
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत कल मणिपुर पहुंचने वाले हैं। 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से यह उनकापहला राज्य दौरा है। संगठन के एक पदाधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। आरएसएस के राज्य महासचिव तरुण कुमार शर्मा ने पीटीआई कोबताया, भागवत अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान नागरिकों, उद्यमियों और जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे। शर्मा ने कहा, हमारे सरसंघचालक की यह यात्रा आरएसएस की शताब्दी समारोह से जुड़ी हुई है। वह 20 नवंबर को गुवाहाटी से आएंगे और 22 नवंबर को रवानाहोंगे।
मुख्य रूप से संगठन के अंदरूनी कार्यक्रम का हिस्सा
एक अन्य संघ पदाधिकारी ने कहा कि दो साल पहले हिंसा भड़कने के बाद यह भागवत की पहली यात्रा होगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने आखिरी बार2022 में मणिपुर का दौरा किया था। शर्मा ने बताया कि यात्रा के दौरान प्रमुख नागरिकों, जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों और युवा नेताओं केसाथ अलग-अलग बातचीत के सत्र आयोजित किए जाएंगे। शर्मा ने कहा, आगमन के दिन वह इंफाल के कोन्जेंग लाइकाई में उद्यमियों और अन्यप्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे। 21 नवंबर को भागवत मणिपुर की पहाड़ियों के जनजातीय नेताओं से मुलाकात और बातचीत करेंगे। जब पूछा गयाकि क्या आरएसएस प्रमुख उन राहत शिविरों का दौरा करेंगे, जहां पिछले दो साल से विस्थापित लोग रह रहे हैं, तो शर्मा ने कहा, अभी तक यहकार्यक्रम में शामिल नहीं है। यह यात्रा मुख्य रूप से संगठन के अंदरूनी कार्यक्रम का हिस्सा है।
राहत शिविरों का दौरा इसमें शामिल नहीं
मई 2023 से मणिपुर में मेतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गयाहै, जिसकी अवधि 2027 तक थी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 2023 की जातीय हिंसा के बाद मणिपुर का अपना पहला दौरा करेंगे। वह तीनदिन की यात्रा में नागरिकों, उद्यमियों और जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे। उनकी यात्रा मुख्य रूप से संगठन के कार्यक्रमों से जुड़ीहै और राहत शिविरों का दौरा इसमें शामिल नहीं है।