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भारतीय सेना ने औपनिवेशिक विरासत से अलग होने की पहल की, फोर्ट विलियम का बदला नाम

भारतीय सेना ने औपनिवेशिक विरासत से दूरी बनाते हुए कोलकाता स्थित पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम का नाम बदलकर ‘विजय दुर्ग’ करदिया है। इस ऐतिहासिक बदलाव की जानकारी एक रक्षा अधिकारी ने दी। सेना ने किले के भीतर मौजूद कुछ अन्य महत्वपूर्ण इमारतों के नाम भीबदले हैं। फोर्ट विलियम का नया नाम: विजय दुर्गफोर्ट विलियम, जिसे ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बनाया गया था, अब विजय दुर्ग के नाम से जाना जाएगा। यह बदलाव नवंबर-दिसंबर में सेना द्वारालिए गए निर्णय का हिस्सा है। यह नाम भारतीय परंपरा और गौरव को उजागर करता है। औपनिवेशिक नामों को भारतीय पहचान सेंट जॉर्ज गेट का नाम: अब इसे ‘शिवाजी द्वार’ कहा जाएगा। किचनर हाउस का नाम: इसे बदलकर ‘मानेकशॉ हाउस’ कर दिया गया है, जो फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के सम्मान में रखा गया है। रसेल ब्लॉक का नाम: यह अब ‘बाघा जतिन ब्लॉक’ के नाम से जाना जाएगा, जो स्वतंत्रता सेनानी जतिन्द्रनाथ मुखर्जी की स्मृति में रखा गया है। औपनिवेशिक इतिहास से जुड़ी संरचनाओं का महत्वफोर्ट विलियम का निर्माण 1781 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने अधिकार और पूर्वी हिस्से पर नियंत्रण को दर्शाने के लिए किया था। इसकानाम इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर रखा गया था। यह 170 एकड़ में फैला है और इसमें कई ऐतिहासिक और आधुनिक संरचनाएं मौजूदहैं। फोर्ट विलियम: पूर्वी सेना कमान का मुख्यालयफोर्ट विलियम 1963 में चीन-भारत युद्ध के बाद सेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय बना। इससे पहले यह मुख्यालय लखनऊ में स्थित था। किलाहुगली नदी के किनारे स्थित है और इसकी स्थापत्य कला इसे विशिष्ट बनाती है। बाघा जतिन की स्मृति में नया नामरसेल ब्लॉक का नाम स्वतंत्रता सेनानी जतिन्द्रनाथ मुखर्जी (बाघा जतिन) के नाम पर रखा गया है। ओडिशा के बालासोर में 1915 में ब्रिटिश पुलिसके साथ मुठभेड़ में उनकी शहादत हुई थी। भारतीय सेना की पहलरक्षा अधिकारी ने बताया कि औपनिवेशिक पहचान से अलग होकर सेना अपनी परंपरा और गौरव को प्राथमिकता दे रही है। यह नाम परिवर्तन भारतीयसांस्कृतिक विरासत और इतिहास को सम्मान देने का प्रयास है।

मिगसन ग्रुप पर जीएसटी एसआईबी की छापेमारी से हड़कंप, अन्य बिल्डर भी जांच के दायरे में

जीएसटी विभाग की विशेष जांच शाखा (एसआईबी) द्वारा मिगसन ग्रुप पर छापेमारी के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में हलचल मच गई है। बताया जारहा है कि एसआईबी के रडार पर करीब 15 बड़े बिल्डर हैं। इन बिल्डरों के खिलाफ ग्राहकों ने रेरा और शासन तक शिकायतें दर्ज कराई हैं। सूत्रों केअनुसार, मिगसन ग्रुप पर छापेमारी एक शुरुआत भर है और आने वाले समय में अन्य बिल्डरों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। छापेमारी में लैपटॉप और दस्तावेज जब्तएसआईबी की टीम ने मिगसन ग्रुप की 15 फर्मों की 41 शाखाओं पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने लैपटॉप, हार्डडिस्क और महत्वपूर्ण दस्तावेजकब्जे में लिए। छापेमारी के पीछे फ्लैट बुकिंग के बाद बायर्स से हिडन चार्ज वसूलने की शिकायत प्रमुख कारण थी। 10 करोड़ से अधिक जीएसटी चोरी का मामला उजागरसूत्रों की मानें तो मिगसन ग्रुप पर की गई 12 घंटे की छानबीन के दौरान 10 करोड़ रुपए से अधिक की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ। जांच के बादमिगसन ग्रुप को अपनी विभिन्न शाखाओं में 10 करोड़ रुपए जमा कराने पड़े। टीम ने जब्त किए गए दस्तावेजों की समीक्षा के आधार पर ऑडिट औरसमन जारी करने की योजना बनाई है। अन्य बिल्डरों पर भी नजरएसआईबी ने जिले में अन्य रियल एस्टेट फर्मों के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दावों की भी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों को शक है कि बड़ेपैमाने पर धोखाधड़ी हुई है। इस जांच के बाद अन्य बिल्डरों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। मिगसन कियाना प्रोजेक्ट पर 50 करोड़ का बकायागाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-14 में चल रहे मिगसन कियाना प्रोजेक्ट पर आवास विकास का 50 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। आवासविकास ने प्रोजेक्ट के बाहर नोटिस चस्पा कर चेतावनी दी है कि बिल्डर ने अभी तक कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं किया है। जब तक बिल्डरबकाया राशि जमा नहीं करता और सर्टिफिकेट नहीं लेता, तब तक फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं की जा सकती। 350 फ्लैट अवैध, कार्रवाई की तैयारीमिगसन कियाना में 350 से अधिक फ्लैट और निचले फ्लोर पर दुकानें हैं। कई फ्लैट मालिक बिना रजिस्ट्री के ही रहने लगे हैं। आवास विकास नेफ्लैट आवंटियों को चेतावनी दी है कि बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट फ्लैट का आवंटन अवैध है। दूसरे चरण की कार्रवाई में अवैध रूप से बनीकमर्शियल संपत्तियों को सील करने की योजना है। रेरा के आदेशों का पालन नहीं कर रहे बिल्डररेरा द्वारा गठित नियमों और आदेशों को कई बिल्डर नजरअंदाज कर रहे हैं। मिगसन ग्रुप के कई प्रोजेक्ट्स में खरीदारों को लंबे इंतजार के बावजूद फ्लैटनहीं मिले हैं। वर्ष 2016 में बुक किए गए फ्लैट 9 साल बाद भी ग्राहकों को नहीं दिए गए। आठ बिल्डरों पर लटकी कार्रवाई की तलवारराज्य कर विभाग के अपर आयुक्त (ग्रेड-1) भूपेंद्र शुक्ला ने बताया कि खरीदारों की शिकायतों के आधार पर आठ बिल्डरों के खिलाफ जांच जारी है।इन बिल्डरों पर जीएसटी फाइलिंग में गड़बड़ी और अधिक आईटीसी लाभ लेने का आरोप है। उनके गाजियाबाद और आसपास के इलाकों में कईप्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनमें धोखाधड़ी की आशंका है।

बिहार में राहुल गांधी ने उठाई जाति आधारित जनगणना की मांग, जानिए क्या क्या बोला?

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर बिहार में जाति आधारित जनगणना की वकालत की।उन्होंने कहा कि देश में वंचित, पिछड़े और आदिवासी वर्गों की सही स्थिति का पता लगाने और उनके विकास के लिए यह जनगणना अनिवार्य है।बिहार जैसी नहीं, कर्नाटक जैसी जनगणना का समर्थनराहुल गांधी ने कहा कि जाति आधारित गणना केवल बिहार जैसी नहीं, बल्कि कर्नाटक जैसी विस्तृत होनी चाहिए। उन्होंने यह बात पटना के श्रीकृष्णमेमोरियल हॉल में स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी की जयंती समारोह के दौरान कही। सत्ता और संस्थानों में वंचितों की भागीदारी पर सवालराहुल गांधी ने कहा कि भारत के सत्ता तंत्र, न्यायपालिका, शिक्षा, स्वास्थ्य और कॉरपोरेट सेक्टर में वंचित समुदाय की भागीदारी बेहद कम है। उन्होंनेआरोप लगाया कि देश की शीर्ष 200 कंपनियों में एक भी ओबीसी या वंचित वर्ग का मालिक नहीं है। उन्होंने इसे “सत्ता के वास्तविक संस्थानों मेंवंचितों के प्रतिनिधित्व की कमी” करार दिया। 25 अमीरों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ: राहुल गांधीभाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने 25 अमीरों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए, लेकिन इस सूची मेंएक भी वंचित वर्ग का व्यक्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “जीएसटी आप भरते हैं, अडानी भी भरते हैं, लेकिन लाभ का बंटवारा केवल गिने-चुने लोगों तकसीमित है।” शिक्षा व्यवस्था पर भी हमलाराहुल गांधी ने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था वंचितों के दर्द को समझने में असफल है। उन्होंने कहा, “किताबों में मैंने वंचितों को केवल ‘अछूत’ और ‘वंचित’ शब्दों में पढ़ा है। क्या उनके इतिहास और संघर्ष को केवल दो लाइनों में समझा जा सकता है?” संविधान को कमजोर करने का आरोपराहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि ये संस्थाएं संविधान को कमजोर करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “संविधान ने सभीको समानता का अधिकार दिया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस इसे समाप्त करने की कोशिश में हैं। उन्हें पता है कि संविधान खत्म किए बिनावंचितों, पिछड़ों और आदिवासियों को दबाया नहीं जा सकता।” कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख नेता इस कार्यक्रम में कांग्रेस के कई प्रमुख नेता मौजूद थे, जिनमें बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्व अध्यक्ष मदनमोहन झा और संयोजक विनोद कुमार चौधरी शामिल थे।

महाराष्ट्र की सियासत में मुख्यमंत्री आवास से जुड़ा विवाद, UBT सांसद संजय राउत ने किया दावा

महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों मुख्यमंत्री आवास “वर्षा” बंगले को लेकर अंधविश्वास की चर्चा हो रही है। शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजयराउत ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस बंगले में इसलिए शिफ्ट नहीं हो रहे, क्योंकि वे अंधविश्वास पर भरोसा करते हैं। इस दावे परअब सीएम फडणवीस ने सफाई देते हुए असली वजह बताई है। सीएम फडणवीस ने बताया शिफ्टिंग का कारणदेवेंद्र फडणवीस ने अंधविश्वास के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी बेटी के 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा, “परीक्षाओं केखत्म होने के बाद ही हम शिफ्टिंग पर ध्यान देंगे।” सीएम ने स्पष्ट किया कि उनकी शिफ्टिंग में कोई अंधविश्वास की वजह शामिल नहीं है। संजय राउत का विवादास्पद दावासंजय राउत ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कामाख्या मंदिर में दर्शन के दौरान भैंसों की बलि दी गई थी। उन भैंसों के सींग “वर्षा” बंगले के परिसर में दफनाए गए, ताकि मुख्यमंत्री की कुर्सी एकनाथ शिंदे के पास रहे। राउत के मुताबिक, इसी वजह से फडणवीस बंगले में शिफ्ट नहींहो रहे। “सागर” बंगले में रह रहे हैं फडणवीसदेवेंद्र फडणवीस दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, वह अभी तक “वर्षा” बंगले में शिफ्ट नहीं हुए हैं और “सागर” बंगले में ही रह रहे हैं।सीएम ने कहा कि “वर्षा” बंगले में कुछ मरम्मत का काम बाकी है और एकनाथ शिंदे के वहां से शिफ्ट होने के बाद वे जल्द ही वहां रहने लगेंगे। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने संजय राउत को दिया जवाबडिप्टी सीएम और पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संजय राउत के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “इस तरह के झूठे और बेबुनियादआरोप लगाने वालों को खुद ऐसी बातें कहने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।” सीएम फंडवीस का बयानफडणवीस ने राउत के दावों को फर्जी बताते हुए कहा कि ऐसी बातों पर प्रतिक्रिया देना भी जरूरी नहीं है। उन्होंने इस विवाद को पूरी तरह से राजनीतिसे प्रेरित बताया। “वर्षा” बंगले का महत्व“वर्षा” बंगला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास है। यह राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है। हालांकि, इस बंगलेको लेकर अंधविश्वास और राजनीतिक विवाद पहले भी उठते रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने संगम में लगाई डुबकी, साधु-संतों से की भेंट

ऐतिहासिक क्षण: पीएम मोदी का संगम स्नानप्रयागराज के महाकुंभ में बुधवार को एक विशेष दृश्य तब देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरानउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकिश्रद्धालुओं और आयोजकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। भव्य स्वागतप्रधानमंत्री के प्रयागराज आगमन पर बमरौली एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत कई वरिष्ठ नेता इस मौके पर मौजूद रहे। एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री हेलिकॉप्टर द्वारा डीपीएस केहेलिपैड पहुंचे और वहां से संगम के वीआईपी घाट तक पहुंचे। धार्मिक आस्था और सूर्य पूजासंगम घाट पर भगवा वस्त्र धारण किए प्रधानमंत्री ने मंत्रोच्चारण के बीच डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने सूर्य को अर्घ्य दिया और मंत्र जाप करते हुएसूर्य पूजा की। संगम स्नान के बाद मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें महाकुंभ की तैयारियों और व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। संगम तक मोटर बोट से यात्राप्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी मोटर बोट से संगम घाट तक पहुंचे। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को महाकुंभ के विभिन्न प्रबंधोंऔर श्रद्धालुओं की सुविधाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। साधु–संतों से भेंट और चर्चासंगम स्नान के बाद प्रधानमंत्री ने महाकुंभ में मौजूद साधु-संतों से मुलाकात की। इस दौरान धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा हुई।संतों ने प्रधानमंत्री को आशीर्वाद देते हुए देश की शांति और प्रगति के लिए प्रार्थना की। श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यानप्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखा गया कि आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। हेलिकॉप्टर औरमोटर बोट के जरिए उनकी यात्रा का प्रबंधन किया गया, जिससे संगम क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन सुचारु रूप से हो सके। महाकुंभ का महत्वमहाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, जो हर 12 वर्षों में होता है। करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान कर मोक्ष की कामना करतेहैं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, आस्था और अध्यात्म का प्रतीक है, जिसे वैश्विक स्तर पर भी विशेष मान्यता प्राप्त है। प्रधानमंत्री की यात्रा का संदेशमहाकुंभ में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उनकी यह यात्रा न केवल भारतीयसांस्कृतिक विरासत को सशक्त करती है, बल्कि महाकुंभ को वैश्विक पहचान दिलाने में भी सहायक होगी। प्रधानमंत्री का संगम स्नान और साधु-संतोंसे संवाद इस आयोजन के महत्व को और भी बढ़ा देता है।