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उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग की सख्ती अब राजनीतिक दलों पर भारी पड़ने लगी है। चुनाव आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचनअधिकारी CEO ने राज्य के 127 दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन सभी दलों पर वित्तीय वर्ष 2023- 24 के लिए निर्धारित समयके भीतर अपने वित्तीय विवरण जमा न करने का आरोप है। यह कदम चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ाऔर सख्त कदम माना जा रहा है।

आपको बता दे कि ये दल चुनाव आयोग ऑफ इंडिया (ECI) के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे। विशेष रूप से, वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए वार्षिक ऑडिटेड खाते जमा करने की अंतिम तिथि तक नहीं जमा किए गए है, इसके अलावा 2019 से अब तकविभिन्न चुनावों जैसे विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भाग लेने के बावजूद, इन दलों ने चुनाव व्यय रिपोर्ट की तय सीमा के अंदर विधानसभाचुनाव के लिए 75 दिन और लोकसभा के लिए 90 दिन के भीतर जमा नहीं की है। इस कारण यह कदम चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित करनेके लिए उठाया गया है।

आपको बता दे कि अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत अनिवार्य हैं। इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया इस पूरे मामले में पारदर्शिताऔर सख्ती बरतने का निर्देश दिए था, जिसके तहत ये नोटिस जारी किए गए जिसके तहत 127 राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग द्वारा सख्तकार्यवाही की गई है।


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