
आयोजन का महत्व
शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार ने एक बहुत ही भव्य और यादगार कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का नाम रखा गया – ‘शिक्षक महाकुंभ’। इस अवसर पर दिल्ली सरकार ने उन शिक्षकों को सम्मानित किया, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है। इस समारोहमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद सहित कई विधायक और अधिकारीमौजूद रहे। बच्चों ने अपने शिक्षकों के सम्मान में सुंदर नृत्य और गीत प्रस्तुत किए, जिससे पूरा माहौल भावनाओं और उत्साह से भर गया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का संदेश
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था सही दिशा में बढ़ रही है और सही नेतृत्व के हाथों में है। उन्होंने कहा कि भारत मेंगुरु-शिष्य परंपरा बहुत पुरानी और गौरवशाली रही है। शिक्षक केवल किताब का ज्ञान नहीं देते, बल्कि बच्चों को संस्कार और जीवन जीने की राह भीदिखाते हैं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षकों की भूमिका हमेशासे ही समाज और राष्ट्र को मजबूत करने वाली रही है। धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि सरकारी स्कूलों में सुधारऔर बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की दिशा में काम सराहनीय है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का संबोधन
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि शिक्षक जो काम कर रहे हैं वह केवल नौकरी नहीं, बल्कि ईश्वर का कार्य है। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों को पढ़ानेके साथ-साथ उनका चरित्र गढ़ते हैं और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं। उन्होंने माना कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाना एक कठिन काम है, क्योंकि वहांकई बार संसाधनों और सुविधाओं की कमी होती है। इसके बावजूद शिक्षक बच्चों को पूरे मन और समर्पण से पढ़ाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्लीसरकार का सपना है कि सरकारी स्कूल इतने अच्छे बनाए जाएं कि वे निजी स्कूलों से भी बेहतर हों। रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने शिक्षा सामग्री पर जीएसटी हटा कर बहुत बड़ा कदम उठाया है। इससे शिक्षा और भी सस्ती और सुलभ बनेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री का धन्यवाद कियाऔर कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चा, चाहे उसके माता-पिता अमीर हों या गरीब, अच्छी शिक्षा पाए। मुख्यमंत्री ने हाल ही में बने उसकानून का भी उल्लेख किया, जिसके तहत निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम अभिभावकों के लिए बड़ीराहत लेकर आया है।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद के विचार
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षा केवल नौकरी नहीं, बल्कि एक मिशन है। उन्होंने कहा किप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अक्सर कहते हैं कि मां जन्म देती है, लेकिन शिक्षक जीवन को गढ़ता है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 ने शिक्षा कोएक नई पहचान दी है। इसमें बच्चों को कई तरह की पढ़ाई के अवसर दिए जा रहे हैं – जैसे कि अलग-अलग विषयों का मिश्रण, व्यावसायिकप्रशिक्षण, प्रयोग आधारित शिक्षा और डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल। आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली सरकार अगले तीन वर्षों में हर स्कूल औरहर बच्चे को ‘निपुण संकल्प मिशन’ से जोड़ेगी। इसके अलावा आने वाले चार वर्षों में कक्षा 9 से 12 तक हर कक्षा को स्मार्ट कक्षा में बदला जाएगा।उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से बच्चों की पढ़ाई को व्यक्तिगत बनाया जाएगा और यह देखा जाएगा कि हर बच्चा कैसा प्रदर्शन कर रहाहै। इस बार का शिक्षक दिवस दिल्ली के लिए खास रहा। ‘शिक्षक महाकुंभ’ में शिक्षकों को सम्मान देकर यह संदेश दिया गया कि शिक्षा सबसे बड़ाराष्ट्र निर्माण का काम है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री – सभी ने यह भरोसा दिलाया कि दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था को और भीमजबूत किया जाएगा। यह आयोजन केवल एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह एक वादा भी था कि आने वाले समय में दिल्ली के सरकारीस्कूल बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का सबसे बड़ा आधार बनेंगे।