
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को सचिवालय में एक खास बैठकबुलाई. इसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मच्छरों के प्रजनन पर चालान काटने से पहले दो बार चेतावनी दी जाए. साथ ही, फॉगिंग जल्दशुरू कर मच्छरों का खात्मा किया जाए। सीएम ने जागरूकता, निगरानी और त्वरित कार्रवाई पर जोर देते हुए कहा कि अगले दो महीने डेंगू की रोकथामके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. बैठक में दिल्ली नगर निगम, जल बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. सीएम ने कहा कि दिल्ली मेंअभी डेंगू का प्रकोप नहीं फैला, लेकिन पहले से सतर्क रहना जरूरी है.
प्रजनन को रोकने के लिए विशेष अभियान
स्कूलों, पार्कों, अस्पतालों और खुले स्थानों में मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं. लोगों को जागरूक करने के लिएप्रचार के सभी साधनों का इस्तेमाल हो. उन्होंने निर्देश दिया कि फॉगिंग, जो आमतौर पर सितंबर में शुरू होती है. उसे तुरंत शुरू किया जाए. सीएम नेयह भी सुनिश्चित करने को कहा कि दवाओं या मशीनरी की कोई कमी न हो। अगर कोई दिक्कत आए तो तुरंत सूचना दी जाए. उन्होंने बताया कि अबतक 5,09,524 घरों में फॉगिंग और मच्छरनाशक स्प्रे का काम हो चुका है. 71,086 घरों में मच्छरों का लार्वा मिला, जिन्हें मौके पर नष्ट किया गया।इसके अलावा 279 जगहों पर लार्वीवोरस मछलियां छोड़ी गई हैं, जो मच्छरों के लार्वा को प्राकृतिक रूप से खत्म करती हैं. रेखा गुप्ता ने कहा कि डेंगूसे बचाव सिर्फ सरकार का काम नहीं, जनता की भागीदारी भी जरूरी है. उन्होंने लोगों से घरों में पानी जमा न होने देने और सफाई रखने की अपीलकी।सीएम ने कहा कि दिल्ली में अभी डेंगू का प्रकोप नहीं फैला, लेकिन पहले से सतर्क रहना जरूरी है.
प्रचार के लिए हो साधनों का इस्तेमाल
स्कूलों, पार्कों, अस्पतालों और खुले स्थानों में मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं। लोगों को जागरूक करने के लिएप्रचार के सभी साधनों का इस्तेमाल हो. MCD की एक विशेष जांच में 12,344 स्थानों पर निरीक्षण किया गया. जिनमें से 1,415 जगहों पर मच्छरोंका प्रजनन पाया गया और स्थल पर ही नष्ट किया गया ऊपर से जारी 3,408 स्टिकर, 197 बैनर, 939 कानूनी नोटिस, और 209 मुकदमे दर्ज किएगए वर्ष 2025 में अब तक 246 डेंगू, 101 मलेरिया और 17 चिकनगुनिया के केस सामने आए है. जो पिछले वर्षों से काफी अधिक हैं मौसम वृद्धि(मॉनसून) के कारण मच्छरजनिक बीमारियों का खतरा तेज़ हो जाता है इसलिए सरकार अगले दो महीनों (जुलाई–अगस्त) को ‘निवारण-अभियान’ केरूप में ले रही है सतर्कता चुनौतियों से पहले अधिकतर कार्रवाई की जा रही है: फॉगिंग, जैविक नियंत्रण (मछलियाँ), दो चेतावनी प्रणाली, जागरूकताअभियानों के माध्यम से समुदाय को जागरूक किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने बार-बार जनता के सहयोग को जरूरी बताया है पानी जमा न होने दें. साफ-सफाई बनाए रखें. सरकार और जनता मिलकर ही इन बीमारियों से बचाव संभव है.