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पीओके में प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को झुका दिया है। पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शनकारियों की अधिकतर मांगें मानली हैं और समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही पीओके में बीते कई दिनों से चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन बंद हो गए। पाकिस्तान केकब्जे वाले कश्मीर में बीते कई दिनों से हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, जिनमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों घायल हुए।


शनिवार को पाकिस्तान की संघीय सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच विरोध प्रदर्शनों को समाप्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससमझौते के तहत पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शनकारियों की कई मांगें मान ली हैं। पीओके में बिगड़ते हालात को देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्रीशहबाज शरीफ ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल को मुजफ्फराबाद भेजा। पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ केनेतृत्व में इस प्रतिनिधिमंडल ने लगातार दो दिनों तक गहन चर्चा की, जो बीती रात को समाप्त हुई।

20 मंत्रियों और सलाहकारों तक सीमित किया जाएगा
संसदीय कार्य मंत्री तारिक फजल चौधरी ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है। उन्होंने लिखा कि’प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएसी) के साथ अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। प्रदर्शनकारी अपने घरोंको लौट गए हैं। सभी सड़कें फिर से खोल दी गई हैं। यह शांति की जीत है।’ विरोध प्रदर्शन समाप्त करने के लिए 25 बिंदुओं वाले एक समझौतादस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें पाकिस्तान सरकार हिंसा में मारे गए लोगों के लिए मुआवजा देगी, हिंसा की घटनाओं के लिए आतंकवाद केमामले दर्ज किए जाएंगे, जिनमें प्रदर्शनकारी मारे गए। शरीफ सरकार ने पीओके के मुजफ्फराबाद और पुंछ संभागों के लिए दो अतिरिक्त इंटरमीडिएटऔर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्थापित करने पर भी सहमति व्यक्त की। स्थानीय सरकार मरीजों के मुफ्त इलाज के लिए 15 दिनों के भीतर स्वास्थ्य कार्डके लिए धनराशि जारी करेगी और संघीय सरकार द्वारा पीओके के प्रत्येक जिले में चरणबद्ध तरीके से एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें उपलब्धकराई जाएंगी। यह भी सहमति हुई कि संघीय सरकार पीओके में बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए 10 अरब पाकिस्तानी रुपये देगी। जैसा किप्रदर्शनकारियों की मांग थी, उसके अनुसार, पीओके में मंत्रिमंडल का आकार घटाकर 20 मंत्रियों और सलाहकारों तक सीमित किया जाएगा, औरप्रशासनिक सचिवों की संख्या भी 20 से अधिक नहीं होगी।

नेताओं के बीच बातचीत टूट गई तो हिंसा
सरकार के आकार को कम करने के लिए कुछ विभागों का विलय किया जाएगा। यह सहमति बनी कि पाकिस्तान सरकार नीलम घाटी सड़क केकाहोरी/कामसेर (3.7 किमी) और चपलानी (0.6 किमी) पर दो सुरंगों के निर्माण के लिए अध्ययन करेगी। साथ ही कानूनी और संवैधानिक विशेषज्ञोंवाली एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति पीओके विधानसभा के सदस्यों के मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी। इस बात पर भी सहमति बनी कि मीरपुर में एकअंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए कदम उठाए जाएंगे। संपत्ति के हस्तांतरण पर कर तीन महीने के भीतर पंजाब या खैबर पख्तूनख्वा के बराबरकर दिया जाएगा। समझौते की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए एक निगरानी और कार्यान्वयन समिति का गठन किया जाएगा।
जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएसी) के नेतृत्व में पीओके में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने 38 बिंदुओं का एक चार्टरजारी किया था, जिसकी मांगें पूरी न होने पर प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतरने की चेतावनी दी थी। जब 29 सितंबर को प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल और सरकार के अधिकारियों और नेताओं के बीच बातचीत टूट गई तो हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 10 लोग मारे गए।

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