जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिससेदेशभर में गुस्से और शोक की लहर दौड़ गई। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जिसे पाकिस्तान स्थित आतंकीसंगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक मोर्चा माना जाता है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले की साजिश लश्कर कमांडर सैफुल्लाह खालिद द्वारा रची गई थी, हालांकि उसने इससे इनकार करते हुए खुद को बेगुनाह बताया है।
कसूरी का वीडियो वायरल, भारत पर लगाए आरोप
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में आतंकी समर्थक कसूरी भारतीय मीडिया और सरकार पर हमले की पटकथा गढ़ने का आरोप लगातादिखाई दे रहा है। उसने कहा कि भारत ने खुद हमला कराया ताकि पाकिस्तान को बदनाम किया जा सके। कसूरी ने खालिद के हवाले से कहा किभारत की छवि खराब करने के लिए यह हमला खुद भारतीय एजेंसियों द्वारा अंजाम दिया गया। इस वीडियो को देखकर लोगों में भारी आक्रोश है औरसोशल मीडिया पर कसूरी के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
पाक रक्षा मंत्री का दावा: आंतरिक गुस्से का परिणाम
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी इस हमले से पाकिस्तान के किसी भी संबंध को सिरे से खारिज किया। उन्होंने इसे भारत के अंदरूनीअसंतोष का परिणाम बताते हुए कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों जैसे कश्मीर, नगालैंड, मणिपुर और छत्तीसगढ़ में अस्थिरता है और यही घटनाएंभारत सरकार के खिलाफ जनता की नाराजगी का प्रतीक हैं।
भारत ने दिए कड़े जवाब, सिंधु जल संधि निलंबित
हमले के बाद भारत सरकार ने जवाबी कदम उठाते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पाकिस्तान के नागरिकों केलिए जारी किए गए भारतीय वीजा भी रद्द कर दिए गए। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद का समर्थनबंद करना होगा, अन्यथा यह निलंबन बना रहेगा।
TRF पहले भी रही है संदिग्ध गतिविधियों में शामिल
गृह मंत्रालय ने जनवरी 2023 में TRF को यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत आतंकी संगठन घोषित किया था। इससंगठन पर आतंकवादियों की भर्ती, हथियारों की तस्करी, ड्रग्स के नेटवर्क, और भारत में आतंकियों की घुसपैठ में मदद करने जैसे गंभीर आरोप हैं।अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद TRF पहली बार ऑनलाइन सक्रिय हुआ था और तब से यह कई आतंकी घटनाओं में नामजद रहा है।