
अमेरिका और ब्रिटेन के बीच जीरो टैरिफ डील पर सहमति बन गई है। फार्मा सेक्टर की कंपनियों को इस डील से बड़े लाभ होने के आसार हैं। दोनोंदेशों के बीच हुए इस करार का असर तीन साल तक रहेगा। अधिकारियों के मुताबिक ब्रिटेन ने कम से कम तीन साल के लिए अमेरिका में निर्यात कीजाने वाली सभी दवाओं पर जीरो परसेंट टैरिफ की दर पक्की कर ली है। इसके बदले में ब्रिटेन अब नई दवाओं पर अधिक खर्च कर सकेगा। इस डीलके तहत अमेरिका ने आश्वासन दिया है कि ब्रिटेन में बनी दवाओं, दवा में इस्तेमाल होने वाली चीजें (इंग्रेडिएंट्स) और मेडिकल टेक्नोलॉजी को इंपोर्टटैक्स से छूट मिलेगी। अमेरिका और ब्रिटेन के बीच हुए इस समझौते के बारे में अधिकारियों ने सोमवार को कहा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नीत प्रशासन नेकहा है कि इस डील के बदले में UK की दवा कंपनियों ने अमेरिका में अधिक निवेश करने और अधिक नौकरियों के अवसर सृजित करने का वादाकिया है। दूसरी तरफ ब्रिटेन में प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा है कि यूके से सभी दवाओं के निर्यात पर जीरो परसेंट रेट किसी भीदेश को दी गई सबसे कम दर है। इस डील के हिस्से के तौर पर ब्रिटेन ने कहा है कि देश की सरकार नेशनल हेल्थ सर्विस नए और असरदार इलाज परलगभग 25 परसेंट अधिक खर्च करेगी। यह भी दिलचस्प है कि बीते दो दशकों में इस तरह के खर्च में सरकार ने पहली बार इतनी बड़ी बढ़ोतरी करनेका एलान किया है।
रिचर्ड टॉरबेट ने कहा
अधिकारियों के मुताबिक इस डील के बाद UK की हेल्थ अथॉरिटी अब उन दवाओं को भी मंजूरी दे पाएंगी जिनकी मदद से सेहत में काफी सुधारहोता है। इससे पहले केवल कॉस्ट-इफेक्टिवनेस के आधार पर दवाओं को मंजूरी देने से मना कर दिया गया था। इन बीमारियों में ब्रेकथ्रू कैंसर ट्रीटमेंटया रेयर बीमारियों की थेरेपी भी शामिल हैं। ब्रिटेन के साइंस और टेक्नोलॉजी सेक्रेटरी लिज केंडल ने कहा, अमेरिका के साथ यह जरूरी डील पक्काकरेगी कि ब्रिटेन के मरीजों को उनकी जरूरत के मुताबिक दवाएं जल्दी मिलें। साथ ही दुनिया की शीर्ष कंपनियों के साथ काम कर रहे वैज्ञानिक ऐसेइलाज पर शोध कर सकें जिन्हें अपनाकर जिंदगी बदली जा सके। ब्रिटेन में स्वास्थ्य क्षेत्र की शीर्ष इकाई- एसोसिएशन ऑफ द ब्रिटिश फार्मास्युटिकलइंडस्ट्री (ABPI) ने भी जीरो टैरिफ डील को लेकर खुशी का इजहार किया। इंडस्ट्री ने कहा, यह डील पक्का करने की दिशा में एक जरूरी कदम है किमरीज राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के तहत बेहतर लाभ पा सकेंगे। मरीजों को जरूरी और नई दवाएं आसानी से मिल सकेंगी। ABPI अधिकारीरिचर्ड टॉरबेट ने कहा, इस डील के बाद UK ग्लोबल लाइफ साइंस इन्वेस्टमेंट और एडवांस्ड मेडिसिनल रिसर्च को आकर्षित कर सकेगा। मेडिकल सेजुड़े शोध में देश की स्थिति और मजबूत होगी।