केंद्र सरकार ने अवैध अप्रवास और घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 लोकसभा में पेश किया। यह विधेयक भारत मेंप्रवेश और विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट, वीजा, पंजीकरण और विदेशी नागरिकों के नियमन से संबंधित है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल परविस्तार से चर्चा करते हुए इसकी आवश्यकता और प्रभाव को स्पष्ट किया।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गृह मंत्री का बयान
लोकसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पारसी समुदाय औरइजरायल से आए यहूदी भारत में सुरक्षित हैं और यहां सम्मान के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने उन लोगों को भी सुरक्षा प्रदान की हैजो पड़ोसी देशों में प्रताड़ित होकर भारत आए हैं।
भारत का वैश्विक अप्रवासी समुदाय
गृह मंत्री ने बताया कि भारत का प्रवासी समुदाय (डायस्पोरा) विश्व में सबसे बड़ा है। उन्होंने महात्मा गांधी, सुंदर पिचाई, सत्य नडेला, ऋषि सुनक, कमला हैरिस और सुनीता विलियम्स का उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय मूल के लोग वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं। उन्होंने यहभी बताया कि भारत के 1.72 करोड़ एनआरआई (प्रवासी भारतीय) दुनियाभर में फैले हुए हैं, और यह विधेयक उनकी चिंताओं के समाधान की दिशामें भी एक कदम है।
अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त प्रावधान
गृह मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि जो लोग भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में योगदान देना चाहते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन अवैध रूप सेघुसपैठ कर भारत की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने वालों के खिलाफ यह कानून सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने रोहिंग्या और बांग्लादेशीघुसपैठियों का उदाहरण देते हुए कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लाया गया है।
विपक्ष की चिंता: कांग्रेस ने जताई आपत्ति
इस विधेयक को लेकर विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस ने चिंता व्यक्त की है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि इस विधेयक मेंसंतुलन की कमी है और इसके दुरुपयोग की आशंका है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा जाए ताकि एक संतुलितऔर न्यायसंगत कानून बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशियों के प्रवेश को नियंत्रित करना जरूरी है, लेकिन नागरिकों के मौलिक अधिकारोंकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
चार पुराने कानून होंगे समाप्त
इस विधेयक के लागू होने के बाद सरकार चार पुराने कानूनों को समाप्त कर देगी, जो अप्रवासन और विदेशी नागरिकों के नियमन से संबंधित हैं। येकानून हैं,फॉरेनर्स एक्ट 194, पासपोर्ट एक्ट 1920,रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939, इमिग्रेशन एक्ट 2000
नए विधेयक का प्रभाव
इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के तहत, सरकार को यह अधिकार मिलेगा कि वह विदेशी नागरिकों के प्रवेश, रहने और बाहर जाने की निगरानीकर सके। साथ ही, अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। इस कानून से भारत की सुरक्षा नीति को और अधिकप्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। हालांकि, विपक्ष इस विधेयक को सरकार के अधिकारों में अत्यधिक वृद्धि करने वाला मान रहा है और इसे संतुलन सेरहित बता रहा है। अब यह देखना होगा कि यह विधेयक संसद में कितना समर्थन पाता है और इसके किस रूप में कानून बनने की प्रक्रिया पूरी होतीहै।