लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार, 3 मई 2025 को मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्र की मोदी सरकार परकड़ी आलोचना की। उन्होंने पाकिस्तान के साथ चल रहे सीजफायर पर अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के बयान का उल्लेख करते हुए केंद्र सरकार कोसवालों के घेरे में लिया। राहुल गांधी ने कहा, “ट्रंप के एक फोन के बाद नरेंद्र मोदी तुरंत हार मान गए। इतिहास इस बात का गवाह है कि बीजेपी-आरएसएस हमेशा दबाव में झुकती है।”
1971 की जंग और कांग्रेस की बहादुरी पर जोर
राहुल गांधी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि उस वक्त अमेरिका की धमकियों के बावजूद भारत ने साहस दिखाया था।उन्होंने कहा, “कांग्रेस के नेताओं ने सुपरपावर के सामने कभी झुका नहीं। इंदिरा गांधी के समय फोन कॉल नहीं बल्कि सातवां बेड़ा आया था, लेकिनउन्होंने हिम्मत दिखाई और जो करना था किया। कांग्रेस कभी सरेंडर नहीं करती। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल सभी ऐसे नेता थेजिन्होंने हमेशा साहस से सामना किया।”
बीजेपी-आरएसएस पर संविधान के खिलाफ आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश के संविधान की रक्षा करती है, जबकि बीजेपी-आरएसएस इसे खत्म करने में लगे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार कीजातिगत जनगणना को लेकर नीति की भी आलोचना की। राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी और आरएसएस दबाव में आकर जातिगत जनगणना की बातकर रहे हैं, लेकिन असल में वे इसे नहीं कराना चाहते क्योंकि वे देश में न्याय नहीं चाहते।”
जातिगत जनगणना पर मोदी सरकार को फटकार
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “हमने साफ कर दिया था कि सामाजिक न्याय के लिए लड़ेंगे और लोकसभा में जातिगत जनगणना को पास कराएंगे। इसकेबाद प्रधानमंत्री मोदी, मोहन भागवत और नितिन गडकरी ने इस मुद्दे पर अपनी बातें रखीं। लेकिन जब थोड़ा दबाव पड़ा तो ये लोग झुक गए औरजातिगत जनगणना के समर्थन से पीछे हट गए। यह साबित करता है कि बीजेपी-आरएसएस देश में समानता और न्याय को आगे बढ़ाना नहीं चाहते।”