महाराष्ट्र में Guillain-Barre Syndrome (GBS) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को मुंबई में इस दुर्लभ बीमारी से पहली मौत दर्ज कीगई। 53 वर्षीय मरीज, जो बीएमसी के बीएन देसाई अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में कार्यरत थे, का नायर अस्पताल में इलाज चल रहा था। गंभीरस्थिति के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
पुणे में GBS के मरीजों की संख्या 197 पहुंची
पुणे में इस बीमारी के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 197 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 172 मरीजों को इलाज मुहैया कराया गया है। लगभग 104 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है, जबकि 50 मरीज ICU में और 20 वेंटिलेटरसपोर्ट पर हैं।
Guillain-Barre Syndrome क्या है?
GBS एक दुर्लभ तंत्रिका विकार है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम पेरीफेरल नर्व्स पर हमला करता है। इसके चलते मांसपेशियों में कमजोरी, हाथों-पैरों में संवेदना का नुकसान, और सांस लेने व निगलने में समस्या हो सकती है। सही समय पर इलाज न मिलने पर यह स्थिति जानलेवा साबित होसकती है।
इलाज और सावधानियां
डॉक्टर्स के अनुसार, यह एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, लेकिन समय पर जांच और उपचार से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है। विशेषज्ञों नेलोगों से लक्षणों पर नजर रखने और तुरंत मेडिकल सहायता लेने की अपील की है।
प्रशासन की कोशिशें
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए निगरानी और इलाज के प्रयास तेज कर दिए हैं। पुणे, मुंबई और अन्य प्रभावित इलाकों में संदिग्धमामलों की पहचान के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।
GBS के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए समय पर जांच और उचित इलाज को प्राथमिकता दी जा रही है।