विपक्ष की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर लगातार संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की जा रही थी। इन मांगोंके बीच केंद्र सरकार ने संसद के आगामी मानसून सत्र की तारीखों का एलान कर दिया है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया किमानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा।
बीमा संशोधन विधेयक हो सकता है पेश
इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश किया जाएगा। उनमें से सबसे अहम बीमा संशोधन विधेयक माना जा रहा है। सरकार इस विधेयक केमाध्यम से बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका मसौदातैयार है और इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। उसके बाद यह विधेयक संसद में प्रस्तुत किया जाएगा।
‘इंडिया’ गठबंधन की विशेष सत्र की मांग
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने भी सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा किविपक्ष जनता की आवाज उठा रहा है और सरकार को विशेष सत्र बुलाना चाहिए। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ परसरकार स्वयं एक विशेष सत्र बुला सकती है।
पिछला बजट सत्र दो चरणों में हुआ था आयोजित
इससे पहले संसद का बजट सत्र दो हिस्सों में आयोजित किया गया था। पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चला।
राज्यसभा में रिकॉर्ड कामकाज
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने जानकारी दी थी कि बजट सत्र के दौरान तीन अप्रैल को राज्यसभा की अब तक की सबसे लंबी बैठक हुई थी, जो अगले दिन सुबह 4:02 बजे तक चली। इस सत्र में कुल 159 घंटे काम हुआ और उत्पादकता 119 प्रतिशत रही। इस दौरान 49 निजी सदस्यों केविधेयक भी प्रस्तुत किए गए।
लोकसभा में भी उल्लेखनीय कार्य
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि निचले सदन की कुल 26 बैठकें हुईं, जिनकी औसत उत्पादकता 118 प्रतिशत रही। बजट सत्र के दौरानकुल 10 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 16 विधेयक पारित किए गए, जिनमें वक्फ संशोधन विधेयक भी शामिल था।