नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस वार्ता में दिल्ली की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।उन्होंने कहा कि राजधानी में भाजपा की सरकार बनने के बाद निजी स्कूलों ने बेहिसाब फीस वृद्धि शुरू कर दी है, जिससे अभिभावकों में गहरा आक्रोशहै।
डीपीएस द्वारका में फीस न भरने पर 34 बच्चों को निकाला गया
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि द्वारका स्थित डीपीएस स्कूल ने फीस वृद्धि का विरोध करने वाले 34 छात्रों को स्कूल से निष्कासित कर दिया। उन्होंनेकहा कि जिन बच्चों के माता-पिता ने बढ़ी हुई फीस नहीं दी, उन्हें स्कूल में कक्षा में नहीं बैठने दिया गया और लाइब्रेरी में बैठाकर मानसिक रूप सेप्रताड़ित किया गया। अंततः इन बच्चों को स्कूल बस से लौटा दिया गया और कहा गया कि उनका नाम हटा दिया गया है।
भाजपा सरकार की नीयत पर सवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जनता का गुस्सा शांत करने के लिए फीस ऑडिट का दिखावा किया। शिक्षा विभाग ने एसडीएम के जरिएजांच की घोषणा की थी और कहा था कि 15 दिनों में रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी, लेकिन कई हफ्ते बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट सामने नहीं आईहै।
जांच रिपोर्ट के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति ने स्पष्ट रूप से माना कि डीपीएस द्वारका बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहाहै। बावजूद इसके, दिल्ली सरकार ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
भाजपा और प्राइवेट स्कूलों की ‘सांठगांठ’ का आरोप
आप नेता ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर कार्रवाई से बच रही है क्योंकि प्राइवेट स्कूलों के संगठन के अध्यक्ष भरत अरोड़ा भाजपा कीदिल्ली कार्यकारिणी में शामिल हैं। उन्होंने कहा, “जब संगठन का अध्यक्ष ही सरकार के साथ बैठा है तो कार्रवाई कैसे संभव होगी?”
अखबारों पर भी सवाल
प्रेस वार्ता में भारद्वाज ने कुछ बड़े अंग्रेजी अखबारों को भी आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद उन्होंने खबरप्रकाशित नहीं की। उन्होंने कहा कि ये अखबार उन पाठकों के साथ भी धोखा कर रहे हैं, जिनके बच्चे इन्हीं स्कूलों में पढ़ते हैं।
आप सरकार में कभी नहीं हुई थी ऐसी मनमानी
पूर्व मंत्री ने कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब निजी स्कूलों की मनमानी पर सख्ती से रोक थी। केजरीवाल सरकार केदौरान किसी स्कूल को मनचाही फीस बढ़ाने या बच्चों को प्रताड़ित करने की इजाजत नहीं थी।