"National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |    

स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी कोकड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले महापुरुषों के बारे में अपमानजनक भाषा बर्दाश्त नहीं की जासकती।

“स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान जरूरी”: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन शामिल थे, ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम देश की आज़ादी के लिए संघर्षकरने वालों के खिलाफ किसी को भी अनुचित भाषा का प्रयोग करने की अनुमति नहीं दे सकते। जस्टिस दत्ता ने टिप्पणी करते हुए कहा, “इन महानलोगों ने हमें आज़ादी दिलाई, और आज हम उनके बारे में कैसी बातें कर रहे हैं? यह अस्वीकार्य है।”

भविष्य में चेतावनी: स्वतः संज्ञान की बात
कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भविष्य में वह स्वतंत्रता सेनानियों को लेकर ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान देंगे, तो अदालत स्वतःसंज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकती है। कोर्ट ने कहा, “ऐसे विषयों पर बयानबाज़ी से पहले तथ्यों और इतिहास की जानकारी आवश्यक है।”

राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट समन से राहत
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फिलहाल राहत देते हुए उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन पर रोक लगा दी। इससे पहलेइलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को समन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

“गांधी जी ने भी इस्तेमाल किया था ‘वफादार सेवक’ शब्द”
सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता ने राहुल गांधी के बयान पर सवाल उठाते हुए उदाहरण दिया कि महात्मा गांधी ने भी ब्रिटिश वायसराय को पत्रलिखते समय ‘आपका वफादार सेवक’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने पूछा, “क्या इसका मतलब यह है कि गांधी जी भी अंग्रेजों के नौकरथे?” यह सवाल अदालत की उस मंशा को दर्शाता है कि ऐतिहासिक व्यक्तित्वों को संदर्भ से काटकर आंकना न तो न्यायसंगत है और न हीजिम्मेदाराना।

“क्या राहुल गांधी को अपने इतिहास की जानकारी है?”
अदालत ने राहुल गांधी के वकील एएम सिंघवी से सवाल किया कि क्या उनके मुवक्किल को यह जानकारी है कि इंदिरा गांधी, जब देश कीप्रधानमंत्री थीं, उन्होंने वीर सावरकर की सराहना करते हुए एक प्रशंसा पत्र भेजा था? जस्टिस दत्ता ने कहा, “अगर आपको देश के इतिहास या भूगोलकी जानकारी नहीं है, तो कम से कम हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गलतबयानी न करें।”

मामले की पृष्ठभूमि
राहुल गांधी ने एक भाषण के दौरान सावरकर को लेकर कथित रूप से कहा था कि उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी और ब्रिटिश सरकार की सेवा की। इसबयान के बाद कई संगठनों और नेताओं ने आपत्ति जताई और मामला अदालत तक पहुंच गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *