
महाराष्ट्र के पुणे शहर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक चार साल की बच्ची की जान उसकी मां की एक चूक की वजह से खतरेमें पड़ गई। घटना गुजर निंबालकरवाडी स्थित सोनवने बिल्डिंग की है, जहां बच्ची भाविका को उसकी मां फ्लैट में अकेला छोड़कर स्कूल में बड़ी बेटीको छोड़ने गई थी। बच्ची तीसरी मंजिल के फ्लैट में अकेली थी और खेलते-खेलते खिड़की से बाहर निकल गई। इसी दौरान वह खिड़की की लोहे कीग्रिल में बुरी तरह फंस गई। उसका आधा शरीर बाहर हवा में लटक रहा था और सिर ग्रिल में अटका था।
नीचे खड़े लोगों ने यह खतरनाक नज़ारा देखा तो अफरा-तफरी मच गई। लोग जोर-जोर से चिल्लाने लगे और मदद की पुकार करने लगे। सौभाग्य सेउसी इमारत में रहने वाले फायर ब्रिगेड कर्मी योगेश चव्हाण, जो कोथरूड फायर स्टेशन में कार्यरत हैं, उस समय छुट्टी पर थे। जैसे ही उन्हें स्थिति कापता चला, वह बिना देरी किए तीसरी मंजिल पर पहुंचे। लेकिन फ्लैट बाहर से बंद था और दरवाजे पर ताला लगा था।
योगेश चव्हाण तुरंत नीचे जाकर बच्ची की मां से चाबी लेकर ऊपर लौटे और फ्लैट का दरवाजा खोलकर तेजी से अंदर गए। उन्होंने बिना समय गंवाएबच्ची को खिड़की से खींचकर सुरक्षित बचा लिया। उनकी सूझबूझ और तत्परता से एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
इस साहसिक कार्रवाई के बाद सोसायटी में राहत की सांस ली गई और स्थानीय लोगों ने योगेश चव्हाण को हीरो करार दिया। इस घटना ने एक बारफिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि छोटे बच्चों को घर में अकेला छोड़ना कितना जोखिम भरा हो सकता है।