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आम आदमी पार्टी ने गोवा में जिला पंचायत चुनाव के साथ ही एसआईआर कराने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। गोवा प्रभारी आतिशी के नेतृत्व मेंशुकवार को ‘‘आप’’ प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग से मुलाकात की और जिला पंचायत चुनाव के साथ एसआईआर कराने परसवाल उठाए। वहीं, ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर गोवा में जिला पंचायत चुनाव के साथएसआईआर कराने पर आपत्ति जताई। आतिशी ने कहा कि सभी दल जिला पंचायत चुनाव में व्यस्त हैं, तो एसआईआर प्रक्रिया की निगरानी कैसे करपाएंगे? 13 दिसंबर को जिला पंचायत चुनाव खत्म हो जाएगा। इसके बाद भी एसआईआर शुरू की जा सकती है। फिर इतनी हड़बड़ी क्यों की जारही है? प्रतिनिधि मंडल में ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता और गोवा के अध्यक्ष अमित पालेकर भी शामिल थे।

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा
शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद गोवा प्रभारी और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि हमारी चुनाव आयोग सेमुलाकात गोवा में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर थी। गोवा में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 9 दिसंबर को ड्राफ्ट रोल जारी होना है। आम आदमी पार्टी की चिंता इस बात की है कि गोवा में इसी दौरान जिला पंचायत चुनाव भी चल रहा है। 13 दिसंबर को जिला पंचायत चुनाव है और आज उसकी आरक्षण घोषणा हुई है। दो-तीन दिन में आचार संहिता लग जाएगी। स्वाभाविक रूप से चुनावके समय सभी राजनीतिक दलों की मशीनरी प्रचार और चुनावी प्रक्रिया में व्यस्त हो जाती है। किसी भी दल को एसआईआर प्रक्रिया की निगरानी यापर्यवेक्षण का समय नहीं मिल पाएगा। राजनीतिक दलों के अपने बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) होते हैं, जिन्हें ऐसे समय पर नियुक्त किया जाता है।लेकिन यदि कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में लगे हैं तो वे एसआईआर की निगरानी नहीं कर पाएंगे।
चुनाव दोनों प्रक्रियाएं एक साथ क्यों
आतिशी ने सवाल किया कि गोवा में एसआईआर और जिला पंचायत चुनाव दोनों प्रक्रियाएं एक साथ क्यों चलाई जा रही हैं? जिला पंचायत चुनावतीन हफ्ते बाद हो सकता था या एसआईआर की प्रक्रिया तीन हफ्ते बाद शुरू की जा सकती थी। लेकिन ऐसी क्या आपात स्थिति आ गई कि दोनोंको एक ही समय पर एक ही चुनावी मशीनरी के साथ हड़बड़ी में किया जा रहा है? आतिशी ने कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि गोवा समेत12 राज्यों में शुरू हुई एसआईआर प्रक्रिया में चुनाव आयोग ने विस्तृत प्रक्रिया बनाई है। मसलन, यदि ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में किसी का नाम गलततरीके से शामिल हो जाए तो नोटिस भेजा जाएगा, जांच होगी और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। लेकिन यदि किसी का नाम ड्राफ्ट रोल से छूटजाए तो उसका नाम शामिल करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे व्यक्ति को नए मतदाता के रूप में फिर से नामांकन करना पड़ेगा।

ड्राफ्ट रोल में मेरा नाम ही नहीं
आतिशी ने बताया कि एक मतदाता होने के नाते यदि मैंने किसी ने है तो मुझे कैसे पता चलेगा कि ड्राफ्ट रोल में मेरा नाम ही नहीं है? इसलिए आमआदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि गलत तरीके से नाम छूटने वालों के लिए भी प्रावधान होना चाहिए। वोट का अधिकार सबसे बड़ा संवैधानिक अधिकार है और यदि नाम छूट जाए तो चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की जिम्मेदारी है कि मतदाता को सूचित किया जाए और उसका नाम जोड़ा जाए। इन दोनों मुद्दों पर हमारी चुनाव आयोग से चर्चा हुई। चुनाव आयोग ने गोवा में एसआईआर और जिलापंचायत चुनाव की प्रक्रिया एक साथ करने की जरूरत पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला। राजनीतिक दलों की निगरानी में एसआईआर क्यों नहीं होरही है, इस पर भी स्पष्टता नहीं मिली। आतिशी ने कहा कि 13 दिसंबर को जिला पंचायत चुनाव है तो 14 दिसंबर से एसआईआर शुरू की जा सकती थी। गोवा विधानसभा चुनाव तो फरवरी 2027 में है, फिर ऐसी क्या हड़बड़ी है? दोनों प्रक्रियाएं एक साथ चलने से पर्याप्त निगरानी नहीं हो पाएगी। आम आदमी पार्टी की ओर से ड्राफ्ट रोल आने पर पूरी जांच की जाएगी और गलत तरीके से नाम काटे जाने की पहचान की जाएगी।

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