
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को मंडी में आपदा प्रभावितों को राहत राशि की पहली किस्त जारी की। पड्डल मैदान में हुए कार्यक्रम मेंमंडी, कुल्लू और बिलासपुर के करीब 5,000 प्रभावित उन लोगों को राहत राशि जारी दी गई, जिनका इस बरसात में घरों, गोशालाओें, जमीनों, पशुधन और फसलों का नुकसान हुआ है। बरसात में जिनके घर पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं, उन्हें सात लाख रुपये मिलेंगे, जिसकी पहली किस्त के रूपमें चार लाख रुपये सोमवार को जारी किए गए। आपदा में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का माैन रखा गया। इसदाैरान सीएम ने सराज आपदा में अपने माता-पिता खाने वाली बच्ची को सात लाख रुपये का चेक भेंट दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि चिल्ड्रन ऑफ दस्टेट योजना में बच्ची को 21 लाख रुपये देने का एलान किया। कहा कि यह एफडी के रूप में बच्ची के बैंक खाते में जमा होगा और 18 साल बादउसके काम आएगी। सीएम घर का सामान बह जाने पर दी जाने वाली 70 हजार रुपये की राशि को 1 लाख रुपये करने का एलान किया।
55 हजार रुपये प्रति पशु राहत राशि मिलेगी
हालांकि चार लाख में से कुछ लोगों को फौरी राहत के रूप में 1.30 लाख रुपये दिए भी जा चुके हैं। सात लाख में से शेष तीन लाख रुपये दो अलग-अलग किस्तों में बाद में जारी किए जाएंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सुबह पनारसा पहुंचे और वहां राजकीय डिग्री कॉलेज का लोकार्पण किया। इसकेबाद पू मंडी पहुंचे और पड्डल मैदान में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद किया। इसी दौरान सीएम इस बरसात में आपदा सेप्रभावित परिवारों को राहत राशि वितरित की। मंडी जिले के 717 घर पूरी तरह ध्वस्त हुए, जिन्हें पहली किस्त के तौर पर चार लाख रुपये मिलेंगे।इसके अलावा बिलासपुर जिले के करीब 600 और कुल्लू जिले के 500 ऐसे परिवार हैं, जिन्हें सीधे तौर पर यह लाभ मिलेगा। आंशिक रूप सेक्षतिग्रस्त घरों के मामलों में 90 हजार रुपये प्रति प्रभावित परिवार दिए जाएंगे। आपदा के दौरान सामान की क्षति पर 70 हजार रुपये, गोशाला केक्षतिग्रस्त होने पर 50 हजार रुपये, खेती योग्य या बागवानी भूमि के नुकसान पर प्रति बीघा 10 हजार रुपये और फसलों के नुकसान पर प्रति बीघा 4 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है। पशुधन के नुकसान पर 9 हजार रुपये प्रति पशु और दुधारू पशु की मृत्यु की स्थिति में 55 हजार रुपयेप्रति पशु राहत राशि मिलेगी।
भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी जिले के पनारसा में राजकीय महाविद्यालय पनारसा के 13.14 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित भवन कालोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा प्रदेश सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा मेंव्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से गुणात्त्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि नए संस्थान खोलने का उद्देश्य केवलइमारतें खड़ी करना नहीं होना चाहिए, बल्कि उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करना है। वर्तमान प्रदेश सरकारविद्यार्थियों के लिए पर्याप्त स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है ताकि उनमें आत्मविश्वास का संचार हो और वह भविष्य की चुनौतियों का सामनाकर सकें।