तहत अपराध के आरोपी व्यक्ति को आरोप मुक्त कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अपीलकर्ता पर है कि उसने शख्स को मियांतियां और पाकिस्तान कहकर उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. जस्टिस बीवी नागिरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने 11 फरवरी को ये किया फैसला सुनाया. जिसके बाद वह आरोपी पर एक सरकारी कर्मचारियों को पाकिस्तानी कहने का आरोप था जबकि अपराधिककर्तव्यों का निर्वहन कर रहा था. सर्वोच्च न्यायालय ने सुनाया फैसलासर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत आरोप कायम रखने के लिए हमले का प्रयोग कोई सबूत नहींअदालत ने कहा है कि उच्च न्यायालय ने इस प्रावधान के तहत आरोपी को आरोप मुक्त न करके गलती की है. इसके बाद अदालत ने कहा किभारतीय दंड संहिता की धारा 504 भी लागू नहीं होती. क्योंकि सिंह की ओर से ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया. जिससे शांति भंग हो सकती है धारा298 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि सिंह की टिप्पणी अनुचित थी. लेकिन आईपीसी के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिएकानूनी तौर पर पर्याप्त नहीं थी नतीजा सिंह को सभी आरोपों से बड़ी कर दिया गया.