सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रहित में उठाए गए कदमों को पार्टी विरोधी करार देनाएक गलत सोच है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह की सोच रखते हैं, उन्हें दूसरों पर सवाल उठाने से पहले खुद से सवाल करने की जरूरत है।
थरूर पर कांग्रेस के भीतर से उठे सवाल
कई कांग्रेस नेताओं ने हाल ही में शशि थरूर पर भाजपा के विचारों से मेल खाने और “भाजपा का सुपर प्रवक्ता” होने के आरोप लगाए थे। इन आरोपोंपर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने दो टूक कहा कि वे राष्ट्रहित में काम कर रहे हैं और किसी राजनीतिक दल के एजेंडे से प्रेरित नहीं हैं।
कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को किया खारिज
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में थरूर ने कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा, “मैं जनता द्वारा चुना गया सांसद हूं औरमेरा कार्यकाल अभी चार साल और बाकी है। मुझे नहीं समझ आता कि ऐसे सवाल क्यों पूछे जा रहे हैं।”
राहुल गांधी के बयानों पर संतुलित प्रतिक्रिया
राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर लगाए गए आरोपों के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर थरूर ने कहा, “लोकतंत्र में एक-दूसरे की आलोचना सामान्यप्रक्रिया है। लेकिन जब हम विदेश दौरे पर होते हैं, तो हम किसी पार्टी के नहीं बल्कि भारत के प्रतिनिधि होते हैं।”
‘भारत की विविधता हमारी ताकत’
थरूर ने अपने प्रतिनिधिमंडल की विविधता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में पांच राजनीतिक दलों, सात राज्यों और तीनधर्मों का प्रतिनिधित्व है। “भारत की विविधता ही हमारी ताकत है। राष्ट्रीय हित में हम सब एकजुट हैं,” उन्होंने कहा।
विदेश में भारतीय पहचान को प्राथमिकता
थरूर ने कहा, “देश की सीमाओं से बाहर हम भारतीय हैं, न कि किसी पार्टी के प्रतिनिधि। सीमाओं के पार राजनीतिक मतभेद गौण हो जाते हैं औरराष्ट्रीय एकता प्रमुख हो जाती है।”
मध्यस्थता पर थरूर का स्पष्ट रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के
भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता के दावे पर थरूर ने स्पष्ट किया, “हम अमेरिकी राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, लेकिन भारत ने कभी किसी सेमध्यस्थता की मांग नहीं की।”