
गुरुवार सुबह दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे दहशत में आए लोग अपने घरों से बाहरनिकलकर खुले स्थानों पर पहुंच गए। फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन झटकों की तीव्रता इतनी थी कि कईइमारतें हिल गईं और लोगों में घबराहट फैल गई।
झज्जर में था भूकंप का केंद्र
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था, जहां सुबह 9:04 बजे रिक्टर स्केल पर 4.4 तीव्रता वाला भूकंप दर्जकिया गया। इसके झटके जींद, बहादुरगढ़ और सोनीपत जैसे इलाकों में भी महसूस किए गए। खासकर बहादुरगढ़ और सोनीपत में लोग तेज झटकोंके कारण घरों से बाहर निकल आए।
हाईराइज इमारतों में दहशत का माहौल
दिल्ली और नोएडा की ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग भूकंप के झटकों से ज्यादा प्रभावित हुए। कई रिहायशी सोसायटी में लोग अचानक बाहरनिकल आए और काफी देर तक खुले में ही डटे रहे। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भी अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने बताया कि मकानकुछ सेकंड के लिए झूलने जैसा महसूस हुआ।
17 फरवरी को भी आया था भूकंप
इससे पहले 17 फरवरी 2024 को भी दिल्ली और उसके आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस समय भूकंप सुबह 5:37 बजे आया थाऔर इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई थी। इसका केंद्र नई दिल्ली में जमीन से 5 किलोमीटर की गहराई पर था। गहराई कम होने के कारण उस समय भीइसका असर दिल्ली-एनसीआर में अधिक महसूस किया गया था।
भूकंप के पीछे का वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी की सतह सात प्रमुख और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है, जो लगातार गति करती रहती हैं। जब ये प्लेट्सएक-दूसरे से टकराती हैं, तो उनके किनारे मुड़ने या टूटने लगते हैं। इस प्रक्रिया में संचित ऊर्जा जब बाहर निकलती है, तो धरती की सतह पर कंपनहोता है, जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं।