"National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |    

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का 126वां एपिसोड रविवार को जारी किया गया. इस दौरान उन्होंने श्रोताओं से कहा, ‘मन कीबात में आप सभी से जुड़ना, आप सभी से सीखना, देश के लोगों की उपलब्धियों के बारे में जानना, वाकई मुझे बहुत सुखद अनुभव देता है एक दूसरेके साथ अपनी बातें साझा करते हुए, अपने मन की बात करते हुए, हमें पता ही नहीं चला, इस कार्यक्रम ने 125 एपिसोड पूरे कर लिए हैं. उन्होंने कहा, आज इस कार्यक्रम का 126वां एपिसोड है और आज के दिन के साथ कुछ विशेषताएं भी जुड़ी हैं आज भारत की दो महान विभूतियों की जयंती है मैंबात कर रहा हूं शहीद भगत सिंह और लता दीदी की साथियों, अमर शहीद भगत सिंह हर भारतवासी, विशेषकर देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज हैं. निर्भीकता उनके स्वभाव में कूट-कूटकर भरी थी देश के लिए फांसी के फंदे पर झूलने से पहले भगत सिंह जी ने अंग्रेजों को पत्र भी लिखा थाउन्होंने कहा था कि मैं चाहता हूं कि आप मेरे और मेरे साथियों से युद्धबंदियों से जैसा व्यवहार करें इसलिए हमारी जान फांसी से नहीं, सीधा गोलीमारकर ली जाए। यह उनके अदम्य साहस का प्रमाण है भगत सिंह लोगों की पीड़ा के प्रति भी बहुत संवेदनशील थे और उनकी मदद में हमेशा आगेरहते थे मैं शहीद भगत सिंह को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

समंदर में मौसम कभी भी बिगड़ जाता
उन्होंने आगे कहा, साथियों, आज लता मंगेशकर की भी जयंती है भारतीय संस्कृति और संगीत में रुचि रखने वाला कोई भी उनके गीतों को सुनकरअभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता उनके गीतों में वह सबकुछ है, जो मानवीय संवेदनाओं को झकझोरता है उन्होंने देशभक्ति के जो गीत गाए, उन गीतोंने लोगों को बहुत प्रेरित किया. भारत की संस्कृति से भी उनका गहरा जुड़ाव था मैं लता दीदी के लिए हृदय से अपनी श्रद्धांजलि प्रकट करता हूंसाथियों, लता दीदी जिन महान विभूतियों से प्रेरित थीं, उनमें वीर सावरकर भी एक थे जिन्हें वह तात्या कहती थीं उन्होंने वीर सावरकर के कई गीतों कोअपने सुरों में पिरोया लता दीदी से मेरा स्नेह का जो बंधन था, वह हमेशा कायम रहा वह मुझे बिना बोले हर साल राखी भेजा करती थीं मुझे याद हैमराठी सुगम संगीत की महान हस्ती सुधीर फड़के जी ने सबसे पहले मेरा परिचय लता दीदी से कराया था। मैंने लता दीदी को कहा कि मुझे आपकेद्वारा गाया और सुधीर जी द्वारा संगीतबद्ध गीत ‘ज्योति कलश छलके’ बहुत पसंद है. प्रधानमंत्री ने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों, नवरात्रि के इस समय मेंहम शक्ति की उपासना करते हैं हम नारी शक्ति का उत्सव मनाते हैं बिजनेस से लेकर स्पोर्ट्स तक, एजुकेशन से लेकर साइंस तक.. आप किसी भी क्षेत्रको लीजिए देश की बेटियां हर जगह अपना परचम लहरा रही हैं आज वह ऐसी चुनौतियों को भी पार कर रही हैं, जिनकी कल्पना तक मुश्किल है अगरमैं आपसे यह सवाल करूं कि क्या आप समंदर में लगातार आठ महीने रह सकते हैं क्या आप समंदर में पतवार वाली नाव यानी हवा के वेग से आगेबढ़ने वाली नाव से पचास हजार किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं और वो भी तक जब समंदर में मौसम कभी भी बिगड़ जाता है ऐसा करने से पहलेआप हजार बार सोचेंगे.

यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल कराने का प्रयास
लेकिन भारतीय नौसेना की दो बहादुर अधिकारियों ने नाविका सागर परिक्रमा के दौरान ऐसा कर दिखाया है उन्होंने दिखाया है कि साहस और दृढ़संकल्प होता क्या है आज मैं मन की बात के श्रोताओं को इन दो जांबाज अधिकारियों से मिलवाना चाहता हूं एक हैं लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना औरदूसरी हैं लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा इसके बाद प्रधानमंत्री दोनों अधिकारियों से फोन पर बात करते हुए सुनाई देते हैं. साथियों, हमारे पर्व-त्योहार भारत कीसंस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं. छठ पर्व एक ऐसा पावन-पर्व है जो दिवाली के बाद आता है सूर्य देव को समर्पित यह महापर्व बहुत ही विशेष हैइसमें हम डूबते सूर्य को भी अर्घ्य देते हैं उनकी आराधना करते हैं छठ न केवल देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है बल्कि दुनियाभर में इसकीछठा देखने को मिलती है आज यह एक वैश्विक त्योहार बन रहा है साथियों, मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी है कि भारत सरकार भी छठ पूजाको लेकर एक बड़े प्रयास में जुटी है भारत सरकार छठ पर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल कराने का प्रयास कर रही है.छठ पूजामें यूनेस्को की सूची में शामिल होगी, तो दुनिया के कोने-कोने में लोग इसकी भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर पाएंगे साथियों, कुछ समय पहलेभारत सरकार के ऐसे ही प्रयासों से कोलकाता की दुर्गा पूजा भी यूनेस्को की इस सूची का हिस्सा बनी है हम अपने सांस्कृतिक आयोजनों को ऐसे हीवैश्विक पहचान दिलाएंगे, तो दुनिया भी उनके बारे में जानेगी, समझेगी, उनमें शामिल होने के लिए आगे आएगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *