
लद्दाख के चर्चित शिक्षा सुधारक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के संस्थान के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम(एफसीआरए) उल्लंघन को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच शुरू कर दी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में सोनम वांगचुक नेखुद बताया कि करीब 10 दिन पहले सीबीआई की टीम उनके संस्थान हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ आल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) पहुंची थी वांगचुकके मुताबिक, सीबीआई ने बताया कि यह जांच गृह मंत्रालय की शिकायत पर की जा रही है और आरोप लगाया कि संस्थान कथित तौर पर बिनाएफसीआरए अनुमति के विदेशी फंड प्राप्त कर रहा है बताया गया है कि मामले में जांच जारी है, हालांकि कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. वांगचुकने कहा, “हम विदेशी फंड पर निर्भर नहीं रहना चाहते हम अपना ज्ञान निर्यात कर राजस्व जुटाते हैं तीन ऐसे मामलों को विदेशी योगदान समझ लियागया, जबकि वे सेवा समझौते थे जिन पर सरकार को टैक्स भी चुकाया गया था ये समझौते संयुक्त राष्ट्र, एक स्विस विश्वविद्यालय और एक इटैलियनसंगठन से जुड़े थे.
कार्रवाई एक क्रमबद्ध दबाव रणनीति का हिस्सा
सीबीआई टीम ने एचआईएएल और स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) से 2022 से 2024 तक की फंडिंग सेजुड़े दस्तावेज मांगे हैं हालांकि, वांगचुक का आरोप है कि जांच अधिकारी 2021 और 2020 के खातों के साथ-साथ संस्थान से जुड़े स्कूलों केकागजात भी मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों ही स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मुफ्त शिक्षा देते हैं और एचआईएएल में छात्र विभिन्नपरियोजनाओं पर काम करने के बदले स्कॉलरशिप भी पाते हैं वांगचुक ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई एक क्रमबद्ध दबाव रणनीति का हिस्सा है।“पहले पुलिस ने मुझ पर राजद्रोह का केस दर्ज किया, फिर एचआईएएल को आवंटित जमीन वापस लेने का आदेश दिया अब सीबीआई और आयकरविभाग की जांच हो रही है लद्दाख में टैक्स नहीं लगता, फिर भी मैं स्वेच्छा से टैक्स देता हूं और उसके बाद भी नोटिस आ रहे हैं.
वांगचुक ने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग
हाल ही में वांगचुक ने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की थीइस बीच बुधवार को क्षेत्र में 1989 के बाद की सबसे गंभीर हिंसा हुई, जिसमें युवाओं ने भाजपा मुख्यालय और हिल काउंसिल को निशाना बनायाऔर वाहनों को आग के हवाले कर दिया हालात काबू में लाने के लिए पुलिस व अर्धसैनिक बलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे झड़पों में चारप्रदर्शनकारियों की मौत हो गई 30 पुलिस कर्मियों समेत 80 से ज्यादा लोग घायल हुए. मामले में गृह मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर कहा गयाहै कि सोनम वांगचुक ने अपने भड़काऊ बयानों के माध्यम से भीड़ को उकसाया था हिंसक घटनाओं के बीच, उन्होंने अपना उपवास तोड़ा और स्थितिको नियंत्रित करने के लिए कोई व्यापक प्रयास किए बिना एम्बुलेंस से अपने गांव चले गए.