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नेपाल का जेन-जी आंदोलन लगातार सुर्खियों में है अब तक 25 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग घायल भी हुए हैं युवाओं के गुस्से काये आलम है कि आक्रोशित भीड़ ने राष्ट्रपति निवास, प्रधानमंत्री आवास, देश की संसद और सुप्रीम कोर्ट जैसे भवनों को आग के हवाले कर दिया. आंदोलन के दौरान अपनी आवाज बुलंद कर रहे नेताओं ने आज प्रेस वार्ता की इसमें युवाओं के आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे सुदन गुरुंग अचानकभावुक हो गए प्रेस वार्ता में शामिल एक अन्य जेन-जी नेता दिवाकर दंगल ने कहा, ‘हम यह आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ कर रहे हैं क्योंकि देश मेंबेकाबू हो गया है. प्रेस वार्ता में शामिल एक अन्य युवा नेता जुनल गदल ने कहा, ‘हमें देश की संरक्षक के रूप में नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीशसुशीला कार्की को सर्वश्रेष्ठ विकल्प के रूप में चुनना चाहिए.

हम संविधान बदलने की कोशिश नहीं कर रहे
रिपोर्ट्स क्लब नेपाल में आयोजित इसी प्रेस वार्ता के दौरान एक अन्य आंदोलनकारी और युवा नेता अनिल बनिया ने कहा, ‘हमने यह आंदोलन बुज़ुर्गनेताओं से तंग आकर किया हमने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया, लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने आगजनी की और फिर बुनियादी ढांचोंमें तोड़फोड़ की गई ऑनलाइन सर्वेक्षणों के जरिए जेन-जी नेताओं ने सुशीला कार्की को वोट दिया. हम संविधान बदलने की कोशिश नहीं कर रहे, बल्कि उसमें जरूरी बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं छह महीने के अंदर हम चुनाव लड़ेंगे.

पार्टी के कुछ सदस्यों को गलतफहमी
एक अन्य युवा नेता दिवाकर दंगल ने कहा, ‘हम नेतृत्व संभालने में सक्षम नहीं हैं नेतृत्व संभालने के लिए हमें परिपक्व होने में समय लगेगा हमें तोड़नेकी कोशिश की जा रही है पार्टी के कुछ सदस्यों को गलतफहमी है कि वे घुसपैठ करके फूट डाल सकते हैं.’
उन्होंने आरोप लगाया कि नेपाल में हुए खून-खराबे की वजह देश के पुराने नेता हैं दिवाकर दंगल ने कहा, ‘अगर लोग खून-खराबा शुरू करेंगे, तो वे बचनहीं पाएंगे हम खून-खराबा नहीं चाहते। हम संसद भंग करना चाहते हैं, संविधान रद्द नहीं करना चाहते’
नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बीच आज युवाओं के प्रतिनिधि के रूप में सुदन गुरुंग और अन्य नेता मीडिया के सामने आए. काठमांडू में जेन-जीनेताओं की प्रेस वार्ता के दौरान अफरा-तफरी जैसा माहौल दिखा।मीडिया को संबोधित करने से पहले इस आंदोलन का चेहरा बन चुके सुदन भावुक होगए और उनके आंसू छलक पड़े.

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