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हरियाणा पुलिस और खुफिया एजेंसियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पानीपत जिले से एक संदिग्ध पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार किया गयाहै, जो भारत की सैन्य और संवेदनशील जानकारियों को सोशल मीडिया और ऐप्स के माध्यम से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI तक पहुंचा रहाथा। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी ने फर्जी पहचान के सहारे भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी गोपनीय जानकारी एकत्र की और उसेपाकिस्तान भेजा।

गिरफ्तारी का घटनाक्रम
गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान शाहिद अली के रूप में हुई है, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली जिले का रहने वाला है लेकिन पिछलेकुछ वर्षों से पानीपत में किराये पर रह रहा था। वह पेशे से कंप्यूटर तकनीशियन बताया गया है और लोकल साइबर कैफे चलाता था। पुलिस को इसबात की भनक तब लगी जब खुफिया एजेंसियों को सोशल मीडिया पर कुछ संदिग्ध गतिविधियों का इनपुट मिला।

एजेंसियों ने आरोपी की निगरानी शुरू की और साइबर ट्रेसिंग के माध्यम से उसके मोबाइल और लैपटॉप को ट्रैक किया गया। आखिरकार एक संयुक्तअभियान के तहत हरियाणा ATS और मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम ने आरोपी को पानीपत से हिरासत में लिया।

कैसे करता था जासूसी?
जांच में खुलासा हुआ है कि शाहिद अली सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Facebook, WhatsApp, Telegram और कुछ डार्क वेब प्लेटफॉर्म्स केजरिए पाकिस्तान स्थित एजेंट्स के संपर्क में था।

वह भारतीय सैन्य छावनियों, रेलवे मूवमेंट, रडार लोकेशन, सेना की यूनिट तैनाती और उपकरणों की आवाजाही से जुड़ी तस्वीरें और दस्तावेजपाकिस्तानी एजेंट्स को भेजता था। इसके लिए उसे डिजिटल पेमेंट और क्रिप्टो करेंसी के जरिए भुगतान मिलता था।

सूत्रों के अनुसार, आरोपी को पाकिस्तानी महिला एजेंट ने ‘हनी ट्रैप’ में फंसाया था। महिला खुद को एक रिसर्च स्कॉलर बताकर आरोपी से संपर्क मेंआई और बाद में उसे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए उकसाया गया। आरोपी के पास से दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक हार्ड डिस्क और कईफर्जी पहचान पत्र बरामद किए गए हैं।

ISI से जुड़े थे तार
पुलिस का कहना है कि शाहिद के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से सीधे संपर्क थे। उसे कोड भाषा में निर्देश दिए जाते थे और वह उसी शैली मेंजवाब देता था। मोबाइल फोन से मिली चैट और ईमेल से यह भी स्पष्ट हुआ है कि वह कई बार सीमावर्ती सैन्य ठिकानों की फोटोग्राफी कर चुका था।

इसके अलावा वह रेलवे स्टेशन, सैन्य लॉजिस्टिक्स हब, और BSF की गतिविधियों पर भी निगाह रखता था। वह इन सूचनाओं को एक वर्चुअलप्राइवेट नेटवर्क (VPN) के जरिए पाकिस्तान भेजता था, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो जाती थी।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा
खुफिया एजेंसियों का कहना है कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है। आरोपी की गतिविधियों से न केवल भारत की सैन्य तैयारियोंकी जानकारी दुश्मन देश को मिल रही थी, बल्कि इससे भविष्य की सैन्य योजनाओं को भी खतरा हो सकता था। यह आशंका भी जताई जा रही है किआरोपी के नेटवर्क में और लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

पुलिस और खुफिया एजेंसियों का बयान
पानीपत पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और जल्द ही उसे अदालत में पेश कर रिमांड लिया जाएगा। हरियाणा एटीएस, मिलिट्री इंटेलिजेंस, और IB की टीम मिलकर आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है ताकि उसके नेटवर्क का पूरा खुलासा हो सके।

पड़ोसी से मिली थी सूचना
स्थानीय लोगों के मुताबिक शाहिद अली बेहद शांत स्वभाव का व्यक्ति था और किसी को अंदाजा नहीं था कि वह इस तरह की देशविरोधीगतिविधियों में शामिल है। पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी थी कि वह देर रात तक कंप्यूटर और मोबाइल पर कुछ संदिग्धकाम करता है। इसी इनपुट के आधार पर एजेंसियों ने उस पर नजर रखी।

अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा?
सूत्रों का कहना है कि शाहिद सिर्फ एक मोहरा हो सकता है और इसके पीछे एक बड़ी जासूसी साजिश छुपी हो सकती है। एजेंसियां यह पता लगानेकी कोशिश कर रही हैं कि क्या वह केवल सूचनाएं भेज रहा था या फिर देश के भीतर किसी आतंकी गतिविधि में भी उसकी भूमिका रही है।

फिलहाल, इस मामले ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है और देशभर में संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर नजर बढ़ा दी गई है।
सरकार की प्रतिक्रिया
गृह मंत्रालय ने इस गिरफ्तारी को गंभीरता से लिया है और हरियाणा सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही सभी राज्यों को भी सतर्क किया गया हैकि इस प्रकार के हनी ट्रैप और सोशल मीडिया आधारित जासूसी गतिविधियों पर नजर रखी जाए।

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