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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान, विकास और नवाचार (आरडीआई) फंड का शुभारंभ किया। इस आर्थिकसहायता से उच्च स्तर की तकनीकी और जोखिम वाले क्षेत्रों में रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। इस फंड को जारी करने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने कहा कि रजिस्टर्ड पेटेंट के मामले में भारत में 17 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स के काम करने के लिए बेहतर वातावरण उपलब्धकराने के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। यह बताता है कि भारत अपने यहां नवाचार करने वालों और नए उद्यमियों के लिए बेहतर वातारणउपलब्ध करा रहा है। पीएम ने इमर्जिंग साइंस, टेक्नॉलोजी एंड इन्नोवेशन कांक्लेव (ESTIC) में यह बातें कही।

अंतर्गत एक विशेष निधि बनाई जाएगी
आरडीआई फंड की शुरुआत अनुसंधान और विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए की गई है। यह घोषणा विज्ञानप्रौद्योगिकी व नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी) में की गई है। एक ऐसा मंच है जो सरकार के विकसित भारत 2047 विजन को आगे बढ़ाने के लिएनीति निर्माताओं और नए इनोवेटर्स को एक मंच पर लाएगी। इसका लाभ देश में अनुसंधान से जुड़े फर्मों को मिलेगा। आरडीआई फंड का प्रबंधनविज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की दो स्तरीय संरचना के जरिए किया जाएगा। इस योजना के तहत शुरुआती स्तर पर अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधानफाउंडेशन (एएनआरएफ) के अंतर्गत एक विशेष निधि बनाई जाएगी। यह निधि 1 लाख करोड़ रुपये की होगी। एएनआरएफ इसका देखरेख औरप्रबंधन करेगी।

नीति निर्माताओं और नए इनोवेटर्स को एक मंच पर लाएगी
आरडीआई फंड दूसरे स्तर के फंड मैनेजरों जरिए पूंजी निर्माण की कवायद करेगा। इसमें वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ), विकास वित्त संस्थान(डीएफआई) और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी) शामिल हैं। ये प्रबंधक, वित्तीय, व्यावसायिक और तकनीकी विशेषज्ञों वाली स्वतंत्र निवेशसमितियों के मार्गदर्शन में, समर्थन के लिए परियोजनाओं की पहचान करेंगे और उनकी सिफारिश करेंगे। पीएम मोदी ने इसकी लॉन्चिंग के दौरान भारतकी वैज्ञानिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाली एक कॉफी टेबल बुक और देश के भविष्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लक्ष्यों को रेखांकित करनेवाला एक विजन दस्तावेज भी लॉन्च किया। आरडीआई फंड की शुरुआत अनुसंधान और विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने केलिए की गई है। यह घोषणा विज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी) में की गई है। एक ऐसा मंच है जो सरकार के विकसित भारत2047 विजन को आगे बढ़ाने के लिए नीति निर्माताओं और नए इनोवेटर्स को एक मंच पर लाएगी.

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