
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बने नए होल्डिंग एरिया का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस नईव्यवस्था से यात्रियों को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि स्टेशन की भीड़ प्रबंधन प्रणाली भी और बेहतर होगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नईदिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने और बेहतर अनुभव देने के लिए अब एक ‘यात्री सुविधा केंद्र’ (Passenger Facilitation Centre) तैयार किया गया है। रेल मंत्री मंत्री ने बताया कि दो साल पहले एक अस्थायी होल्डिंग एरिया का प्रयोग किया गया था, जिससे यात्रियों को काफी राहत मिली थी। अब उसी प्रयोग को स्थायी रूप में लागू किया गया है। यह सुविधा खास तौर पर उन यात्रियों के लिए है, जो बिना आरक्षण टिकट के स्टेशन पहुंचते हैं।
यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर भीड़ का सामना न करना पड़े
रेल मंत्री ने बताया कि अब सभी टिकट काउंटर इस केंद्र में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। अगर किसी यात्री के पास आरक्षित टिकट है, तो वह सीधेप्लेटफॉर्म की ओर जा सकता हैं। अगर टिकट नहीं है, तो वह यहां आकर आराम से टिकट खरीद सकता है और व्यवस्थित तरीके से प्रवेश कर सकताहै। यह केंद्र यात्रियों को बैठने की बड़ी जगह, पर्याप्त शौचालय और आरामदायक माहौल प्रदान करेगा। रेल मंत्री ने कहा कि यह नई दिल्ली स्टेशन केलिए स्थायी सुविधा है, ताकि यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर भीड़ का सामना न करना पड़े।
देशभर में रेलवे के ढांचे को नए रूप में विकसित किया जा रहा
रेल मंत्री ने बताया कि देशभर के 76 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर, जहां भीड़ अधिक रहती है, इसी तरह की स्थायी व्यवस्था लागू की जाएगी। आने वालेसमय में, जब छठ और दीपावली जैसे त्योहारों पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ेगी, तब इस नई प्रणाली की व्यावहारिक परीक्षा होगी। उस अनुभव केआधार पर अन्य स्टेशनों पर भी ऐसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेल मंत्रालय लगातार यात्री सुविधाओं को एक नएस्तर तक पहुंचाने के प्रयास में जुटा है। उन्होंने बताया कि आने वाले फरवरी या मार्च तक आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्मकॉर्पोरेशन) की क्षमता करीब दस गुना बढ़ जाएगी। साथ ही, यात्रियों में रेल वन ऐप को लेकर भी रुझान तेजी से बढ़ रहा है। मंत्री ने कहा, हम हर तरहकी प्रतिक्रिया को गंभीरता से लेते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में रेलवे के ढांचे को नए रूप में विकसित किया जा रहा है।