
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संसोधन अधिनियम 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने एकतरह से भारत की संसद के फैसले को बरकरार रखा है उन्होंने यह भी कहा कि जब काई कानून संसद में बनाया जाता है तो उसे खारिज नहीं किया जासकता इसी बात पर आज सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई है. कोर्ट के आदेश पर रिजिजू ने कहा, ‘वक्फ संशोधन अधिनियम पर पूरी सुनवाई के बाद आजसुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का मैं स्वागत करता हूं सुप्रीम कोर्ट पूरे विषय से वाकिफ है मामले को बहुत विस्तार से प्रस्तुत किया गयासरकार की ओर से हमारे सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में अधिनियम के प्रावधानों और उसकी मंशा और सरकार की सोच को विस्तार से प्रस्तुतकिया है.
भारत की संसद के फैसले को बरकरार
मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जो भी फैसला दिया है, वह हमारे लोकतंत्र के लिए बहुत अच्छा संकेत है, क्योंकि जब कोई भी कानून संसदमें बनता है, तो उसे खारिज नहीं किया जा सकता और इसी बात पर आज सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई है मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हूं औरक्योंकि यह देश की सर्वोच्च अदालत है, इसलिए जब भी सुप्रीम कोर्ट से कोई फैसला आता है, उसका प्रभाव पड़ता है, और एक तरह से भारत कीसंसद के फैसले को बरकरार रखा गया है हम एक प्रैक्टिसिंग मुस्लिम के मामले को देखेंगे और नियमों में क्या शामिल किया जाना चाहिए.
गैर-मुस्लिमों की संख्या तीन से अधिक नहीं हो सकती
इससे पहले शीर्ष अदालत ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को लेकर बड़ा फैसला सुनाया कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने की मांग पर विचार करनेसे इनकार कर दिया सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून पर केवल दुर्लभतम मामलों में ही रोक लगाई जा सकती है हमने माना है कि अनुमान हमेशा कानूनकी संवैधानिकता के पक्ष में होता है कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषदों में गैर-मुस्लिमों की संख्या तीन से अधिक नहींहो सकती . इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान पर रोक लगा दी है, जिसके अनुसार पिछले पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाले व्यक्तिही वक्फ बना सकते हैं। कोर्ट ने कहा है कि यह प्रावधान तब तक स्थगित रहेगा, जब तक यह तय करने के लिए नियम नहीं बन जाते कि कोई व्यक्तिइस्लाम का अनुयायी है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ संशोधन अधिनियम पर अंतरिम आदेश सुनाते हुए कानून की कुछ धाराओं पर रोकलगा दी हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अब सरकार की प्रतिक्रिया भीसामने आ गई है.