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बरेली में बवाल कराने के आरोपी मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। यह मामला किसी बयानबाज़ी या आंदोलन का नहीं, बल्कितीन दशक पुराने सहकारी बैंक कर्ज़ से जुड़ा है, जिसकी रकम अब ब्याज सहित करीब 28 हजार 386 रुपये से ज्यादा हो गई है। दरअसल, मूल रूप सेजिला बदायूं के गांव करतौली निवासी तौकीर रजा ने वर्ष 1990 में साधन सहकारी समिति करतौली से पांच हजार रुपये की खाद ली थी। मौलाना नेन तो मूल रकम जमा की और न ब्याज अदा किया। अब बैंक ने ब्याज वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी है। रसूलपुर कुट्टी साधन सहकारी समिति सेवर्ष 1990 में मौलाना तौकीर रजा ने 5,560 रुपये का कृषि कर्ज़ लेकर खाद और बीज खरीदे थे। बाद में वर्ष 1996 में राज्य सरकार ने किसानों केकर्ज माफ करने की घोषणा की, लेकिन मौलाना के खाते में यह माफी लागू नहीं हुई। साल 1997 में बैंक जांच में खुलासा हुआ कि उनके नाम परलिया गया कर्ज अब भी लंबित है। बैंक की ओर से कई बार वसूली नोटिस जारी किया गया, लेकिन मौलाना के प्रभाव और राजनीतिक रुतबे केकारण भुगतान नहीं किया गया।

बकायेदारों से रकम की वसूली के लिए सख्त नीति पर काम कर रहा है।
हाल में बरेली बवाल के बाद मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी हुई। उसे जेल भेजा गया। इसके बाद जिला सहकारी बैंक ने पुरानी फाइलें खंगालनीशुरू कीं। जांच में सामने आया कि मौलाना के ऊपर अब तक 21,940 रुपये ब्याज और 5,560 रुपये मूलधन मिलाकर कुल 28,386 रुपये काबकाया है। बैंक अब इस पर दो प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज भी लगाने की तैयारी कर रहा है। जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरिबाबू भारती ने बताया कि मौलाना के बरेली स्तिथ घर पर वसूली की नोटिस चस्पा करने के लिए बृहस्पतिवार को टीम रवाना की गई है। बताया कियदि निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं हुआ, तो उनकी संपत्ति कुर्क कर वसूली की जाएगी। उन्होंने कहा कि बैंक सभी बकायेदारों से रकम की वसूली केलिए सख्त नीति पर काम कर रहा है।

मौलाना का मामला शासन स्तर तक पहुंच चुका
जांच में यह भी पता चला है कि मौलाना तौकीर रजा ने बदायूं जिले में अपनी अधिकांश संपत्तियां पहले ही बेच दी हैं। ऐसे में बैंक की नजर अब उनकीबरेली और अन्य जिलों में स्थित संपत्तियों पर है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरीबाबू भारती ने कहा कि बैंक जहां भी संपत्ति मिलेगी, वहां कुर्की कीकार्रवाई की जाएगी। बैंक की टीम ने पुरानी फाइलों को फिर से पलट कर रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेज दी है। सूत्रों के अनुसार, मौलाना का मामलाशासन स्तर तक पहुंच चुका है और बैंक ने वसूली की प्रक्रिया को प्राथमिकता में रखा है। बदायूं और बरेली दोनों जिलों के राजस्व व पुलिस प्रशासनको भी इसमें सहयोग के निर्देश दिए गए हैं।

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