सिर पर टोपी और मजाकिया अंदाज, धर्मेंद्र का स्टाइल देख खुश हो गए फैन्स, तारीफों के बांधे पुल

धर्मेंद्र, बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता, सोशल मीडिया पर हमेशा सक्रिय रहते हैं और अपने फैंस के साथ अपनी लाइफ की झलकियां शेयर करते रहतेहैं। वह अक्सर अपने परिवार के साथ तस्वीरें पोस्ट करते हैं, जो बहुत ही तेजी से वायरल हो जाती हैं। यह तस्वीरें न सिर्फ उनके फैंस, बल्कि उनकेपरिवार के सदस्यों द्वारा भी सराही जाती हैं। हाल ही में, उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह अपनी जीभ दिखाते हुए पोज देते नजर आ रहे थे। यहपोस्ट उनके फन साइड को दिखाता है और उन्होंने इसके साथ एक मजेदार कैप्शन भी लिखा, “ऐसे वैसे लोग, बन जाते हैं कैसे, मुझे तो, मैं, मैं भी बन-ना ना आया…वैसा बनूं तू कैसे?” धर्मेंद्र के इस पोस्ट पर उनकी बेटी ईशा देओल ने भी कमेंट किया, “पापा,” और उनके बेटे करण देओल ने लिखा, “बहुत प्यारे बड़े पापा।” धर्मेंद्र केफैंस ने भी इस तस्वीर पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं और उन्हें खूब प्यार और आशीर्वाद भेजा। यह पोस्ट दिखाता है कि धर्मेंद्र न केवल एक शानदारअभिनेता हैं, बल्कि एक अच्छे और खुशमिजाज परिवारिक सदस्य भी हैं, जो अपने परिवार के साथ खुश रहने की पूरी कोशिश करते हैं। धर्मेंद्र का सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना उनके फैंस के लिए हमेशा एक खुशखबरी होती है। इससे पहले भी उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर कईपोस्ट्स किए थे, जिसमें उनके परिवार और दोस्तों के साथ उनकी मस्ती और उनकी खूबसूरत यादें साझा की गई थीं। एक और पोस्ट में, उन्होंनेअभिनेत्री आलिया भट्ट के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की थी। इस पोस्ट में उन्होंने आलिया को ‘प्यारी बहू’ और ‘सुंदर बेटी’ कहा था। इस तस्वीर कोउन्होंने फिल्म “रॉकी और रानी की प्रेम कहानी” के प्रमोशन के दौरान शेयर किया था, जिसमें उन्होंने आलिया के साथ स्क्रीन स्पेस साझा किया था।धर्मेंद्र ने इस पोस्ट में लिखा, “एक उत्कृष्ट कलाकार, प्यारी बहू, सुंदर बेटी। हमेशा आरके के लिए प्रार्थना करें।” धर्मेंद्र की यह पोस्ट एक क्यूट और दिल छू लेने वाला इशारा था, जो उनके परिवार के प्रति उनकी प्रेमभावना को दर्शाता है। “रॉकी और रानी की प्रेमकहानी” एक रोमांटिक फिल्म थी, जिसमें रणवीर सिंह और आलिया भट्ट मुख्य भूमिका में थे। फिल्म का निर्देशन करण जौहर ने किया था और धर्मेंद्र केसाथ जया भट्ट, शबाना आज़मी जैसे दिग्गज अभिनेता भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में थे। धर्मेंद्र की आगामी फिल्म “इक्कीस” है, जो एक युद्ध ड्रामा है। यह फिल्म सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 1971 केभारत-पाक युद्ध में शहादत दी और मरणोपरांत उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस फिल्म में धर्मेंद्र के अलावा अमिताभ बच्चन के पोतेअगस्त्य नंदा भी मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म के बारे में कहा जा रहा है कि यह एक प्रेरणादायक कहानी होगी, जो दर्शकों को देशभक्ति औरबलिदान का संदेश देगी। धर्मेंद्र की इस फिल्म को लेकर उनके फैंस में काफी उत्साह है, और वह इसे लेकर काफी उत्सुक हैं। धर्मेंद्र की फिल्मों और उनके परिवार के साथ उनके पोस्ट्स दर्शाते हैं कि वह न केवल एक बेहतरीन अभिनेता हैं, बल्कि एक अच्छे इंसान और परिवारके अहम सदस्य भी हैं। उनकी सोशल मीडिया गतिविधियाँ और पोस्ट्स उनके व्यक्तित्व का एक और सकारात्मक पहलू दिखाती हैं, जो उनके फैंस औरपरिवार के बीच एक मजबूत रिश्ते की तरह काम करती हैं।
शशि थरूर ने पॉडकास्ट विवाद पर दी प्रतिक्रिया, बोले- पार्टी की बैठक में रहेंगे

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान अपने पार्टी में रहने को लेकर दिए गए बयान को लेकर उत्पन्न हुए विवाद पर अपनीप्रतिक्रिया दी है। शशि थरूर ने कहा कि उन्होंने पॉडकास्ट में जीवन और खुशी के बारे में 45 मिनट की बातचीत की थी और इसमें किसी भीराजनीतिक विवाद की बात नहीं की थी। थरूर ने कहा कि वह अभी भी इस विवाद को पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं और उन्होंने सवाल उठाने वालेपत्रकारों से यह पूछा कि क्या वे उन्हें इस विवाद के बारे में और अधिक स्पष्टता दे सकते हैं। शशि थरूर ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी की एक बैठकशुक्रवार को बुलाई गई है, और वह इस बैठक में बाकी सभी नेताओं के साथ मौजूद रहेंगे। यह बयान उस समय आया जब शशि थरूर के एक पॉडकास्ट साक्षात्कार ने कांग्रेस पार्टी और उनके समर्थकों के बीच कुछ अनबन पैदा कर दी थी।थरूर ने इस विवाद को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पॉडकास्ट में कोई ऐसी बात नहीं की थी जो पार्टी की नीतियों के खिलाफ हो।उनका कहना था कि पॉडकास्ट में जीवन के अन्य पहलुओं पर बात की गई थी और यह पूरी बातचीत किसी राजनीतिक विवाद से दूर थी। उन्होंने कहाकि जब उन्होंने पॉडकास्ट सुना, तो वह खुद भी यह समझने में असमर्थ थे कि विवाद किस बारे में था। इसके बाद, थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए एक और बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि मोदी की अमेरिका यात्रा ने भारतीयों केलिए सकारात्मक परिणाम दिए हैं। थरूर का यह बयान उस समय आया जब वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद मीडिया में आएथे और उनकी आलोचना की गई थी कि उन्होंने मोदी की तारीफ की थी। थरूर ने इस पर सफाई दी और कहा कि उन्होंने यह बयान भारत के हितों कोध्यान में रखते हुए दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर विचार करते समय केवल पार्टी हितों को ध्यान में नहीं रखा जासकता। शशि थरूर ने मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान कुछ मुद्दों को भी उठाया, जैसे कि अवैध अप्रवासियों की वापसी और व्यापार संबंधी मुद्दे, जो यात्रा केदौरान अनुत्तरित रह गए थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह कूटनीति का हिस्सा था और प्रधानमंत्री मोदी ने इन मुद्दों को बंद दरवाजों के पीछे उठाया, जोकि एक सामान्य कूटनीतिक प्रक्रिया है। थरूर ने स्पष्ट किया कि कूटनीति में सब कुछ सार्वजनिक रूप से नहीं रखा जाता और इसे समझने की जरूरतहै। इसके साथ ही, थरूर ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और शुल्क पर होने वाली बातचीत का स्वागत किया। उन्होंने कहा किअमेरिका द्वारा हम पर शुल्क लगाने से भारत के निर्यात को नुकसान हो सकता था, लेकिन अब यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबितहोगा। थरूर ने इस समझौते को एक सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इसने भारत के व्यापार हितों की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि एक भारतीयके रूप में वह इस सकारात्मक परिणाम की सराहना करते हैं और यह महत्वपूर्ण है कि हम हमेशा केवल पार्टी हितों के बजाय राष्ट्रीय हितों पर ध्यान दें। शशि थरूर के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि वह कूटनीतिक दृष्टिकोण को समझते हैं और पार्टी की नीतियों से इतर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकतादेते हैं। उनका यह बयान यह भी दर्शाता है कि वह राजनीति के अलावा देश के हितों की बात करने में संकोच नहीं करते हैं। थरूर का कहना था कि वहकिसी पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं और उनके लिए भारतीय हित सबसे ऊपर हैं। कांग्रेस पार्टी के भीतर शशि थरूर के इस बयान के बाद पार्टी के भीतर एक बार फिर से चर्चा का दौर शुरू हो गया है। पार्टी नेताओं ने उनके बयान कोलेकर अपनी-अपनी राय दी है, लेकिन थरूर ने इसे किसी राजनीतिक विवाद से जोड़ा नहीं। उनकी प्रतिक्रिया ने यह साफ कर दिया कि उनका उद्देश्यपार्टी के भीतर विवादों को बढ़ाना नहीं है, बल्कि वह राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने में विश्वास रखते हैं। इस विवाद के बीच कांग्रेस पार्टी के अंदर इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने वाले नेताओं की संख्या बढ़ रही है। पार्टी ने शशि थरूर के बयान को लेकर अपनीस्थिति स्पष्ट नहीं की है, लेकिन यह साफ है कि पार्टी की आगामी बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। शशि थरूर ने भी कहा है कि वह पार्टी कीबैठक में मौजूद रहेंगे और उम्मीद करते हैं कि पार्टी के सभी सदस्य इस मुद्दे पर एक साथ चर्चा करेंगे।
आप नेता संजीव झा बीजेपी पर किया हमला कहा भा.ज.पा. ने किया डॉ. आंबेडकर का अपमान

दिल्ली विधानसभा में डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर हटाए जाने के खिलाफ आवाज उठाने पर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने आम आदमीपार्टी (आप) के सभी विधायकों को तीन दिन के लिए सदन से निष्कासित कर दिया है। यह कदम विवादों के घेरे में आ गया है और पार्टी के नेताओं नेभा.ज.पा. पर डॉ. आंबेडकर के सम्मान को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं संजीव झा और कुलदीप कुमार नेभा.ज.पा. पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर डॉ. आंबेडकर की तस्वीर हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई है, जिससे उनकेअनुयायी आहत हुए हैं। संजव झा ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के पहले दिन मुख्यमंत्री के कार्यालय से डॉ. आंबेडकर की तस्वीर को हटा कर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरलगाना बेहद पीड़ादायक था। उन्होंने यह भी बताया कि आम आदमी पार्टी की नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष से अपनीचिंता जाहिर की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे न केवल विधायक साथी बल्कि देशभर में डॉ. आंबेडकर के अनुयायी आहत हुए हैं। इसके बाद, एलजी के अभिभाषण के दौरान भी पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से दोबारा इस तस्वीर को लगाने की मांग की, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कदमनहीं उठाया गया। संजिव झा ने यह भी कहा कि डॉ. आंबेडकर की तस्वीर को हटाकर मोदी की तस्वीर लगाना यह सवाल उठाता है कि क्या भा.ज.पा. नरेंद्र मोदी को डॉ. आंबेडकर से भी बड़ा मानती है। भा.ज.पा. द्वारा अपने कार्यों को正फ़ करते हुए विधायकों को सदन से बाहर निकाले जाने पर संजीव झा ने कहा कियह सिर्फ इस बात का प्रतीक है कि भाजपा डॉ. आंबेडकर के संविधान को नहीं मानती और उसके अनुयायियों का अपमान कर रही है। वहीं, विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि उनका अपराध सिर्फ यह था कि उन्होंने विधानसभा में ‘जय भीम’ का नारा लगाया था। भाजपा नेताओं द्वारामोदी-मोदी के नारे लगाए जाने पर स्पीकर ने उनकी सराहना की, लेकिन ‘जय भीम’ के नारे लगाने पर उन्हें सदन से बाहर कर दिया गया। कुलदीपकुमार ने कहा कि यदि भाजपा डॉ. आंबेडकर का अपमान करने पर यह कदम उठा रही है तो वे पीछे हटने वाले नहीं हैं और हमेशा ‘जय भीम’ के नारेलगाते रहेंगे। कुलदीप कुमार ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी के नेता न केवल दलितों का वोट लेना चाहते हैं, बल्कि वे डॉ. आंबेडकर और उनके योगदान सेनफरत करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालयों से डॉ. आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटानेका आदेश केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का था। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा की विचारधारा डॉ. आंबेडकर के संविधान और उनके सिद्धांतोंके खिलाफ है। संजिव झा और कुलदीप कुमार ने इस मुद्दे पर कहा कि यदि भाजपा डॉ. आंबेडकर के सम्मान में कोई ठोस कदम नहीं उठाती और उनकी तस्वीरों कोउनके स्थान पर नहीं लगाती, तो आम आदमी पार्टी और उनके समर्थक इस मुद्दे पर लगातार आवाज उठाते रहेंगे। कुलदीप कुमार ने देशवासियों सेअपील की कि अगर अब आवाज नहीं उठाई गई तो भाजपा देशभर से डॉ. आंबेडकर की प्रतिमाओं और तस्वीरों को हटा सकती है, जैसा कि उन्होंनेसंसद और दिल्ली विधानसभा में किया।
अमित शाह की हुंकार: दक्षिणी राज्यों के संसदीय प्रतिनिधित्व में कमी नहीं होगी, 2026 में बनेगी NDA सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर, तिरुवन्नमलाई और रामनाथपुरम में भाजपा कार्यालयों का उद्घाटन किया। इसअवसर पर उन्होंने कोयंबटूर में एक रैली को संबोधित करते हुए सत्ताधारी पार्टी, द्रमुक (DMK) पर तीखा हमला किया। अमित शाह ने कहा कि द्रमुकके नेताओं के पास भ्रष्टाचार के मामलों में “मास्टर डिग्री” है, जो पार्टी की छवि को और खराब करती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आगामीलोकसभा परिसीमन में तमिलनाडु और अन्य दक्षिणी राज्यों के संसदीय प्रतिनिधित्व में कोई कमी नहीं होगी, जो कि राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिनके दावों के विपरीत है। अमित शाह ने रैली में कहा कि तमिलनाडु के साथ अन्याय के दावों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वालीसरकार ने राज्य को 5,08,337 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। यह राशि राज्य के विकास और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। शाह ने यह भीकहा कि केंद्र सरकार ने हमेशा तमिलनाडु के विकास के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है और यह सुनिश्चित किया है कि राज्य को उसके हक का पूरा हिस्सामिले। गृह मंत्री ने द्रमुक सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बम विस्फोट के मास्टरमाइंड की अंतिम यात्रा को सुरक्षा प्रदान कीगई थी, जो कि राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। अमित शाह ने यह आरोप लगाया कि द्रमुक सरकार ने राज्य में सुरक्षा को लेकरगंभीरता नहीं दिखाई है, जिससे जनता में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। अमित शाह ने भाजपा की योजनाओं और नीतियों को भी रैली में उजागर किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हमेशा विकास और सुशासन कोप्राथमिकता दी है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर तमिलनाडु में विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ जाएगा। शाह ने पार्टीकार्यकर्ताओं से अपील की कि वे लोगों के बीच जाकर भाजपा की नीतियों और योजनाओं को समझाएं और उन्हें पार्टी से जोड़ें। अंत में, अमित शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि 2026 में NDA सरकार बनेगी और दक्षिणी राज्यों के संसदीय प्रतिनिधित्व में कोई कमी नहीं होगी।उन्होंने कहा कि भाजपा तमिलनाडु में एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरेगी और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस प्रकार, अमितशाह ने अपनी रैली के माध्यम से न केवल द्रमुक पर हमला किया, बल्कि भाजपा की विकास योजनाओं को भी जनता के सामने रखा।
Champions trophy 2025: Team India के खिलाड़ियों के मोबाइल फोन की डिटेल आई सामने, कैमरे के सामने हुआ ये सारा खुलासा

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में टीम इंडिया ने शानदार शुरुआत की है। भारत ने अब तक इस टूर्नामेंट में दो मैच खेले हैं और दोनों में जीत हासिल की है। इनजीतों के साथ ही रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। भारत का अगला मुकाबला 2 मार्च को न्यूजीलैंडके खिलाफ होगा। इस मैच से पहले भारतीय खिलाड़ियों को कुछ दिनों का आराम मिला है, जिससे वे अपनी तैयारियों को और मजबूत कर सकें। इस बीच, स्टार स्पोर्ट्स ने एक मजेदार वीडियो साझा किया है, जिसमें टीम इंडिया के खिलाड़ियों से उनके मोबाइल फोन के बारे में दिलचस्प सवालपूछे गए हैं। इस वीडियो में खिलाड़ियों ने अपने मोबाइल वॉलपेपर और हाल की कॉल्स के बारे में खुलासे किए। रविंद्र जडेजा ने बताया कि उनकेफोन में कोई वॉलपेपर नहीं है, जबकि श्रेयस अय्यर ने अपनी मां के साथ की तस्वीर को वॉलपेपर के रूप में सेट किया है। हार्दिक पांड्या ने अपने बेटेके साथ की तस्वीर और मोहम्मद शमी ने अपनी बेटी की तस्वीर को वॉलपेपर बनाया है। वीडियो में खिलाड़ियों से यह भी पूछा गया कि उन्होंने आखिरी कॉल किसे की थी। इसके साथ ही, सभी खिलाड़ियों ने यह भी बताया कि वे इस समयकौन सा गाना सबसे ज्यादा सुन रहे हैं। हार्दिक पांड्या ने बताया कि वे इन दिनों हनुमान चालीसा सुन रहे हैं, जो उनके लिए एक विशेष महत्व रखताहै। इस तरह के मजेदार खुलासे दर्शकों के लिए खिलाड़ियों के व्यक्तिगत जीवन को जानने का एक अच्छा मौका प्रदान करते हैं। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अब तक दो टीमों का सफर समाप्त हो चुका है। पाकिस्तान और बांग्लादेश की टीमें सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो गई हैं।ये दोनों टीमें अपने आखिरी ग्रुप स्टेज मैच में 27 फरवरी को एक-दूसरे के खिलाफ भिड़ेंगी। वहीं, ग्रुप ए से भारत और न्यूजीलैंड ने बेहतरीन प्रदर्शनकरते हुए सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। ग्रुप बी से अभी तक कोई भी दो टीमें सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई हैं। इस टूर्नामेंट में 26 फरवरी को अफगानिस्तान और इंग्लैंड के बीच एक महत्वपूर्ण मैच खेला जाएगा। जो भी टीम इस मुकाबले में हार जाएगी, वहचैंपियंस ट्रॉफी 2025 से बाहर हो जाएगी। इस प्रकार, भारतीय टीम अपनी जीत की लय को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है औरसेमीफाइनल में अपनी जगह को और मजबूत करने की कोशिश करेगी।
यूपी STF के एनकाउंटर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का बदमाश मारा गया, नोएडा में बैंक कर्मचारी की हत्या का आरोपी गिरफ्तार

यूपी STF के एनकाउंटर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक बदमाश मारा गया है, जिसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था। यह घटना मेरठजिले के मुंडाली इलाके में हुई, जहां पुलिस ने बदमाशों के साथ मुठभेड़ की। मुठभेड़ के दौरान घायल हुए बदमाश को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां उसने दम तोड़ दिया। मारे गए बदमाश की पहचान जीतू उर्फ जितेन्द्र के रूप में हुई है, जो हरियाणा के झज्झर जिले के आसौंदा सिवानका निवासी था। जानकारी के अनुसार, जीतू पर गाजियाबाद के थाना टीला मोड़ में 2023 में हुई एक हत्या के मामले में वांछित होने के कारण एक लाख रुपये काइनाम घोषित किया गया था। जीतू का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। उसने 2016 में झज्झर में एक डबल मर्डर किया था, जिसके लिए उसेआजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह 2023 से फरार चल रहा था और जेल में रहते हुए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया। पैरोल पर आने के बाद जीतू फरार हो गया और गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर हत्या की सुपारी लेने लगा। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामलेदर्ज हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं: केस नम्बर 333/16, जिसमें उसे 29 अगस्त 2018 को पांच साल की सजा सुनाई गई थी; केस नम्बर 609/16, जिसमें उसे 398/401 IPC और 25 Arms Act के तहत आरोपित किया गया था; और केस नम्बर 376/16, जिसमें उसे 3 फरवरी 2018 कोआजीवन सजा सुनाई गई थी। दूसरी ओर, नोएडा में एक बैंक कर्मचारी की हत्या के आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह घटना 21 फरवरी को इकोटेक-3 क्षेत्र के डीपार्क के पास हुई थी, जहां बैंक कर्मचारी मंजीत मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पहले ही मिश्रा के साले समेत दो लोगोंको गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि इस हत्या को 15 लाख रुपये की सुपारी देकर अंजाम दिया गया था। पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि मंजीत मिश्रा ने प्रेम विवाह किया था और उसके अपनी पत्नी से विवाद चल रहाथा। इसी विवाद के चलते उसकी हत्या की गई। पुलिस ने इस मामले में फरार आरोपी प्रिंस उर्फ बंटी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इनदोनों घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि यूपी में अपराधियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है, और यह संदेश जाता है कि पुलिसअपराधियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी।
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए विजेंद्र गुप्ता, आखिरकार कैसा रहा राजनीति सफर विधानसभा अध्यक्ष तक

Delhi News: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता को 20 फरवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष में के रूप में चुना गया है. यह चुनाव न केवल भाजपा के लिए बल्कि दिल्ली की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि विजेंद्र गुप्ता इस सदन की अध्यक्षता करेंगे. जहां वेकभी मुखर विपक्षी नेता के रूप में निष्कासित किए गए थे.अब से विजेंद्र गुप्ता के लिए एक तरह से नया और बेहद महत्वपूर्ण कदम है. विजेंद्र गुप्ता काराजनीतिक कैरियर दो दशकों से अधिक कर रहा है. उन्होंने दिल्ली नगर निगम के पार्षद के रूप में अपनी राजनीति के शुरू किया. और रोहिणीविधानसभा सीट से लगातार तीन बार निर्वाचित हुए. 2015 से 2020 तक हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे. अब जब दिल्ली में आमआदमी पार्टी की सरकार थी. ऐतिहासिक है गु्प्ता का विधानसभा अध्यक्ष बननाविजेन्द्र गुप्ता का विधानसभा अध्यक्ष बनना कहीं न कहीं ऐतिहासिक भी है. 2015 में उन्होंने चौथी वित्त आयोग की सिफारिश को लागू करने में देरीको लेकर सदन में जोरदार विरोध किया था. जिसके चलते उन्हें मार्शलों द्वारा सदन से बाहर निकला गया था. अब 2025 में वे इस सदन के अध्यक्षबने हैं. जहां से उन्हें कभी बाहर निकाला गया था. यह उनकी राजनीतिक सफर का एक बड़ा हिस्सा है. गुप्ता का अध्यक्ष बनना दिल्ली की राजनीतिकमें एक तरह से दिशा में बदलाव लाने का संकेत देता है. भले ही आप सरकार सत्ता में बनी हुई है. लेकिन एक भाजपा नेता का विधानसभा अध्यक्षबनना निश्चित रूप से विधानसभा की कार्य प्रणाली को प्रभावित कर सकता है. विजेंद्र गुप्ता ने अपने चुनाव के बाद आश्वासन दिया. कि वे लोकतांत्रिकमूल्यों को बनाए रखेंगे. और सदन की कार्यवाही को निष्पक्ष रूप से संचालित करेंगे. विजेंद्र गुप्ता है राजनीति में अनुभवीविजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि उनकी प्राथमिकता 14 लंबित केंद्रित नियंत्रित एवं महालेखा परीक्षक रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करना होगा. जो पिछलीसरकार के दौरान पेश नहीं की गई थी. इस पर दर्शाता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. विजेंद्र गुप्ता राजनीति में अनुभवी है. लेकिनविधानसभा अध्यक्ष रूप में उनकी भूमिका अलग होगी. उन्हें एक राजनीतिक रूप से संवेदन शील सदन को संभालना होगा. विधानसभा में कार्यकाल केदौरान अक्सर तीखी बहस होती है.विजेंद्र गु्प्ता का विधानसभा अध्यक्ष बनना दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम है. अब देखना यह बाकी हैकि विजेंद्र गुप्ता अपने नए गैर- पक्षपाती पद प कैसे संतुलन बनाए रखते है. और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कैसे मजबूत करते है.
प्रधानमंत्री मोदी ने असम के सबसे बड़े झुमोर नृत्य प्रदर्शन का किया उद्घाटन, जानें क्यों है खास झुमोर

Jhumoir Binandini:असम के चाय उघोग की वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2025 को गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियममें असम के चाय उद्योग की 200वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में अब तक के सबसे बड़े झुमुर नृत्य प्रदर्शन का उद्घाटन किया. झुमुर बिनंदिनी 2025 नामकइस आयोजन में 8,000 से अधिक कलाकारों ने इस आयोजन में भाग लिया. जिन्होंने असम की समृद्धि सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया.दरअसलझुमुर नृत्य असम के चाय बागान मजदूरों और आदिवासी समुदायों की एक पारंपरिक कला है. 19वीं सदी की शुरुआत में उत्पन्न यह नृत्य चाय बागानोंमें कठिन परिश्रम के बाद आनंद और एकता की अभिव्यक्ति का माध्यम रहा है. इसमें समूहबद्ध ,तालबद्ध गतियों के साथ ढोल, मादल,धामसा औरबांसुरी जैसे पारंपरिक बाघयंत्रों की संगत होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय बागान समुदाय के पारंपरिक वाघ’ धमसा”को बजाकर समारोह काशुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने अपनी व्यक्तिगत चाय से जुड़ी पृष्ठभूमि को याद करते हुए कहा. कि चाय की खुशबू और रंग को मुझसे बेहतर औरकौन समझ सकता है. सांस्कृतिक और भारत की विविधता का प्रतीक- मोदीप्रधानमंत्री मोदी ने इस संयोजन को असम की सांस्कृतिक और भारत की विविधता का प्रतीक बताया है. संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने चाय बागानसमुदाय के कल्याण के लिए कई प्रमुख घोषणाएं भी की. स्वास्थ्य सुविधाएं चाय बागान क्षेत्र में 300 अधिक आयुष्मान आरोग्य केंद्रों की स्थापना कीजाएगी. जिससे सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी. चाय बागान समुदाय के छात्रों के लिए 100 से अधिक मॉडल स्कूलों की स्थापना कीजाएगी. जिससे उनकी शिक्षा में सुधार होगा.इसमें खास तौर पर स्वरोजगार योजना को लागू किया जाएगा. ताकि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जासके. झूमुर बिंनदिनी 2025 केवल असम के चाय उद्योग की 200 वीं वर्षगांठ का उत्सव नहीं था. बल्कि यह सरकार की असम की सांस्कृतिकपरंपराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.दरअसल असम का झुमुर बिनंदिनी इन दिनों काफी चर्चा में है. इसकासबसे बड़ा प्रयास है कि अब तक के सबसे बड़े झुमुर नृत्य प्रदर्शन के लिए विश्न रिकॅार्ड स्थापित करने का प्रयास इसका मुख्य उद्देश्य है. असमिया भाषा को दिया शास्त्रीय भाषा का दर्जाइस खास मौके के अवसर पर पीएम मोदी ने असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने और चराइदेव मोइदम को यूनेस्को की विश्न धरोहरसूची में शामिल किए जाने को असम के लिए एक बड़ी उपलब्धि का करार दिया है. यह दोनों उपलब्धियां उनकी सरकार के प्रयासों का परिणाम है. पीएम मोदी इस समय असम के दो दिवसीय दौरे पर है. और कल एडवांटेड असल 2.O कार्यक्रम का उद्धाटन करेंगें.
बंगाल के छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने दिया पद से इस्तीफा, यूनूस सरकार को लगा बड़ा झटका

बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट में शामिल रहे छात्र नेता मोहम्मद नाहिद इस्लाम ने यूनुस की अंतिम सरकार को बड़ा झटका दे दियाहै.दरअसल नाहिद इस्लाम ने सूचना और प्रसारण सलाहकार के पद से (मंगलवार 25 फरवरी) को इस्तीफा दे दिया. और उन्होंने कहा कि उन्हें सरकारमें रहने के बजाय सड़कों पर उतरकर एक्टिव रूप से काम करने के लिए इस को इस्तीफा दिया है. ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार मोहम्मदनाहिद इस्लाम के कुछ घंटे बाद स्टेट गेस्ट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मोहम्मद नाहिद इस्लाम ने लोगों से कहा .कि मुझे जनता सेसीधे जोड़ने की आवश्यकता है. और कहा कि बीते 6 महीने में उन्होंने सूचना और प्रसारण सलाहकार के पद पर रहकर योगदान देने की कोशिश की दोमंत्रालय की जिम्मेदारियां के अलावा उन्होंने और भी कई कार्यो को संभाला. जो अच्छे परिणाम देगी. कैबिनेट से इस्तीफा के बारे में नाहिद इस्लाम नेकहा मुझे लगता है. कि सरकार से बाहर रहना जरूरी है. जन विद्रोह की आकांक्षाएं अभी नहीं हुई है पूरीजन विद्रोह की आकांक्षाएं अभी पूरी नहीं हुई है. सरकार न्याय और सुधार के वादों के साथ बनाई गई थी. छात्र सलाहकार पदों पर बने हुए हैं. उनकाऐसा मानना है कि सरकार के भीतर उन्हें और भी जिम्मेदारियां संभालनी है. वे दोनों सरकार में रहते हुए जनता की सेवा करेंगे. और जब उनको लगेगा किसब ठीक है.तो वह पद को छोड़ देंगे. पॉलिटिकल फ्यूचर के बारे में नाहिद इस्लाम ने कहा कि वह नई राजनीतिक ताकत और पार्टी में शामिल होने कीइच्छा रखते हैं. अपने लक्ष्य के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा वह लोगों से फिर से जोड़ना चाहते हैं. उन्हें एक बार फिर से एकजुट करना चाहते हैं. यहीकारण है कि उन्होंने इस्तीफा दिया.आगे यह भी कहा कि सरकार में उन्हें नौकरशाही विरासत में मिली थी. जो समस्याग्रस्थ थी. इसके साथ ही पुलिस मेंआत्म विश्वास की कमी थी. जिसके कारण जुलाई में हुई हत्याओं के अपराधियों को पकड़ने और उन पर मुकदमा चलाने में कई परेशानियों का सामनाकरना पड़ा.
क्या बिहार के मुख्यमंत्री के बेटे कर सकते है राजनीति में एंट्री, पत्ता खोलने से क्यों बच रहे है नितीश कुमार

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार आमतौर पर सियासत और सियासी बयान बाजियों, सार्वजनिक आयोजनोंऔर मीडिया से हमेशा दूरी को बनाए रखते हैं.लेकिन इन दिनों निशांत कुमार के रुख बदले – बदले अंदाज में दिख रहे हैं. निशांत पिता के साथसार्वजनिक आयोजन में दिख रहे है. बिहार सरकार और नीतीश कुमार के काम की तारीफ कर रहे हैं. जनता दल युनाईटेड और उसकी अगुवाई वालेराष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पक्ष मतदान को लेकर जनता से अपील कर रहे हैं. इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या निशांत शासन मेंडेब्यू करने वाले हैं. इसको लेकर निशांत कुमार एक दिन पहले ही अपनी माता मंजू सिन्हा की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिएहुए पहुंचे थे. जेडीयू कार्यालय पर लगाए गए पोस्टरनिशांत कुमार ने उम्मीद जताई है. कि बिहार चुनाव में जेडीयू का प्रदर्शन अच्छा रहेगा. उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि एनडीए नीतीश कुमार कोमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर उनकी अगुवाई में ही चुनाव मैदान में उतरेगी. और फिर से सत्ता में वापसी भी करेंगी. निशांत कुमार कोसियासत में लाने की मांग को लेकर जेडीयू कार्यालय पर पोस्टर लगाना और फिर उनका सियासत को लेकर अचानक मुखर हो जाना. दरअसल यहउनके सियासी डेव्यू को तय करने लगा है. निशांत कुमार सियासत से लेकर अपने पिता की सीएम उम्मीदवारी और बिहार सरकार के कामकाज तक हरमुद्दे पर बाद बोल रहे हैं. निशांत आए खुलकर राजनीति में सामनेनिशांत खुलकर सामने तो आ गए हैं. लेकिन सियासी डेब्यू का सवाल रहस्यमयी अंदाज में “अरे छोड़िए” कहकर टाल रहे हैं. निशांत कुमार सियासत मेंएंट्री की लाइन के करीब खड़े हैं. इतने करीब कि कभी भी एंट्री कर जाए. लेकिन फिर भी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. आखिरकार इसके पीछे की वजहक्या है. नीतीश कुमार की गिनती सियासत में परिवारवाद के घोर विरोधी भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की परंपराओं के नेताओं में होती है. नीतीश कुमारअपनी इमेज को लेकर बहुत सतर्क रहते हैं. नीतीश केंद्र सरकार में मंत्री रहे. इन्होनें 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कुछ महीने हटा दें. तो साल2005 से लगातार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. लेकिन अपने इकलौते बेटे को सियासत से यह दूर ही रखते हैं. निशांत की पॉलिटिक्स में एंट्री के ऐलान मेंजो हिचकि चाहत नजर आ रही है उसे राजनीति से जोड़ा जा रहा है.