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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 9 और 10 जून को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विदेशों में भारत का पक्ष रखने गए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकातकरने वाले हैं। इस बैठक में भारत-पाक सीमा पर आतंकवाद और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई सैन्य कार्रवाई से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां औरसबूत साझा किए जाएंगे। इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं, जो पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का असलीचेहरा दुनिया के सामने लाने का काम कर रहे हैं।

संसद का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेशों में भारत का पक्ष रख चुका है
कांग्रेस के शशि थरूर के नेतृत्व में भारत का एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका दौरे पर भी गया था। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद, तेलुगुदेशम पार्टी के जीएम हरीश बालयोगी, भाजपा के शशांक मणि त्रिपाठी और भुवनेश्वर कालिता, शिवसेना के मिलिंद देवड़ा, भाजपा के तेजस्वी सूर्याऔर भारत के पूर्व अमेरिकी राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने औरभारत पर इसके प्रभाव को विश्व स्तर पर उजागर करना था।

प्रतिनिधिमंडलों का मकसद: दुनिया को आतंकवाद की सच्चाई बताना
दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने विदेशों में जाकर पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजित गतिविधियों को दुनिया के सामने लाने का प्रयास किया। भारत चाहताहै कि वैश्विक समुदाय आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर पाकिस्तान पर दबाव बनाए ताकि वह इस खतरे को बंद करे। भारत की उम्मीद है किअंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस विषय पर गंभीरता बढ़ेगी, जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी।

पहली मंत्रिपरिषद बैठक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद
प्रधानमंत्री मोदी इसी सप्ताह केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली मंत्रिपरिषद की बैठक होगी। यहबैठक पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसमें आतंकवाद से निपटने कीरणनीति और सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन पर भी विस्तृत चर्चा होगी।

भारत-पाक तनाव के बीच सुरक्षा रणनीतियों पर चर्चा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े सैन्य तनाव के बीच यह बैठक खास अहमियत रखती है। भारत ने आतंकवादी ठिकानों पर सटीकहवाई हमले कर अपनी जवाबी कार्रवाई की थी। अब इस कार्रवाई और उसके प्रभावों को लेकर रणनीति तय करने के लिए मंत्रिपरिषद एकजुट होगी।प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह बैठक भारत की सुरक्षा नीति को मजबूत करने और आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की दिशा में निर्णायकसाबित होगी।

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