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भारत की स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने एक बार फिर विश्व मंच पर देश का परचम लहराया। उन्होंने शुक्रवार को नॉर्वे के फोर्डे में चल रहीभारोत्तोलन विश्व चैंपियनशिप में महिला 48 किग्रा वर्ग में रजत पदक अपने नाम किया। यह मीराबाई का इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में तीसरा पदक है।
मीराबाई चानू हालफिलहाल में चोट से काफी जूझती रही हैं। इसी वजह से पिछले कुछ टूर्नामेंट्स में उनका प्रदर्शन कुछ नहीं रहा था, लेकिन विश्वभारोत्तोलन चैंपियनशिप में उन्होंने जलवा बिखेरा। उनका यह प्रदर्शन साबित करता है कि चोटों और संघर्षों के बावजूद वह आज भी विश्व वेटलिफ्टिंगमें भारत की सबसे बड़ी उम्मीद बनी हुई हैं। उनका यह रजत पदक आने वाले पेरिस ओलंपिक 2028 की तैयारियों की दिशा में एक मजबूत कदममाना जा रहा है।

चानू का प्रदर्शन स्नैच में उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा
मीराबाई चानू 2017 में विश्व चैंपियन बनी थीं और 2022 में उन्होंने रजत पदक हासिल किया था। इस बार उन्होंने 48 किग्रा वर्ग में उतरकर 199 किग्रा (84 किग्रा स्नैच + 115 किग्रा क्लीन एंड जर्क) का कुल भार उठाया और पोडियम तक पहुंचीं। चानू इससे पहले 49 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धाकर रही थीं, लेकिन रणनीतिक बदलाव के चलते उन्होंने 48 किग्रा वर्ग में हिस्सा लिया।चानू का प्रदर्शन स्नैच में उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। उन्होंने87 किग्रा का वजन दो बार उठाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहीं। हालांकि, तीसरे प्रयास में 84 किग्रा सफलतापूर्वक उठाया। इसके बादक्लीन एंड जर्क में उन्होंने शानदार वापसी की और तीनों प्रयास सफलतापूर्वक पूरे किए। चानू ने तीन प्रयासों में 109 किग्रा, 112 किग्रा और 115 किग्रा का भार उठाकर सबको प्रभावित किया।

पेरिस ओलंपिक 2028 की तैयारियों की दिशा
मीराबाई ने पिछली बार टोक्यो ओलंपिक (2021) में क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा उठाया था, जहां उन्होंने भारत को ऐतिहासिक रजत पदकदिलाया था। इस बार भी उसी ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ उन्होंने यह वजन आसानी से उठाया।भारतीय टीम के मुख्य कोच विजय शर्मा ने पहलेही कहा था कि इन विश्व चैंपियनशिप का लक्ष्य मीराबाई को फिर से 200 किग्रा का आंकड़ा पार कराने का है और उन्हें 49 किग्रा वर्ग में उठाए गएभार के करीब लाना है। हालांकि, चानू 199 किग्रा तक ही पहुंच सकीं, लेकिन उनका प्रदर्शन उत्साहवर्धक रहा। प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक उत्तरकोरिया की रि सोंग गुम के नाम रहा। उन्होंने 213 किग्रा (91 किग्रा स्नैच + 122 किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाकर नए विश्व रिकॉर्ड बनाए। खासकरउनके अंतिम दो प्रयास (120 किग्रा और 122 किग्रा) ऐतिहासिक साबित हुए। इस मुकाबले का कांस्य पदक थाईलैंड की थनयाथोन सुक्चारो नेजीता। उन्होंने 198 किग्रा (88 + 110 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया। मीराबाई चानू का यह प्रदर्शन साबित करता है कि चोटोंऔर संघर्षों के बावजूद वह आज भी विश्व वेटलिफ्टिंग में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद बनी हुई हैं। उनका यह रजत पदक आने वाले पेरिस ओलंपिक2028 की तैयारियों की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।

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