
महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर चल रहा विवाद अब सियासी रंग ले चुका है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे मराठी अस्मिता के समर्थन में संयुक्तविजय रैली निकाल रहे हैं। हालांकि, इसी बीच मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा गैर-मराठी बोलने वालों पर कथित हमले भी सामने आए हैं, जिससे विवादऔर गहराता जा रहा है।
हिंसा की आलोचना, भाजपा मंत्री ने जताई नाराज़गी
राज्य के मंत्री आशीष शेलार ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) द्वारा की गई कथित हिंसात्मक घटनाओं की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा किमराठी भाषा के नाम पर लोगों पर हमला करना गलत है और इससे राज्य का माहौल खराब होता है। शेलार ने उद्धव और राज ठाकरे के एक मंच परआने को “सियासी अवसरवाद” करार देते हुए कहा कि यह गठबंधन केवल बीएमसी चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है।
संजय राउत का तीखा पलटवार
इस विवाद पर उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने भाजपा पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा, “अगर महाराष्ट्र में मराठी भाषा की रक्षा नहींहोगी तो क्या पाकिस्तान, बांग्लादेश या नेपाल में होगी?” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ये मंत्री इसी मराठी राज्य से वेतन और पहचान पाते हैं, फिरभी भाषा के सम्मान की जगह उसकी तुलना आतंकवाद से कर रहे हैं, जो अत्यंत निंदनीय है।
भाषाई अस्मिता बनाम राजनीतिक एजेंडा
राउत ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेता लोगों की भाषा के संघर्ष को आतंकी घटनाओं से जोड़कर मराठी अस्मिता का अपमान कर रहे हैं।उन्होंने कहा, “यह मानसिकता दर्शाती है कि बीजेपी को मराठी भाषा की गहराई और भावना की कोई समझ नहीं है।”
शेलार का जवाब, भाजपा करेगी विकास की राजनीति
शेलार ने स्पष्ट किया कि भाजपा नफरत की नहीं, विकास की राजनीति में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा मराठीभाषियों और हिंदुओं दोनों केहितों की रक्षा करेगी, लेकिन लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि “वे सत्ता के बिना नहीं रहसकते, इसलिए अब किसी भी कीमत पर बीएमसी की कुर्सी पाना चाहते हैं।”