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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य कर विभाग में तैनाती का आधार केवल ‘परफॉर्मेंस’ होगा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि फील्ड में वहीअधिकारी तैनात किए जाएं जो लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्ध हों और जिनकी छवि पूरी तरह साफ हो। मुख्यमंत्री रविवार को राज्य कर विभाग कीराजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोनल अधिकारियों से सीधा संवादकिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी के ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म’ के बाद बाजार में तेजी देखी जा रही है और आने वाले महीनों में इसके सकारात्मकपरिणाम निश्चित रूप से दिखाई देंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि धनतेरस और दीपावली के अवसरों पर अनावश्यक जांच अथवा छापेमारी की कार्रवाई सेबचा जाए। व्यापारियों और उद्यमियों के उत्पीड़न की शिकायत कहीं से भी नहीं आनी चाहिए।

समीक्षा में अवगत कराया गया
बैठक के दौरान जोनवार समीक्षा में अवगत कराया गया कि बरेली (64.2%), सहारनपुर (63.7%), मेरठ (63.0%), गोरखपुर (62.5%) औरझांसी (62.1%) जैसे जोनों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। वहीं कुछ जोनों में लक्ष्य पूर्ति 55 से 58 प्रतिशत के बीच रही, जहां सुधार कीआवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने वाराणसी प्रथम व द्वितीय, गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या, लखनऊ प्रथम व द्वितीय, कानपुर प्रथम व द्वितीय, इटावा, झांसी, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद प्रथम व द्वितीय, गौतमबुद्ध नगर और सहारनपुर सहित सभी जोनों की संभागवार और खंडवारसमीक्षा की।

50 प्रतिशत से कम राजस्व
उन्होंने सभी जोनल अधिकारियों से कहा कि 50 प्रतिशत से कम राजस्व संग्रह वाले खंडों की स्थिति का कारण स्पष्ट करें और सुधार की कार्ययोजनातत्काल तैयार करें। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि बरेली, झांसी और कानपुर प्रथम जोन में कोई भी खंड 50 प्रतिशत से कम संग्रह वाला नहींहै, जो संतोषजनक है। वहीं, असंतोषजनक प्रदर्शन करने वालों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व वृद्धि राज्यकी आर्थिक प्रगति का प्रमुख आधार है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति का संकल्प लेकर कार्य करने काआह्वान किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी स्वयं मार्केट मैपिंग करें, सामान्य रूप से बाजार में जाएं, व्यापारियों से मिलें और उनकी अपेक्षाओं कोसमझें। मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि मंडी शुल्क में कमी से किसानों को राहत और राजस्व में वृद्धि दोनों हुई हैं। यह इस बात का प्रमाण हैकि पारदर्शी और सरल कर प्रणाली हमेशा लाभकारी होती है। उन्होंने व्यापारियों से संवाद बनाए रखने पर बल देते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरणबढ़ाने और समय से रिटर्न फाइल कराने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं।

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