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शिवसेना (उसंजय राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस विधेयक केजरिए लोकतंत्र और चुनी हुई सरकारों को कुचलना चाहती है. उन्होंने लिखा, नरेंद्र मोदी सरकार संविधान का 130वां संशोधन लाकर लोकतंत्र औरजनता द्वारा चुनी गई सरकारों को खत्म करना चाहती है. इस विधेयक की समीक्षा के लिए बनाई गई जेपीसी केवल एक दिखावा है. शिवसेना प्रमुखउद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कहा है कि शिवसेना ऐसी किसी जेपीसी का हिस्सा नहीं बनेगी.
द्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पर बनी संयुक्तसंसदीय समिति (जेपीसी) का हिस्सा नहीं होगी. संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 में यह प्रस्ताव है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री याकोई मंत्री किसी ऐसे अपराध के आरोप में गिरफ्तार होते हैं या 30 दिन तक हिरासत में रहते हैं. जिसकी सजा पांच साल या उससे ज्यादा हो सकती है, तो वह पद से खुद-ब-खुद हट जाएंगे.

समिति करेगी जांच
इस विधेयक की विस्तार से जांच के लिए इसे जेपीसी के पास भेजा गया है. समिति में संसद के दोनों सदनों के कुल 31 सदस्य शामिल होंगे. यहसमिति जांच करेगी और सुझाव देगी, उसके बाद इसे संसद में मतदान के लिए पेश किया जाएगा. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में भरोसाजताया कि संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पारित हो जाएगा, चाहे विपक्ष इसकी आलोचना कर रहा हो. शाह ने इस विधेयक काबचाव करते हुए कहा कि यह सांविधानिक नैतिकता और जनता के भरोसे को बनाए रखने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक सभीनेताओं पर समान रूप से लागू होगा, चाहे वे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष. शाह ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि यह विधेयक पारित होगा. कांग्रेस पार्टीऔर विपक्ष में भी ऐसे कई लोग हैं जो नैतिकता का समर्थन करेंगे और उच्च नैतिक स्तर बनाए रखेंगे. उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री ने इस विधेयक मेंखुद को शामिल किया है. पहले (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लेकर आई थीं, जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री औरलोकसभा अध्यक्ष को कोर्ट की समीक्षा से छूट दी गई थी. लेकिन नरेंद्र मोदी खुद अपने खिलाफ ऐसा संविधान संशोधन ला रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्रीभी जेल जाता है, तो उसे इस्तीफा देना होगा.

शहजाद पूनावाल पर साधा निशाना
अमित शाह ने संसद में यह विधेशक पेश किया है जिसका मकसद है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री अगर लगातार 30 दिनों तक जेल में रहताहै और उस पर ऐसा अपराध है, जिसमें पांच साल या उससे ज्यादा की सजा हो सकती है, तो वह अपने पद पर नहीं बना रहेगा. भाजपा नेता शहजादपूनावाला ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टियां संविधान संशोधन विधेयक का विरोध कर रही हैं वे नैतिकता का नहीं, बल्किनिर्लज्जता का साथ दे रही हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा, जब पूरा देश नैतिकता और अच्छी शासन व्यवस्था के इस कदम का स्वागत कर रहा है, तब कुछविपक्षी दल खुलकर कह रहे हैं कि वे नैतिकता के साथ नहीं, बल्कि निर्लज्जता के साथ हैं… ये वही लोग हैं जो कहते हैं- हम तो निर्लज्जता के साथ हैं, हम तो सत्ता के साथ हैं.

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