
चीन ने भारत के साथ तनाव घटाने की कवायद के तहत यूरिया के निर्यात में ढील दे दी है. हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गईहै लेकिन मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत चीन से तीन लाख टन तक यूरिया का आयात कर सकता है. भारत दुनिया में यूरिया का सबसे बड़ाआयातक है। चीन ने भारत के साथ तनाव घटाने की पहल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ की घोषणा के बादकी है. भारत और चीन के बीच जून, 2020 में लद्दाख की गलवां घाटी में हिंसक झड़प के बाद से संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे. हालांकि पिछलेकुछ महीनों में हालात में सुधार दिखा है फिर भी दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर विवाद जारी है.
पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी कमी
2023 में चीन का आधा यूरिया निर्यात भारत को होता था लेकिन पिछले साल इसने दुनिया के सभी देशों को यूरिया की बिक्री रोक दी। इस जून मेंचीन ने इस प्रतिबंध में ढील दी लेकिन भारत पर लगा प्रतिबंध अभी तक जारी था अब इसमें ढील दी गई है. हालांकि 3 लाख टन की मात्र बहुतअधिक नहीं है लेकिन धीरे-धीरे इसमें बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इससे वैश्विक आपूर्ति में सुधार होने और कीमतों में कमी आने की उम्मीद है.
भारत ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वर्ष के दौरान 57 लाख टन यूरिया का आयात किया था. यह पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी कम था.
कर दी थी ढील
वहीं, प्रतिबंध के कारण चीन से होने वाला आयात 2023-24 के 18.70 लाख टन से घटकर 2024-25 में एक लाख टन के करीब रह गया था. भारत की ज्यादातर अर्थव्यवस्था अब भी कृषि पर निर्भर है और इसलिए घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत को उर्वरकों को बड़ी मात्रा में आयातकरना पड़ता है. सरकार यूरिया पर बड़ी मात्रा में सब्सिडी भी देती है ताकि किसानों पर बोझ न पड़े. 2023 में चीन का आधा यूरिया निर्यात भारत कोहोता था लेकिन पिछले साल इसने दुनिया के सभी देशों को यूरिया की बिक्री रोक दी. इस जून में चीन ने इस प्रतिबंध में ढील दी लेकिन भारत परलगा प्रतिबंध अभी तक जारी था. अब इसमें ढील दी गई है.