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माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी के प्रभावी मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार ने आज एक दिवसीय“ब्रेथ ऑफ चेंज – क्लीन एयर डायलॉग” कार्यशाला और आईईसी एक्टिविटी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सड़कों को कम्प्लीटस्ट्रीट्स के कॉन्सेप्ट में ढालकर धूल प्रदूषण से निपटना था। यह कार्यक्रम दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने राहगिरी फाउंडेशन के साथमिलकर आयोजित किया। इसमें 15 सरकारी एजेंसियों के 170 से ज्यादा इंजीनियर और टेक्नीशियन शामिल हुए, जिन्हें रोड रिडेवलपमेंट के साथधूल नियंत्रण के नई तकनीक और तरीके सिखाए गए।

कार्यक्रम बहुत अहम
इस मौके पर दिल्ली के माननीय पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा “यह कार्यक्रम बहुत अहम है क्योंकि सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व मेंदिल्ली सरकार ने धूल प्रदूषण से निपटने के लिए 24×7 सालभर की रणनीति बनाई है। ज़मीन पर इन योजनाओं को लागू करने वाले अधिकारियों कोट्रेनिंग देना उतना ही ज़रूरी है, क्योंकि किसी भी योजना की सफलता उसके सही अमल पर निर्भर करती है। हम लगातार सभी हितधारकों—सरकारीएजेंसियों, स्वतंत्र संस्थानों, एनजीओ, एक्सपर्ट्स, छात्रों और आम जनता से संवाद कर रहे हैं, क्योंकि प्रदूषण से लड़ाई सबके सहयोग से ही जीती जासकती है।”

तकनीकी ढाँचे पर फोकस
कार्यशाला में ‘कम्प्लीट स्ट्रीट्स’ बनाने के लिए तकनीकी ढाँचे पर फोकस किया गया, जिसमें शामिल थे.
• इंटरसेक्शन, खाली ज़मीन और जल स्रोतों का टोपोग्राफिकल सर्वे
• कॉन्टूर सर्वे, सतह की जाँच और लेवल का आंकलन
• यूटिलिटी सर्वे (पानी की सप्लाई, सीवरेज, ड्रेनेज, बिजली, स्ट्रीट लाइटिंग, सीसीटीवी, आदि)
• वेजिटेशन सर्वे—स्थानीय पेड़-पौधे, जैव विविधता और खास प्राकृतिक इलाकों की पहचान
• सीएक्यूएम गाइडलाइंस पर आधारित मानक डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने की प्रक्रिया सीएक्यूएम रिसोर्स लैब ने इस कार्यक्रम मेंअहम भूमिका निभाई। यहाँ अधिकारियों को डिज़ाइन ड्रॉइंग्स में मानक लेजेंड बनाने, बेस्ट प्रैक्टिसेज़ साझा करने और एनसीआर शहरों के इंजीनियरों वस्टेकहोल्डर्स को ट्रेनिंग देने का मौका मिला। यह लैब आगे भी एनसीआर शहरों को सस्टेनेबल रोड डेवलपमेंट मॉडल अपनाने में मदद करेगी।

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