
चीन ने भारत के दवा उत्पादों पर 30 फीसदी आयात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया है चीन ने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर सेफार्मा आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने के ठीक बाद उठाया है इस फैसले के बाद भारत की दवा बनाने वाली कंपनियां बिना किसी सीमा शुल्कके चीन को दवाएं निर्यात कर सकेंगी ट्रंप के टैरिफ से अमेरिकी बाजार में लागत बढ़ने के बीच चीन का यह फैसला भारतीय कंपनियों को सस्ती दवाओंकी मजबूत मांग वाले वैकल्पिक बाजार के तौर पर उभर सकता है। इससे आने वाले समय में भारतीय दवा निर्यात में अरबों डॉलर की बढ़ोतरी होसकती है दो दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फार्मा उत्पादों सहित कई चीजों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था इनमें फार्मा उत्पादों पर 100 फीसदी का शुल्क प्रमुख था यह बढ़ा हुआ शुल्क एक अक्तूबर से प्रभावी होगा जिसके बाद दवाइयों से लेकर भारी ट्रकों तक आयातित सामान महंगेहो जाएंगे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिन उत्पादों पर टैरिफ की घोषणा की थी.
अमेरिका में भारत की सस्ती दवाएं भी महंगी दरों पर बिकेंगी
उनमें, किचन कैबिनेट, बाथरूम वैनिटी, गद्देदार फर्नीचर और भारी ट्रकों शामिल थे उन्होंने कहा था कि दवाइयों पर 100 फीसदी, किचन कैबिनेट औरबाथरूम वैनिटी पर 50 फीसदी, फर्नीचर पर 30 फीसदी और भारी ट्रकों पर 25 फीसदी आयात कर लगाया जाएगा. ट्रंप के दवाओं के आयात पर100 फीसदी टैरिफ लगाने के फैसले का भारत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। खासकर देश के दवा निर्माण उद्योग पर बीते वित्त वर्ष में भारतीयउद्योगों की तरफ से दुनिया को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये (27.9 अरब डॉलर) की दवाओं का निर्यात हुआ था इसमें अमेरिका को ही करीब 77 हजार करोड़ रुपये (8.7 अरब डॉलर) की दवाएं निर्यात हुई थीं भारत के दवा निर्माताओं के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार रहा है 2025 के पहलेछह महीनों में ही अमेरिका को कुल 32 हजार 505 करोड़ रुपये (3.7 अरब डॉलर) की दवाओं का निर्यात हो चुका है ऐसे में 100 फीसदी टैरिफ लगनेसे अमेरिका में भारत की सस्ती दवाएं भी महंगी दरों पर बिकेंगी.
भारत को दुनिया की फार्मेसी के रूप में जाना जाता
गौरतलब है कि भारत को दुनिया की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है भारत दुनिया भर को जेनेरिक दवाएं और टीके का निर्यात करता है अब चीन कीओर से आयात शुल्क शून्य करते हुए अपना बाजार खोलने से भारतीय फार्मा कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी उन्हें दुनिया की दूसरी सबसे अधिकआबादी वाले चीन के बड़े बाजार में समान अवसर और बेहतर पहुंच मिलेगी व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारत-चीन व्यापार संबंधोंमें संतुलन आएगा, जो अब तक बीजिंग के पक्ष में झुके रहते हैं इनका यह भी मानना है कि यह बदलाव भारत में हजारों नौकरियां पैदा करेगा, आमदनीबढ़ाएगा और वैश्विक स्वास्थ्य आपूर्ति शृंखला में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा