पायलट ने उड़ान से किया इनकार, कारण बताए स्वास्थ्य और ड्यूटी घंटे
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को उस वक्त अनपेक्षित स्थिति का सामना करना पड़ा जब जलगांव एयरपोर्ट पर उनके चार्टर्ड विमान केपायलट ने उड़ान भरने से मना कर दिया। शुक्रवार को मुक्ताईनगर दौरे के बाद जब शिंदे मुंबई लौटने वाले थे, पायलट ने बताया कि वह पिछले 12 घंटे से लगातार उड़ान भर रहा है और अब उड़ान के लिए फिट नहीं है। DGCA के नियमों के अनुसार, पायलट की अधिकतम ड्यूटी अवधि 8-9 घंटेहोती है, जिसे कुछ परिस्थितियों में 13 घंटे तक बढ़ाया जा सकता है।
मंत्री और अधिकारियों ने की समझाइश, फिर खुद पहुंचे शिंदे
स्थिति गंभीर होते देख मंत्री गिरीश महाजन और गुलाबराव पाटिल ने पायलट को समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। आखिरकारएकनाथ शिंदे खुद पायलट के पास पहुंचे और बातचीत के बाद करीब 45 मिनट में पायलट उड़ान भरने को तैयार हो गया। इस पूरी घटना के दौरानयात्री वेटिंग रूम में इंतजार करते रहे।
चार्टर्ड फ्लाइट में बीमार महिला को दी जगह
इस बीच एक मानवता से जुड़ी घटना भी सामने आई। एयरपोर्ट पर एक महिला, शीतल बोर्डे, जो किडनी की बीमारी से जूझ रही थीं और अपनीफ्लाइट मिस कर चुकी थीं, परेशान नजर आईं। जानकारी मिलने पर मंत्री गिरीश महाजन ने यह बात शिंदे तक पहुंचाई। डिप्टी सीएम ने तत्कालनिर्णय लेते हुए महिला और उसके पति को अपने चार्टर्ड विमान में जगह दे दी। रास्ते में उन्होंने महिला की तबीयत और सर्जरी की जानकारी ली। मुंबईपहुंचने पर उनके लिए एंबुलेंस और सर्जरी की व्यवस्था कराई गई।
DGCA नियमों का पालन, फिर भी समाधान निकाला
हालांकि पायलट का रिफ्यूज़ल पूरी तरह DGCA नियमों के अनुरूप था, फिर भी एयरलाइन और प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद समाधान निकल सका।यह घटना न सिर्फ सुरक्षा प्रोटोकॉल की अहमियत दर्शाती है, बल्कि नेतृत्व के लचीलेपन और मानवीय संवेदनशीलता की मिसाल भी पेश करती है।