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महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार को सत्र के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली।पूरा मामला ‘राइट टू रिप्लाई’ यानी जवाबदेने के अधिकार को लेकर था. जिस पर शिवसेना (यूबीटी) के विधायक भास्कर जाधव ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर पक्षपात का गंभीरआरोप लगाया। पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा नियम 293 के तहत चल रही बहस का जवाब दिया. इसनियम के तहत सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। जैसे ही शिंदे ने अपना जवाब पूरा किया. शिवसेना (यूबीटी) के विधायक भास्करजाधव खड़े हो गए और जवाब का जवाब देने की मांग की. भास्कर जाधव ने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि उन्हें भी शिंदे के जवाब पर प्रतिक्रिया देने काअधिकार मिलना चाहिए. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि यह अधिकार केवल उसी सदस्य को होता है जिसने बहस की शुरुआतकी हो. चूंकि आदित्य ठाकरे उस समय सदन में मौजूद नहीं थे. इसलिए जाधव को बोलने की अनुमति नहीं दी गई.

भास्कर जाधव ने जताई नाराजगी
इस पर भास्कर जाधव ने नाराजगी जताई. जिससे सत्ता पक्ष की शिवसेना के सदस्य विरोध में खड़े हो गए. हंगामे की स्थिति बनने पर अध्यक्ष ने सदनकी कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन दोबारा शुरू होने पर मंत्री शंभुराज देसाई ने जाधव और ठाकरे पर ‘कुर्सी’ और सत्ता पक्ष की ओरइशारे करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है. उपमुख्यमंत्री शिंदे ने भी कहा कि भास्कर जाधव ने खुद कोनिलंबित करने की चुनौती दी थी. जो सदन की गरिमा के खिलाफ है वहीं विपक्ष के नेता अजॉय चौधरी ने कहा कि बहस शुरू करने वाले सदस्य कुछसमय के लिए बाहर गए थे. ऐसे में दूसरे सदस्य को बोलने का अवसर मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास सरकार की प्रतिक्रिया पर जवाबदेने का अधिकार है. विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने स्पष्ट किया कि सदन की प्रक्रिया का अपमान करना, पूरी विधानसभा का अपमान है. उन्होंने कहाकि वह आदित्य ठाकरे को जवाब देने का अधिकार देने को तैयार हैं. बशर्ते वे सदन में उपस्थित हों। इसके बाद भास्कर जाधव ने मीडिया से बातचीत मेंकहा कि स्पीकर ने पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया और उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि अध्यक्ष विपक्ष के अधिकारोंकी रक्षा नहीं कर रहे हैं और वे सरकार का हिस्सा बनकर व्यवहार कर रहे हैं.

राज्य से जुड़े मुद्दों पर देना था जवाब
जाधव ने कहा कि उपमुख्यमंत्री को पूरे राज्य से जुड़े मुद्दों का जवाब देना था. लेकिन उन्होंने केवल मुंबई से जुड़ी बातों पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंनेकहा कि ठाणे, परभणी, शिक्षा, आंगनवाड़ी, पानी और स्वच्छता जैसे कई अहम मुद्दों को शिंदे ने नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने शिंदे के भाषण कोनझूठऔर भ्रामकनबताते हुए कहा कि सरकार की जबावदेही तय करने के लिए विपक्ष का बोलना जरूरी होता है। लेकिन जब उन्हें बोलने नहीं दिया गया. तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। जाधव ने आरोप लगाया कि स्पीकर अब खुद को सदन के तटस्थ संरक्षक की बजाय सरकार का हिस्सासमझते हैं. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की भूमिका निष्पक्षता की होनी चाहिए. लेकिन वे विपक्ष को बोलने का समान अवसर नहीं दे रहे हैं. विधानसभा मेंयह घटनाक्रम दिखाता है कि सत्ता और विपक्ष के बीच अब सिर्फ विचारों का मतभेद नहीं, बल्कि प्रक्रिया को लेकर भी बड़ा टकराव बनता जा रहा है।महाराष्ट्र विधानसभा में ‘राइट टू रिप्लाई’ को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. शिवसेना (यूबीटी) विधायक भास्कर जाधव ने विधानसभा अध्यक्ष राहुलनार्वेकर पर पक्षपात का आरोप लगाया. उपमुख्यमंत्री शिंदे के जवाब पर विपक्ष बोलना चाहता था लेकिन अनुमति न मिलने पर सदन स्थगित हो गया.

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