मध्य प्रदेश में अंगदान-देहदान करने वालों को मिलेगा राजकीय सम्मान: मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा ऐलान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य में अंगदान और देहदान करने वालों कोराजकीय सम्मान दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य लोगों को अंगदान और देहदान के प्रति जागरूक करना और इस नेक कार्य को प्रोत्साहित करनाहै। अंग प्रत्यारोपण के लिए संस्थान खोलने की योजनामुख्यमंत्री ने बताया कि अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रदेश में एक विशेष संस्थान खोला जाएगा। उन्होंने भोपाल एम्स की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेशमें पहली बार हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। सीएम ने इस प्रक्रिया में शामिल डॉक्टरों के कार्य को बेहतरीन बताया। भोपाल एम्स के मरीज से मुलाकातसीएम मोहन यादव ने हार्ट ट्रांसप्लांट के मरीज दिनेश मालवीय से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि दिनेश मालवीय इस सफलता से बेहद खुश हैं औरउनकी खुशी अंगदान की उपयोगिता को स्पष्ट रूप से दिखाती है। उन्होंने कहा, “अंगदान का महत्व तभी समझ में आता है जब यह किसी की जानबचाता है।” राजकीय सम्मान का महत्वराज्य सरकार के इस निर्णय के तहत, जो लोग अपने अंगों का दान करेंगे या देहदान करेंगे, उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ सम्मानित किया जाएगा।यह पहल राज्य में अंगदान और देहदान को बढ़ावा देने के लिए एक प्रेरणा का काम करेगी। मुख्यमंत्री का संदेशसीएम ने कहा, “अंगदान और देहदान एक महान कार्य है। इससे न केवल किसी की जान बचाई जा सकती है, बल्कि यह समाज के प्रति हमारीजिम्मेदारी को भी दर्शाता है। सरकार इस नेक कार्य को और आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।” आगे की योजनाएंसरकार जल्द ही अंगदान और देहदान से जुड़े जागरूकता कार्यक्रमों को पूरे प्रदेश में शुरू करेगी और चिकित्सा क्षेत्र में नई तकनीकों को शामिल करनेकी दिशा में भी काम करेगी। यह फैसला प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने और लोगों को मानवता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करने का एक बड़ाकदम माना जा रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में की पूजा

सोमवार को प्रयागराज में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संगम में पवित्र स्नान कर सनातन आस्था को नई ऊंचाई दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री संगम पहुंचे, जहां उन्होंने संगम स्नान किया और धार्मिकपरंपराओं का पालन किया। राष्ट्रपति करीब आठ घंटे तक संगम नगरी में रहीं। संगम स्नान और अक्षयवट के दर्शनराष्ट्रपति ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर धार्मिक आस्था को मजबूत आधार दिया। इसके बाद उन्होंने अक्षयवट का दर्शन औरपूजन किया। सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना गया है। राष्ट्रपति ने बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन किए और देशवासियों कीसुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। डिजिटल महाकुंभ का अवलोकनराष्ट्रपति ने महाकुंभ को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल का समर्थन किया। उन्होंनेडिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का दौरा किया, जहां श्रद्धालुओं को महाकुंभ मेले की विस्तृत जानकारी तकनीकी माध्यमों से उपलब्ध कराई जा रही है। सुरक्षा और ऐतिहासिक पृष्ठभूमिराष्ट्रपति के दौरे को लेकर प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था को बेहद चाक-चौबंद किया गया। यह यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि इससे पहले भारत के प्रथमराष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में संगम स्नान किया था। श्रद्धालुओं का संगम में भारी उत्साह13 जनवरी से अब तक 43.57 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी परिवार के साथसंगम में डुबकी लगाई। प्रेरणादायक क्षणराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यह दौरा न केवल प्रयागराज के लिए, बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक है। उनकी उपस्थिति ने महाकुंभ केधार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को नई ऊंचाई प्रदान की।
परीक्षा पे चर्चा 2025: छात्रों के साथ प्रधानमंत्री मोदी का संवाद, जानिए पीएम ने बच्चों को क्या टिप्स दी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 फरवरी 2025 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में परीक्षा पे चर्चा 2025 के आठवें संस्करण काआयोजन किया। कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। इस वर्ष का मुख्य उद्देश्य छात्रों के परीक्षा तनाव को कम करना औरजीवन व स्वास्थ्य से जुड़े अहम पहलुओं पर चर्चा करना था। स्वास्थ्य और आहार पर सुझावपीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत छात्रों को स्वास्थ्य और आहार पर टिप्स देकर की। उन्होंने मोटे अनाज (मिलेट्स) के महत्व को समझाया औरबताया कि भोजन को कम से कम 32 बार चबाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने सही समय पर भोजन करने और स्वस्थ आहार लेने की आदत को जरूरीबताया। परीक्षा तनाव को कम करने के उपायप्रधानमंत्री ने छात्रों से परीक्षा के दौरान तनाव को कम करने के तरीके साझा किए। उन्होंने कहा कि छोटे लक्ष्य बनाकर उन्हें पूरा करने से आत्मविश्वासबढ़ता है। पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करने और अपनी कमजोरियों पर काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने विचार साझाकरने से मन शांत रहता है नेतृत्व कौशल पर मार्गदर्शनबिहार के एक छात्र ने पीएम मोदी से नेतृत्व कौशल पर सवाल पूछा। इस पर उन्होंने कहा कि एक प्रभावी नेता दूसरों को समझने, उनकी मदद करनेऔर सहयोग प्रदान करने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने टीमवर्क और धैर्य को नेतृत्व के लिए जरूरी गुण बताया। सामाजिक दबाव और करियर विकल्पकरियर पर माता-पिता के दबाव को लेकर एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि सामाजिक तुलना से बचना चाहिए। उन्होंने सचिन तेंदुलकरका उदाहरण देते हुए कहा कि माता-पिता को बच्चों की रुचि को समझते हुए उनका समर्थन करना चाहिए। लेखन और अभ्यास का महत्वपीएम मोदी ने छात्रों को लेखन की आदत डालने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह न केवल कौशल को निखारता है, बल्कि विचारों को स्पष्ट रूप सेव्यक्त करने में भी मदद करता है। टेक्नोलॉजी के उपयोग पर सुझाव तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि इसे सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को समय बर्बाद करने वालीगतिविधियों से बचने और टेक्नोलॉजी को उत्पादक कार्यों में उपयोग करने की सलाह दी। डांस और रचनात्मकता को प्रोत्साहनडांसिंग से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि रचनात्मक गतिविधियों से तनाव कम होता है। उन्होंने माता-पिता से अपील की कि वेबच्चों को केवल पढ़ाई तक सीमित न रखें। जलवायु परिवर्तन पर चर्चापीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर एक छात्र के सवाल की सराहना की। उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल का उल्लेख करते हुए प्रकृति के संरक्षणके महत्व पर जोर दिया। अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सुझावपीएम मोदी ने अभिभावकों और शिक्षकों से बच्चों की तुलना दूसरों से न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर बच्चे की अपनी विशेषता होती है, जिसे पहचानना और प्रोत्साहित करना आवश्यक है। छात्रों को दिया मोटिवेशन का गुरुमंत्रकार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने के बाद खुद को पुरस्कृत करें। उन्होंनेछात्रों को आत्मनिरीक्षण और गलतियों से सीखने पर जोर दिया। परीक्षा पे चर्चा का उद्देश्यइस वर्ष के कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल छात्रों को परीक्षा संबंधी तनाव से निपटने में मदद करना था, बल्कि उन्हें जीवन और करियर के अन्य पहलुओंपर मार्गदर्शन देना भी था।
बजट सत्र का सातवां दिन: राज्यसभा में बोलीं सोनिया गांधी, जनगणना में देरी से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लाभार्थियों पर संकट

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) से संबंधित मुद्दे उठाए। उन्होंने जनगणना मेंहो रही देरी को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए और एनएफएसए के तहत लाभार्थियों की संख्या को अद्यतन करने की मांग की। एनएफएसए का उद्देश्य और इसकी भूमिकासोनिया गांधी ने याद दिलाया कि सितंबर 2013 में यूपीए सरकार द्वारा लागू किया गया यह कानून हर नागरिक को खाद्यान्न और पोषण उपलब्धकराने के उद्देश्य से लाया गया था। उन्होंने कहा कि इस योजना ने देशभर में करोड़ों लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई, खासतौर पर कोविड महामारी के दौरान। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना भी इसी कानून परआधारित है। जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है एनएफएसएसोनिया गांधी ने बताया कि एनएफएसए के तहत 75% ग्रामीण और 50% शहरी आबादी को सब्सिडी पर अनाज दिया जाता है। हालांकि, उन्होंनेइस बात पर चिंता जताई कि लाभार्थियों की संख्या अब भी 2011 की जनगणना पर आधारित है। 2011 के बाद से अब तक जनसंख्या में हुएबदलाव को ध्यान में नहीं रखा गया है। जनगणना में देरी पर सवालसोनिया गांधी ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में यह पहली बार है जब हर 10 साल पर होने वाली जनगणना में इतनी लंबी देरी हो रही है।उन्होंने कहा कि 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन चार साल बीतने के बावजूद इसकी कोई निश्चित समयसीमा नहीं तय की गई है। उन्होंने सरकारसे इस प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की अपील की। फूड सिक्योरिटी को बताया मूलभूत अधिकारसोनिया गांधी ने जोर देकर कहा कि खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि हर नागरिक का बुनियादी अधिकार है। उन्होंने सरकार से आग्रह कियाकि जनगणना शीघ्र कराई जाए ताकि एक भी पात्र व्यक्ति इस योजना के लाभ से वंचित न रह सके।
तिरुपति लड्डू विवाद: सीबीआई की जांच में बड़ा खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में मिलावटी घी के इस्तेमाल को लेकर विवाद के बाद सीबीआई ने गहन जांच शुरू की है। सुप्रीम कोर्टके निर्देश पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हाल ही में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, लड्डू प्रसाद मेंमिलावट के मामले में यह कार्रवाई की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही जांचतिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू प्रसाद में मिलावट का मामला पिछले साल सामने आया था। इस विवाद को सुप्रीम कोर्ट तक ले जायागया, जहां शीर्ष अदालत ने इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीतिक हस्तक्षेप से बचने का निर्देश दिया। अक्तूबर 2024 में कोर्ट ने सीबीआई कोएसआईटी के जरिए मामले की जांच करने का आदेश दिया। चार आरोपियों की पहचानसीबीआई अधिकारियों ने पुष्टि की है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विपिन जैन, पोमिल जैन, अपूर्व चावड़ा और राजू राजशेखरन शामिल हैं। इनपर तिरुपति लड्डू में मिलावटी घी की आपूर्ति का आरोप है। एसआईटी में कौन-कौन शामिल?इस मामले की जांच के लिए नवंबर 2024 में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था। इसमें सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेशपुलिस के दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का एक विशेषज्ञ शामिल हैं। राजनीतिक विवाद और राज्य सरकारों के आरोप-प्रत्यारोपमामले के उजागर होने के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व सरकार पर तिरुपति लड्डू में पशु वसा के उपयोग का आरोप लगाया।उनके इस बयान से बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। मंदिर प्रशासन की सफाईविवाद के बीच तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने 2024 में बयान जारी कर लड्डू की पवित्रता बनाए रखने का आश्वासन दिया। प्रबंधन ने कहाकि श्रीवारी लड्डू अब पूरी तरह शुद्ध है और सभी खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है। मिलावट रोकने के लिए नई पहलमंदिर प्रशासन ने घी और दूध उत्पादों में मिलावट की संभावना को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की मदद से मिलावटपरीक्षण मशीन लगाने की घोषणा की थी। प्रशासन ने बताया कि जनवरी 2025 तक यह मशीन कार्यशील हो जाएगी। केंद्र सरकार का सख्त रुखघी की जांच के दौरान तमिलनाडु के डिंडीगुल में एक डेयरी फैक्टरी से जुड़े नमूनों की भी जांच की गई। केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा किप्रसाद में मिलावट बेहद गंभीर मामला है और दोषियों को सजा दी जाएगी।