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भारत में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट XFG धीरे-धीरे फैल रहा है। अब तक देशभर में इसके 206 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों से संक्रमण के केस सामने आए हैं। केवल मई महीने में 159 नए मामलों का सामनेआना विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।

मध्य प्रदेश में बढ़ रहा संक्रमण, AIIMS की रिपोर्ट में खुलासा
AIIMS भोपाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में XFG वेरिएंट तेज़ी से फैल रहा है। राज्य में लिए गए 44 कोविड नमूनों में से 28 (लगभग63%) में इस नए वेरिएंट की पुष्टि हुई है, जो राज्य के स्वास्थ्य तंत्र के लिए गंभीर संकेत है।
कैसे बना XFG वेरिएंट और क्या है इसकी उत्पत्ति?
XFG एक रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट है, जो दो अलग-अलग वेरिएंट्स – LF.7 और LP.8.1.2 – के आपस में मिलकर बनने से उत्पन्न हुआ है। जब कोईव्यक्ति एक साथ दोनों वेरिएंट्स से संक्रमित होता है, तो वायरस के जीन मिलकर एक नया रूप ले लेते हैं। यह वेरिएंट ओमिक्रॉन परिवार का ही हिस्साहै और इसकी पहचान सबसे पहले कनाडा में हुई थी। वर्तमान में यह 38 देशों में फैल चुका है।

कितना गंभीर है XFG वेरिएंट?
अब तक सामने आए अधिकांश मामलों में XFG से संक्रमित लोगों में केवल हल्के लक्षण ही देखे गए हैं – जैसे गले में खराश, सामान्य सर्दी-जुकाम, खांसी, हल्का बुखार और थकान। गंभीर लक्षण बहुत कम मामलों में सामने आए हैं, और वे भी अधिकतर उन लोगों में जिन्होंने पहले से कोई गंभीरबीमारी झेली हो या जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो। अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार ने इस वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ की श्रेणी में नहीं रखा है।

XFG के सामान्य लक्षण
इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में जो लक्षण देखे जा रहे हैं, उनमें शामिल हैं: लगातार खांसी, नाक बहना या बंद होना, गले में खराश, छींक आना, हल्का बुखार, सिरदर्द, कमजोरी और कुछ मामलों में सांस लेने में कठिनाई या निमोनिया जैसे लक्षण।

इलाज और टीकाकरण की भूमिका
XFG के लिए विशेष इलाज नहीं है, लेकिन चूंकि यह कोविड-19 का ही एक रूप है, इसलिए मौजूदा एंटीवायरल दवाएं, ऑक्सीजन थेरेपी औरलक्षणों के हिसाब से दिए जाने वाले इलाज से राहत मिल रही है। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहींपड़ी है, खासकर उन्हें जिन्होंने वैक्सीन लगवा रखी है।

क्या टीका XFG से बचा सकता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में उपलब्ध कोवीशील्ड और कोवैक्सिन सहित उनके बूस्टर डोज, इस वेरिएंट से गंभीर लक्षणों की संभावनाको कम करने में सक्षम हैं। डॉ. उज्ज्वल पारख के अनुसार, वैक्सीन लेने वालों को हल्का संक्रमण तो हो सकता है, लेकिन उनके शरीर की T-Cell इम्यूनिटी गंभीर रूप से प्रभावित होने से बचाती है।

कौन रहें सतर्क?
इस वेरिएंट से ज्यादा खतरा 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर या अस्थमा जैसी बीमारियों सेजूझ रहे लोगों को है। ऐसे लोगों को सतर्क रहने और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जा रही है।

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